सरकार द्वारा योजनाओं का लाभ देने के लिए श्रमिकों के बनेंगे यूनिक कार्ड: एडीसी
धर्मशाला
एडीसी राहुल ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए अच्छी खबर है। सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए बुधवार से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार विभाग की नेशनल डेटाबेस ऑफ अन आर्गेनाइज्ड वर्कर्स कार्यक्रम के तहत लोक मित्र केन्द्रों के माध्यम से यह कार्य किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए एडीसी ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत आधार कार्ड व परिवार पहचान पत्र की तर्ज पर अब पूरे देश में असंगठित श्रमिकों के यूनिक आईडी कार्ड बनेंगे। योजना की शुरुआत 25 अगस्त को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने की। असंगठित श्रमिकों के निःशुल्क पंजीकरण वह कार्ड बनाए जाएंगे । उन्होंने बताया कि मंत्रालय के अनुसार देशभर में असंगठित वर्कर विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस यूनिक आईडी कार्ड बनते ही असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना सहित सरकार की ओर से दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं का लाभ भी मिलेगा ।
यह होंगे लाभ
एडीसी ने बताया कि यूनिक आईडी कार्ड बनते ही असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ मिलेगा। इसका एक साल का खर्च भी सरकार ही वहन करेगी। असंगठित श्रमिक किस वर्ग से हैं का खाका तैयार करने के बाद समाज सुरक्षा योजनाएं जो कि मंत्रालय और सरकार ने चलाई हैं उन्हें आसानी से क्रियान्वित कर के इनके लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा। श्रमिकों की गतिविधियों और वह किस राज्य से किस राज्य में जा रहे हैं को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। आपदा के समय इन असंगठित श्रमिकों तक आसानी से मदद पहुंचाई जा सकेगी। जैसे कोरोना काल में इन्हें इनके घर तक पहुंचाना, खाने की व्यवस्था करना इत्यादि। रोजगार के अवसर भी इनके लिए वर्क के हिसाब से सरकार सृजित करेगी, साथ ही यदि कहीं किसी विशेष वर्ग के मजदूरों की जरूरत होगी तो इसी यूनिक आईडी के माध्यम से इन लोगों को सूचित किया जा सकेगा।
यह लोग करवा सकते हैं यूनीक आईडी के लिए पंजीकरण
एडीसी ने बताया कि छोटे किसान, पशुपालक कृषि क्षेत्र में लगे मजदूर, ईट भट्टों पर काम करने वाले मजदूर, मछली विक्रेता, मोची, घरों में काम करने वाले, रेहड़ी फड़ी लगाने वाले लोग, न्यूजपेपर वेंडर, कारपेंटर, प्लंबर, रिक्शा व ऑटो रिक्शा संचालक, मनरेगा मजदूर, दूध विक्रेता, स्थानांतरित लेबर, नाई, ऐसे मजदूर जो किसी संगठन के साथ नहीं जुड़े हांे वे सब अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
जिला प्रबंधक जतिन्दर सिंह ने बताया कि असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के लिए आवेदक की उम्र 16 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए।