नेताओं के चुनावी वादे 24 x7 आपके लिए उपलब्ध रहेंगे ,आपकी समस्याओं का समाधान करेंगे कितने तार्किक और वास्तविक

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Bksood chief editor

Bksood Chief Editor
जब चुनाव होते हैं तो नेता लोग बड़े-बड़े वादे करते हैं उनमें से एक वादा यह भी होता है कि आप हमें 24×7 बजे बंद कभी भी फोन कीजिए हम आपके लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे तथा आपकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करवाएंगे परंतु यह सिर्फ चुनावी वादे रह जाते हैं और वास्तव में स्थिति बिल्कुल इसके विपरीत होती है । परंतु
कुछ नेता ऐसे भी होते हैं जो अपना नंबर सार्वजनिक कर लेते हैं और लोगों को कोई परेशानी ना हो उनकी समस्याओं का हल किया जा सके उनके दुख तकलीफों को कम किया जा सके उनकी सहायता की जा सके इसलिए वह अपना नंबर सार्वजनिक कर देते हैं। आज की आशा कुमारी जी ने जो कि पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक हैं अपना नंबर सार्वजनिक किया है और आम लोगों को यह सुविधा दी है कि वह उन्हें कभी भी कॉल करके अपनी समस्या या अपने दुख तकलीफ होने बता सकते हैं
परंतु नेता लोग आम जनता का तो छोड़िए कुछ विशेष लोगों के फोन भी नहीं उठाते ऐसी जनता की शिकायत रहती है।
कुछ आशा कुमारी जैसे नेता भी होते हैं जो हमेशा लोगों के सुख दुख में साथ देते हैं ,और उन लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए जिसके लिए उन्हें चुनकर भेजा गया है वे लोगों की समस्याओं का समाधान करने और उसका प्रॉब्लम को हल करने की भरपूर कोशिश करते हैं ।
काश सभी नेता लोग ऐसा करें अपने अपने टेलीफोन नंबर मोबाइल नंबर सार्वजनिक करें। ताकि यदि लोगों को कोई दुख तकलीफ हो या परेशानी हो या उन्हें नेता की सहायता की आवश्यकता पड़े तो वे तुरंत उनसे संपर्क कर सकें क्योंकि आजकल हमारा सिस्टम ऐसा हो गया है कि बिना सिफारिश के हॉस्पिटल में भी जगह नहीं मिलती बाकी सुविधाओं की तो बात छोड़िए।
अब देखना यह है कि कौन-कौन नेता अपने नंबर सार्वजनिक करता है। वैसे तो पोर्टल पर सभी के नंबर दिखाई दे जाते हैं परंतु वह कभी चलते नहीं जनता की ऐसी शिकायत रहती है ।
अगर वह नंबर लग जाए तो आगे से जवाब मिलता है साहिब अभी बिजी हैं चाहे साहेब चाय की चुस्की कि क्यों ना ले रहे हैं अकेले बैठकर।
अक्सर कहा जाता है कि नेताओं के भी अपनी निजी जिंदगी होती है उन्हें भी कुछ अकेलापन और शांति के पल चाहिए होते हैं वह भी थोड़ा रिलैक्स होना चाहते हैं यह बात बिल्कुल सही है, और इससे सभी को सहमत भी होना चाहिए।
परंतु अगर हमने एक ऐसा व्यवसाय चुना है जिसमें की हमें लोगों की सेवा करनी है दिन हो या रात हो अगर नेता चुनाव में यह वादा करते हैं कि आप 24×7 कभी भी अपनी समस्या बताइए या मुझे फोन कीजिए मैं आपकी समस्या का समाधान तुरंत करवा लूंगा तो फिर इस वादे पर कायम रहते हुए जनता के प्रति अपने कर्तव्य को समझना चाहिए।
यह जरूरी नहीं कि नेता एमएलए हो या एमपी हो ,गांव के प्रधान और पंचायत वार्ड मेंबर तक को भी लोगों समस्या सुननी चाहिए। इसका ताजातरीन उदाहरण अभी-अभी हिमाचल में नगर निगम के चुनाव में देखने को मिला जब सभी उम्मीदवार यह वादा कर रहे थे कि आप चौबीसों घंटे और 365 दिन कभी भी हमें अपना काम बताइए हमें फोन कीजिए हम आपकी समस्याओं का हल तुरंत करवाएंगे और स्थिति का वास्तविक रूप क्या है यह आप सभी भली-भांति जानते हैं । हमारे प्रदेश में अधिकतर समस्याएं विधायक के स्तर की होती है जिनका समाधान आसानी से नहीं मिलता इसलिए विशेष रूप से एमएलए को तो समस्याएं सुननी ही चाहिए क्योंकि सबसे अधिक समस्याएं इसी लेवल पर सॉर्ट आउट होती हैं सुलझाई जाती हैं। इसके लिए MLA को चाहे एक कोर टीम ही क्यों ना बनानी पड़े ,जो कि लोगों की समस्या लें और उनका समाधान MLA प्राथमिकता के आधार पर करवाएं।

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