नई दिल्ली। केन्द्र और विभिन्न राज्य सरकारों के नीतिगत समर्थन तथा आवास कर्ज पर ब्याज दर में कमी का समर्थन पाकर देश के सात प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री वर्ष 2021 की पहली छमाई में सालाना आधार पर 75 प्रतिशत बढी है। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार कंपनी की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लि.की भारत में आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र पर तैयार इस रिपोर्ट के अनुसार मकानों की बिक्री में वृद्धि का यह रुझान आने वाली कुछ और तिमाहियों में भी जारी रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 की पहली छमाही जनवरी से जून 2021) के दौरान सात प्रमुख शहरों में आवासीय फ्लैट की कुल बिक्री में पुणे 26 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे रहा है। मुंबई की इसमें 19 प्रतिशत हिस्सेदारी रही, वही हैदराबाद की 18 प्रतिशत और दिल्ली-एनसीआर का कुल बिक्री में 17 प्रतिशत तक हिस्सा रहा।
सीबीआरई भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के चेयरमैन अंशुमान मैगज़ीन ने कहा, ”आवासीय श्रेणी ने भारत में अचल संपत्ति क्षेत्र के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है। आवासीय श्रेणी में रिकवरी के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा की गई नीतिगत पहल इस मामले में महत्वपूर्ण और सराहनीय रही है।” रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्टू और तमिलनाडु ने आवास क्षेत्र में बिक्री को प्रोत्साहन देने के लिये स्टांप शुल्क में कटौती और संपत्ति कर में छूट देने जैसे कदम उठाये। केन्द्र सरकार के स्तर पर भी कई कदम उठाये गये साथ ही आवास कर्ज पर ब्याज दर कम होने से भी आवासीय बिक्री को प्रोत्साहन मिला है। आवासीय परियोजनाओं के डेवलपर ने भी खरीदारों को आकर्षित करने के लिये कई तरह के प्रोत्साहन उपलब्ध कराये। इन तमाम उपायों से आवासीय क्षेत्र में वर्ष 2020 की चौथी तिमाही से ही बेहतर संकेतक मिलने लगे थे। इस दौरान तिमाही दर तिमाही आधार पर आवासीय बिक्री में 73 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वृद्धि का यह क्रम 2021की पहली छमाही में भी जारी रहा और आवासीय बिक्री में साल दर साल आधार पर 75 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।