*सवाल ये नहीं है की तालिबान क्या कर रहे है , सवाल ये है की तालिबान को सम्पूर्ण मुस्लिम समुदाय का मौन समर्थन है और इसका सीधा अर्थ है की सम्पूर्ण मुस्लिम समुदाय की मानसिकता तालिबान की ही है ।*
*अफगानिस्तान में तालिबान तांडव मचा रहा है, परंतु अब न ही मलाला दिखाई दे रही है,और न ही मियाँ खलीफा .. रिहाना और ग्रेटा भी अब गायब हैं। भारतीय शान्ति दूतों के स्वरों को भी साँप सूंघ गया है।*
*तालिबान ने टाइट कपड़े पहनने पर लड़की को भूना,सरकारी कर्मचारियों से पत्नियाँ सौंपने को कहा, मुगलिया सल्तनत का डेमो देख लो भारतीय सेक्युलरों*
*जब तक हिंदू हैं तब तक हीअभिव्यक्ति का झुनझुना बजा पाओगे उसके बाद अभिव्यक्ति कहा जायेगी पता नहीं*
*इस्लाम क्या है इसे समझना है तो* *अफगानिस्तान और तालिबान को देख लो*
*ये अपनों के ही नहीं तो ओर किसी के क्या होंगे*
*ताज्जुब है की हमारे कुछ नेता चंद वोटों के खातिर इनको बढावा देते है*
*कल्पना करो अफगानिस्तान की महिला व बच्चियों का अब क्या हाल होना है*
*सोच कर देखो मुगलों ने तत्कालिन हिन्दु भाई बहनो के साथ क्या क्या किया होगा* ।
*चप्पे चप्पे पर इनकी क्रूरता का इतिहास है*
*और आज भी ये नये नये इतिहास बनाते जा रहे है*
*फिर भी कुछ जयचंदो को नहीं दिखता,*
*आज भी कुछ लोग बांग्लादेशी व रोंहिग्या का साथ देकर क्या अपने घर व देश को असुरक्षित नहीं कर रहे हैं क्या?*
*होली,दीवाली या 15 अगस्त व 26 जनवरी को ही देश पर आतंकी घटना का अंदेशा क्यूं होता है ?ईद, बकरीद व मोहर्रम को कोई खतरा क्यूं नही रहता*
*अगर विवेक है तो चिंतन करो*
*🙏🙏🙏 जय हिन्द🙏🙏🙏*
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