आगरा: बदमाश बदन सिंह थाना जगनेर के कछपुरा क्षेत्र में मुठभेड़ में अपने एक साथी के साथ मारा गया है। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ के दौरान एसएसपी आगरा एवं एसपी वेस्ट व अन्य अधिकारियों की बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगी। पुलिस टीम के 2 सदस्य भी मुठभेड़ में घायल हुए हैं। बता दें कि ट्रांसयमुना कॉलोनी निवासी डॉ. उमाकांत गुप्ता के अपहरण की साजिश धौलपुर के बदमाश बदन सिंह ने रची थी। उसकी साथी युवती संध्या उर्फ मंगला ने अंजलि बनकर डॉक्टर से बात की थी। उनसे नौकरी के बहाने मिली थी। इसके बाद अगवा कर ले गई थी। डॉक्टर को 31 घंटे बाद ही पुलिस ने मुक्त करा लिया था। बदन सिंह दस्यु केशव गुर्जर के लिए काम करता था। बदन सिंह की गिरफ्तारी के लिए भी टीमें लगी हुई थीं।
एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बदन सिंह पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। बदन सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम धौलपुर में ही डेरा डाले हुए थी। बीहड़ में पुलिस बदन सिंह की तलाश कर चुकी थी। मगर, वह हाथ नहीं आ रहा था। मौसम खराब होने की वजह से पुलिस के लिए बीहड़ में जाना मुश्किल हो रहा था लेकिन कछपुरा क्षेत्र में मुठभेड़ में वह मारा गया।
डॉ. गुप्ता ने अपहरण से मुक्त होने के बाद बताया था कि शुक्र था पुलिस आ गई, नहीं तो जान नहीं बच पाती। बदमाश तो बीहड़ में रखकर ही उन्हें मार डालते। डॉक्टर उमाकांत गुप्ता के मुताबिक, बदमाशों ने कार से उतारकर बाइक पर बैठाया था। कुछ दूरी पर जाकर खाना खिलाने के बाद पैदल खेत में ले गए थे। दिन होते ही बदमाश उनको बीहड़ के अंदर ले आए थे। इस दौरान गर्मी होने लगी थी। इससे वो बेहाल हो गए थे। उनके दो ऑपरेशन हो चुके हैं।
डॉक्टर उमाकांत गुप्ता का अपहरण पांच करोड़ रुपये की फिरौती के लिए किया गया था। अपहरण की योजना दस्यु केशव गुर्जर के गुर्गे बदन सिंह ने बनाई थी। बदन सिंह ने पूर्व में रोहता से ही दंत चिकित्सक निखिल का अपहरण किया था। उमाकांत के अपहरण के लिए अपने गैंग में महाराष्ट्र के गोदिया की मंगला पाटीदार को भी शामिल कर लिया था। उसे रुपयों का लालच देकर डॉक्टर से संपर्क कराया। फोन करके बातचीत कराई। इसके बाद फोन से बुलाकर कार में अगवा कर ले गए थे।
एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद के मुताबिक, दस्यु केशव गुर्जर का साथी रहा बदन सिंह मूलरूप से राजस्थान के जिला धौलपुर के गांव अब्दुलपुर कंचनपुर का रहने वाला है। इस समय सदर के नैनाना जाट में किराये पर मकान लेकर रह रहा था। यहा पर ही मंगला पाटीदार को भी अपने साथ रखे हुए था। वह आगरा से पहले भी अपहरण की वारदात कर चुका है।