जिला क्षय रोग उन्मूलन समिति व जिला टीबी फोरम की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन

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जिला क्षय रोग उन्मूलन समिति व जिला टीबी फोरम की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन

RAJESH SURYAVANSHI EDITOR-IN-CHIEF HR MEDIA GROUP cum FOUNDER CHAIRMAN, MISSION AGSINST CORRUPTION SOCIETY, H.P. MOB. 9418130904

धर्मशाला, 4 जनवरी –
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा चलाए जा रहे 100 दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक शनिवार को धर्मशाला अस्पताल के सभागार में डीसी कांगड़ा श्री हेम राज बैरवा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक का शुभारंभ डीसी कांगड़ा हेम राज बैरवा द्वारा केक काटकर किया गया। बैठक में जिला कांगड़ा में चलाए जा रहे सौ दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान के दौरान आयोजित की जा रही गतिविधियों के बारे चर्चा व समीक्षा की गई। बैठक में डीसी कांगड़ा डॉ हेम राज बैरवा ने 100 दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागीय अधिकारियों को अपने विभागों में लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने के दिशा निर्देश के साथ इस अभियान में सहयोग प्रदान करने को कहा।


उपायुक्त कांगड़ा ने बताया कि जिला कांगड़ा में 7 दिसम्बर से चल रहे अभियान में 2.6 लाख जोखिमपूर्ण आबादियों के लिए आशा कार्यकर्ताओं की टीम घर घर जाकर जानकारी एकत्रित कर रही हैं। जिसमें अब तक 1.2 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।


टीबी लक्षण हों या न हों पर टीबी जाँच सबकी होगी – यह 100 दिवसीय टीबी अभियान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संभवत: पहला राष्ट्र-व्यापी प्रयास है कि सभी लोग जिन्हें टीबी होने का खतरा अधिक है, उनकी टीबी जांच होनी है।


टीबी के लक्षण हों या न हों, सभी की एक्स-रे जाँच होगी, यदि इसमें संभावित टीबी निकलेगी तो टीबी की पक्की जाँच (मॉलिक्यूलर टेस्ट) के लिए उनको भेजा जाएगा। जिनको टीबी निकलेगी उनको टीबी के प्रभावकारी इलाज से जोड़ा जाएगा और जिनको टीबी (या संभावित टीबी) नहीं निकलेगी उनको टीबी से बचने वाले इलाज (लेटेंट टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी) दी जाएगी जिससे कि निकट भविष्य में भी उनको टीबी रोग न हो।


उपायुक्त कांगड़ा ने बताया कि जिले में अब तक 43 निक्षय शिविरों में 2619 व्यक्तियों के एक्सरे द्वारा जांच की गई है तथा जनवरी 2025 में 34 शिविरों का आयोजन किया जा रहा है । इन शिविरों में एक्स-रे मशीन है जो बैटरी से भी चलती है।

भारत-निर्मित प्रोरेड (प्रोग्नॉसिस) एक्स-रे भी इन एक्स-रे मशीनों में से एक है और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस युक्त कंप्यूटर की मदद से संभावित टीबी की जाँच करती है- यह मशीन पॉवर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रदान की गई हैं। टोंग लेन संस्था द्वारा भी इन शिविरों में एक्स-रे मशीन द्वारा उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है ।

भारत सरकार का 100 दिवसीय टीबी अभियान (7 दिसंबर 2024 से 24 मार्च 2025 तक) टीबी उन्मूलन की दिशा में एक सराहनीय कदम है। यह सरकार की ओर से एक देश व्यापी पहल है कि जिन लोगों को टीबी का खतरा सर्वाधिक है या जो लोग अक्सर टीबी या स्वास्थ्य सेवा से वंचित रह जाते हैं, उन तक टीबी की सर्वश्रेष्ठ सेवाएं पहुँचें।

जब तक हर टीबी रोगी की सही जांच नहीं होगी तब तक उसे टीबी का प्रभावकारी इलाज कैसे मिलेगा? जब तक उन्हें टीबी का प्रभावकारी इलाज नहीं मिलेगा, तब तक फेफड़े की टीबी फैलती रहेगी और टीबी से पीड़ित लोग भी अनावश्यक पीड़ा झेलते रहेंगे और टीबी मृत्यु का खतरा भी अत्यधिक रहेगा।


इसीलिए यह 100 दिवसीय टीबी अभियान अत्यंत अहम है क्योंकि यह उन लोगों तक टीबी सेवाएं पहुँचाने के लिए केंद्रित है जो प्रायः स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में रहते हैं और जिन्हें टीबी की सही जाँच और उचित इलाज नहीं मिल पाता।

जन-जन का रखें ध्यान, टीवी मुक्त भारत अभियान

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