स्नो -फ़ेस्टिवल में, आज से सीस्सु में फ़ूड फ़ेस्टिवल की धूम, पर्यटक लाहौल- स्पीति के पारम्परिक ज़ायकों व जनजातीय संगीत ले रहे आनन्द। नार्थ पोर्टल में जनजातीय संस्कृति के रंग।
फ़ेस्टिवल ऑफ फ़ेस्टिवल में अब एक ही स्थान पर लाहौल-स्पीति के विभिन्न ज़ायकों के साथ चटकारे ले रहे हैं। आज से सिस्सु हेलिपैड पर फ़ूड फ़ेस्टिवल आयोजन का शुभारम्भ हुआ।
स्नो -फ़ेस्टिवल में, आज से सीस्सु में फ़ूड फ़ेस्टिवल की धूम
पर्यटक लाहौल- स्पीति के पारम्परिक ज़ायकों व जनजातीय
संगीत ले रहे आनन्द, नार्थ पोर्टल में जनजातीय संस्कृति के रंग।
INDIA
फ़ेस्टिवल ऑफ फ़ेस्टिवल में अब एक ही स्थान पर लाहौल-स्पीति के विभिन्न ज़ायकों के साथ चटकारे ले रहे हैं। आज से सिस्सु हेलिपैड पर फ़ूड फ़ेस्टिवल आयोजन का शुभारम्भ हुआ।
मुख्यातिथि उपायुक्त पंकज राय ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। फ़ूड फ़ेस्टिवल में स्थानीय व्यंजनों के स्टाल लगाए गए हैं, जिनमें यहाँ के पारंपरिक शाकाहारी व मांसाहारी व्यंजन उपलब्ध परोसे जा रहे हैं। साथ ही यहां के पारंपरिक परिधानों एवं हस्तशिप उत्पादों के स्टाल भी लगाए गए हैं।
उपायुक्त पंकज राय ने बताया कि स्नो- फ़ेस्टिवल के अंतर्गत सैलानियों को लाहौल-स्पीति के पारंपरिक ज़ायके से परिचित कराने के लिए, आज से ‘फ़ूड फ़ेस्टिवल का आयोजन सिस्सु में किया जा रहा है।
इसमें पर्यटकों को लाहौल के शाकाहारी व मांसाहारी व्यंजनों का स्वाद चखने को मिल रहा है।
इसके साथ ही पर्यटक पारम्परिक तीरंदाज़ी में भी अपना हुनर आज़मा रहे हैं, स्कीइंग, म्यूजिकल चेयर, रस्साकस्सी आदि खेलों का आनंद भी ले रहे हैं। गीत-नृत्य -संगीत के द्वारा जनजातीय संस्कृति के परिवेश में भागीदार बन रहे हैं। फ़ूड फ़ेस्टिवल में छरमा चाय व नमकीन चाय के स्टाल भी लगाए गए हैं। ग्राम पंचायत सुमनम शाशन, खोरपानी, खंजर, थोरंग, रोपसंग नाल्डा , के महिलमंडलो तथा स्वयं सहायता समूह, आस्था, मीरा आदि ने अपने स्टाल लगाए।
उन्होंने कहा कि यहाँ के रीति-रिवाजों में पारम्परिक व्यंजनों का भी बहुत महत्व है, यहां की छरमा एवं नमकीन चाय, चिलड़ा, टीमो, मर्चु आदि व्यंजनों को इसके माध्यम से लोकप्रियता मिल रही है।
इसके बाद उपायुक्त ने कोकसर पंचायत द्वारा नार्थ पोर्टल में आयोजित स्नो -फ़ेस्टिवल के सांस्कृतिक कार्यक्रम में शिरकत की। पारम्परिक मंगलाचरण कलछोर के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
यहां पर प्रधान अंजू द्वारा सभी अतिथिगणों का स्वागत किया गया। अपने सम्बोधन उपायुक्त पंकज राय ने कहा कि यहां के दो दिवसीय कार्यक्रम में स्नो क्राफ़्ट सहित सभी प्रस्तुतियां सराहनीय हैं।
14 जनवरी उदन से लेकर आज तक स्नो फ़ेस्टिवल का यह 65 वाँ दिन है। इस फेस्टिवल के माध्यम से लुप्त हो रही परम्पराओं को पुनर्जीवित हो रही है, शंगजतार लगभग 90 वर्ष के बाद,
राइंक जातर लगभग 50 साल एवं दारचा क्षेत्र का सेलु नृत्य का पुनः जीवन्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि कोविड के प्रति सतर्क रहें, कोविड नियमों का पालन करें।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय महिला नृत्य दलों द्वारा गरफी, श्रोण नृत्य सहित अन्य कई कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। सोनम एवं सोनल का नृत्य भी काफ़ी सराहा गया।अतिथियों सहित यहां आए समस्त पर्यटकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भरपूर आनन्द लिया।
मुख्यतिथि ने खेलकूद, स्नोक्राफ्ट व सांस्कृतिक प्रस्तोताओं को पारितोषिक बितरण भी किया।
इस अवसर परएस पी मानव वर्मा, पीओआईटीडीपी रमन शर्मा, बीडीओ भानुप्रताप, आरएम मंगल भी उपस्थित रहे।
सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी,
केलांग।