नया दांव खेलने की तैयारी कर रहे अंबानी

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नई दिल्ली:  रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अब नया दांव खेलने की तैयारी कर रहे हैं। रिलायंस और ब्रिटेन की कंपनी बीपी का ज्वाइंट वेंचर रिलायंस बीपी मोबिलिटी हाइवेज पर स्थित अपने पेट्रोल पंपों पर रिटेल आउटलेट्स खोलने की योजना बना रही है। कंपनी हाइवे किनारे स्थित रिलायंस के पेट्रोल पंपों पर खाने, डिजिटल और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की चार्जिंग का कारोबार कर सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रिलायंस रिटेल ही इन आउटलेट्स को ऑपरेट करेगी। इसमें स्मार्ट प्वाइंट कन्वीनियंस स्टोर्स, डिजिटल स्टोर्स, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट, कैफे और अन्य फूड एंड बेवरेजेज आउटलेट्स शामिल होंगे। इसके लिए रिलायंस बीपी मोबिलिटी दूसरी फूड एंड बेवरेजेज चेंस के साथ भी बातचीत कर रही है। उन्हें कंपनी की संपत्ति में आउटलेट खोलने की पेशकश की जा रही है।

मौजूदा समय में रिलायंस बीपी के देश में 1,400 पेट्रोल पंप हैं। आगामी पांच वर्षों में इसे 5,500 करने की योजना है। सूत्रों के अनुसार, इसका मकसद देश में बढ़ रहे हाइवे रिटेलिंग के कॉन्सेप्ट का फायदा उठाना है। मालूम हो कि प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक के अनुसार, साल 2030 तक देश में हाइवे रिटेलिंग में फूड एंड बेवरेजेज का बाजार 2.7 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। वहीं पिछले साल नाइट फ्रैंक ने कहा था कि 2017 में देश में रोड नेटवर्क 58 लाख किलोमीटर का था, जो अमेरिका के बाद सबसे बड़ा है।

इससे पहले खबर आई थी कि रिलायंस दुनिया की सबसे बड़ी सिंगलब्रांड रेस्टोरेंट चेन सबवे इंक की भारतीय फ्रेंचाइजी को खरीद सकती है। रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी की नजर क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) कारोबार पर भी है। सबवे का मुख्यालय अमेरिका के कनेक्टीकट में है और भारत में कंपनी कई स्थानीय मास्टर फ्रेंचाइजी के जरिए अपना कारोबार करती है। यह अब दुनियाभर में रिस्ट्रक्चरिंग कर रही है। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि यह सौदा 20 करोड़ डॉलर से 25 करोड़ डॉलर यानी 1,488 करोड़ रुपये से 1,860 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।

इस सौदे के बाद रिलायंस रिटेल का सीधा मुकाबला डॉमिनोज पिज्जा, बर्गर किंग, पिज्जा हट, स्टारबक्स और उनके लोकल पार्टनर्स टाटा समूह और जुबिलेंट ग्रुप से होगा। इस सौदे के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा यूनिट को पूरे भारत में सबवे के करीब 600 स्टोर मिलेंगे। सबवे किसी एक सिंगल पार्टनर के जरिए भारत में अपने कारोबार को फैलाना चाहती है।

 

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