निक्षय मित्र बनकर बना मिसाल संत निरंकारी मिशन* _टीबी के साथ जी रहे व्यक्तियों के लिए भेंट की 150 पोषण किटें_ *खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ अमन दुआ ने की सराहना*

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*निक्षय मित्र बनकर बना मिसाल संत निरंकारी मिशन*

_टीबी के साथ जी रहे व्यक्तियों के लिए भेंट की 150 पोषण किटें_

*खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ अमन दुआ ने की सराहना*

RAJESH SURYAVANSHI, Editor-in-Chief, HR Media Group, Founder Chairman Mission Against Corruption Society, H.P. Mob 9418130904

नगरोटा सूरियां, 10 फरवरी/ प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गतहैल्थ ब्लाक नगरोटा सूरियां में सोमवार को शगुन पैलेस में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें टीबी के साथ जी रहे व्यक्तियों को संत निरंकारी मिशन की ओर से पोषण किटें भेंट की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगरोटा सूरियां के खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ अमन दुआ ने की। इस कार्यक्रम में संत निरंकारी मिशन कांगड़ा क्षेत्र सेवादल के क्षेत्रीय संचालक तिलक राज डोगरा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान तिलक राज डोगरा ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आदेशानुसार संत निरंकारी मिशन की ओर से टीबी के साथ जी रहे 50 मरीजों को तीन महीने की 150 पोषण किटें भेंट की। उनके साथ संत निरंकारी मिशन नगरोटा सूरियां ब्रांच मुखी डॉ आर एस साहिल, सेवादल संचालक डॉ बलदेव कौशल, प्रचारक डॉ जोगिंद्र भारद्वाज, सुरिंदर चौधरी, परस राम विशेष रूप से उपस्थित रहे ।

इस अवसर संत निरंकारी मिशन द्वारा टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत टीबी के साथ जी रहे 50 व्यक्तियों को तीन महीने की पोषण किटें भेंट करने के प्रयास की सराहना करते हुए बीएमओ डॉ अमन दुआ ने कहा कि संस्था ने एक मिसाल प्रस्तुत की है। खण्ड चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि टीबी एक बीमारी न होकर सामाजिक समस्या है । डॉ अमन दुआ ने बताया कि बीमारी का ईलाज होने के वावजूद बहुत लोग इससे असामयिक मृत्यु का शिकार हो जाते हैं । जिसका मुख्य कारण बीमारी से जुड़ी भ्रांतियां व भेदभाव है । टीबी के मरीज के वर्तन, कमरा अलग करने की कोई जरूरत नहीं होती। क्योंकि दवाई शुरू होने के बाद मरीज संक्रामक नहीं रहता । उन्होंने बताया कि जहां स्वास्थ्य विभाग टीबी मरीजों के लिए निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत 1000 हजार रूपये प्रतिमाह दिया जाता है। डॉ अमन ने बताया कि कुछ रोगी व समुदाय इस बीमारी को लेकर हीन भावना रखते हैं और बीमारी को कलंक के रूप में देखते हैं। जिसमें मरीज के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा उदासीनता व परेशानी के हाल में मरीज अपना उपचार पूरा नहीं कर पायेगा । डॉ अमन ने बताया कि टीबी से प्रभावित लोगों को भावनात्मक व सामाजिक सहायता देने के लिए समाज सेवी व्यक्ति या संस्थान निक्षय मित्र के रूप में आगे आते हैं इसी कड़ी में संत निरंकारी मिशन संस्था ने अत्यंत सराहनीय पहल की है । संत निरंकारी मिशन के क्षेत्रीय संचालक तिलक राज डोगरा जी ने कहा कि संत निरंकारी मिशन आध्यात्मिक मिशन होने के साथ सामाजिक गतिविधियों में भी सहयोग करता है। डोगरा ने कहा कि संत निरंकारी मिशन रोगियों की सेवा से जुड़कर संत निरंकारी मंडल दिल्ली टीबी मुक्त भारत अभियान में अपना योगदान देगा । नगरोटा सुरियां में आयोजित कार्यक्रम में 50 मरीजों को 3 माह की निक्षय पोषण किटें भेंट की गई व अन्य मरीजों को भी शीघ्र पोषण किटें भेंट की जाएंगी। उन्होंने ने कहा कि संस्था समय समय पर मरीजों से सम्पर्क करके उनका हाल चाल भी पूछेगी व उनके जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना करेगी। उन्होंने कहा कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आदेशानुसार टीबी के साथ जी रहे जिला कांगड़ा में संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन की ओर से 100 मरीजों को गोद लिया है।

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