पालमपुर और आसपास के क्षेत्रों में कोरोना वायरस का कहर पहुंचा चरम सीमा पर कुछ कोरोना पॉजिटिव दुकानदारों पर कानून की धज्जियां उड़ाने का आरोप

पालमपुर, पपरोला और भवारना के बहुत से दुकानदार कोविड-19 महामारी से ग्रस्त पाए गए

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पालमपुर
राजेश सूर्यवंशी, Editor-In-Chief

Covid-19 वैश्विक महामारी ने पालमपुर, पपरोला, बैजनाथ, भवारना, नगरोटा और कई समीपवर्ती क्षेत्रों में कोहराम मचा रखा है। हालात दिनोदिन डरावने होते जा रहे है । Social distancing और कोविड से जुड़े सरकारी नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाते हुए लोगों को देखा जा सकता है। ब्याह-शादियों में नियमों की खुली धज्जियां उड़ रही हैं। शादियों में सरेआम देर रात तक विवाह पार्टियों में खूब शराब पीकर लोग नियम तोड़ रहे हैं। इस तरह की लापरवाही बरतने से ही कोरोना वायरस लोगों को अपनी गिरफ्त में जकड़ता जा रहा है।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि अभी हाल ही में पालमपुर, पपरोला और भवारना के बहुत से दुकानदार कोविड-19 महामारी से ग्रस्त पाए गए। उनका पूरा परिवार संक्रमित था लेकिन पैसे के लोभ ने उन्हें अंधा बना दिया। कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद दुकानदारों ने अपनी दुकानें खुली रखीं और अभी भी रख रहे हैं लोगों की जान को जोखिम में डाल कर। धन को लोभ उनके सिर पर इतना हावी है कि वे बीमारी की हालत में सरकारी नियमानुसार अपनी दुकानें बंद नहीं रख सके। पालमपुर बाजार के कुछ धन्नासेठों ने तो पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद दुकाने खुली रखीं और खुलेआम सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाने में तनिक भी संकोच नहीं किया। न जाने कितने मासूम लोगों को मौत के मुंह में धकेला इन ज़ालिम व्यापारियों ने, मात्र चंद रुपयों की खातिर।

दुःख की बात है कि यह दुकानें पालमपुर में एसडीएम और पुलिस कार्यालय के आसपास मुख्य बाजार में स्थित हैं लेकिन कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सका। नियमानुसार दुकानें बंद की जानी चाहिए थीं ताकि खरीददारों की जान को ख़तरा न हो। ऐसा ही एक मामला भवारना बाजार में देखने को मिला जहां डॉक्टर पति-पत्नी कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद अपना क्लिनिक खोल कर मरीजों के अल्ट्रासाउंड करते रहे और धन कमाने के लालच में लोगों की जान से खेलतें रहे। सरकारी नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गईं। जब स्वास्थ्य विभाग को पता चला तो अधिकारियों ने कड़ा संज्ञान लेते हुए उक्त डॉक्टर दंपत्ति को प्यार से समझाया लेकिन न मानने पर पुलिस ने उनके विरुद्ध कार्यवाही की तब कहीं जाकर, माफी मांग कर उन्होंने क्लिनिक बंद किया।

लोगों ने पुलिस एवं प्रशासन से मांग की है कि कानून के दुश्मन और मानवता के सौदागर इन दुकानदारों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाए तथा कम से कम 6 महीने के लिए डिफॉल्टर दुकानदारों की दुकानें सील की जाएं ताकि दोबारा कोई ऐसी घिनोनी हरकत करके कानून का मज़ाक न उड़ा सके। पुलिस और प्रशासन को भी चाहिए कि ऐसे जानलेवा मामलीं में वे किसी भी प्रेशर में न आएं तथा नियम तोड़ने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही करके उन्हें सबक सिखाएं। कुछ प्रभावशाली दुकानदार या व्यापारी लोग कानून को अपनी जेब में समझते हैं इसी कारण उनमें डर नाम की कोई चीज़ नज़र नहीं आ रही।

उल्लेखनीय है कि जबसे कोरोना वायरस ने अपने पांव पसारे हैं उसी समय से सरकार, पुलिस-प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से, ईमानदारी और लगन के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में दिन-रात जुटे हुए हैं ताकि कीमती जानें बचाई जा सकें लेकिन कुछ लापरवाह लोग निजी स्वार्थ के चलते अन्य लोगों की जान को जोखिम में डालने का जो दुस्साहस कर रहे हैं वह दंडनीय, निन्दनीय व अक्षम्य है। उनकी खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जानी चाहिए ताकि भविष्य में पुनः वे ऐसी कोताही न बरतें।

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