पांच सितंबर तक विद्यार्थियों के लिए बंद रहेंगे स्कूल, शिक्षकों के चार हजार पद भरने की मंजूरी, कॉलेज खुलेंगे
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित की गई हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं।
बी के सूद मुख्य संपादक
हिमाचल प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में एक सितंबर से नियमित कक्षाएं लगेंगी।
मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। वहीं अब पांच सितंबर तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल बंद रहेंगे। सरकार ने चार सितंबर तक स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है। पांच सितंबर को रविवार का अवकाश है। कैबिनेट ने 30 अगस्त तक विद्यार्थियों के स्कूल आने पर लगाई रोक को एक सप्ताह और बढ़ा दिया है। इस दौरान स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। शिक्षकों और गैर शिक्षकों का स्कूलों में आना अनिवार्य रहेगा। नौवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों की चार सितंबर को फर्स्ट टर्म परीक्षा ऑनलाइन होगी। एक या दो सितंबर को दोबारा प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में कोरोना संक्रमण के मामलों की समीक्षा करने के बाद स्कूलों को विद्यार्थियों के लिए खोलने का आगामी फैसला लिया
प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के 4000 पद भरे जाएंगे। कैबिनेट ने प्रारंभिक शिक्षा में 2640 और उच्च शिक्षा में 1360 पद भरने को मंजूरी दी है। 4000 शिक्षकों की भर्ती के तहत जेबीटी के 810, कला शिक्षकों के 820, शारीरिक शिक्षकों के 870, कॉलेज प्रवक्ता के 561, स्कूल प्रवक्ता न्यू के 214, जेओए लाइब्रेरी के 250, कॉलेज आचार्य के 16 पदों सहित तबला वादकों और योग शिक्षकों के पद भरने को हरी झंडी दी गई। इन पदों को आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती के अलावा बैचवाइज आधार पर भी भरा जाएगा। शिक्षकों के सभी पद अनुबंध आधार पर भरे जाएंगे।
8000 मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती पर अभी संशय
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आठ हजार मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती पर अभी संशय बना है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की इस बजट घोषणा को वित्त महकमे से मंजूरी नहीं मिली है। शिक्षा विभाग इन पदों को भरने के लिए नीति बीते वर्ष जारी कर चुका है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि संभावित है कि अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव मंजूरी के लिए लाया जाएगा।
राजधानी शिमला में जलसंकट दूर करने के लिए अगले 30 साल के प्लान को मंजूरी
राजधानी शिमला और इसके आसपास के क्षेत्रों में पानी का संकट नहीं होगा। प्रदेश सरकार ने आगामी 30 साल तक की आबादी को ध्यान में रखते हुए पानी और सीवरेज निकासी का प्लान तैयार किया है। कैबिनेट की बैठक में इस प्लान को मंजूरी दी गई है। इसको लेकर सरकार केंद्रीय वित्त मंत्रालय की उपस्थिति में विश्व बैंक के साथ 1813 करोड़ रुपये के समझौता पैकेज पर हस्ताक्षर करेगी