*💥उजाले उज्ज्वल राजनीति के बादशाह राजा वीरभद्र सिंह की मधुर यादें…
” बूंद जब लहर बन जाए उसका नाम है जिंदगी ,
मौन जब आवाज बन जाए उसका नाम है जिंदगी ,
जो जीवन में कुछ ऐसा कर जाय, जिसके जाने के बाद भी अश्रुपूर्ण आंखों से याद किया जाय, उसका नाम है जिंदगी “
समाज सुधारक, बुद्धिजीवी
डॉ. लेख राज शर्मा, पालमपुर,
की कलम से
राजेश जी ! रमेश भाऊ जी ने स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह जी की यादों के साथ उनकी दिग्गज और वचन को निभाने वाले नेता के रूप में जो संस्मरण सांझा किए सुन कर एक बहुत सकून भी मिला और राजा साहब जी को याद कर मन भी भर आया , वास्तव में ही राजा साहब जी की तरह दूसरा नेता हिमाचल और कांग्रेस को मिलना मुश्किल है उनकी चुप्पी में भी एक हुकम होता था, भाऊ जी की ये बात भी बिल्कुल सही लगी उन्होंने कभी नए और पुराने हिमाचल की बात नहीं की क्योंकि उन्होंने बिना भेद भाव के पूरे प्रदेश में विकास करवाया , ये बात जरूर है कि इस समय हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है मगर उस दम से सरकार चलाना किसी के भी बस कि बात नहीं है और किसी भी पार्टी के बस में नहीं है , छे बार मुख्यमंत्री बनना भी उनकी राजनीतिक पकड़ , दूरदर्शिता और मिलनसारी को दर्शाता है, भाऊ जी ! मैं भी पचास साल तक कांग्रेस का कट्टर समर्थक ही नहीं कार्यकर्ता भी रहा हूं मगर कांग्रेस में अब हमारी इतनी की ही हैसियत है कि ई वी एम का बटन कांग्रेस के हक में दव जाए, चलो ये वक्त वक्त की बात है अब किसी भी पार्टी से हमे क्या लेना देना , भाऊ जी के दूसरी पार्टी में जाने के बाद भी स्वर्गीय राजा साहब जी के प्रति प्यार और सम्मान कम नहीं हुआ ऐसे ही राजा साहब जी के प्रति मेरा सम्मान और प्यार हमेशा रहेगा , पार्टियां आती जाती हैं व्यक्तित्व की तुलना नहीं की जा सकती ….।