जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग कांगडा द्वारा दिनांक 14.09.2021 को प्रात 11.00 बजे “स्वर्णिम हिमाचल” हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर काव्य गोष्ठी/ कवि सम्मेलन का आयोजन खण्ड विकास अधिकारी धर्मशाला के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में पूर्व निदेशक भाषा-संस्कृति विभाग श्री राकेश कोरला बतौर मुख्यतिथि तथा श्रीमती चन्द्ररेखा ढडवाल विशिष्ठ अतिथि उपस्थित रहे । कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलित करके किया गया । राजभाषा हिन्दी के महत्व व इसकी उपयोगिता विषय पर विद्वानों के द्वारा विचार रखे गए । हिन्दी भाषा को अधिकाधिक जनमानस की भाषा बनाए जाने तथा प्रचार-प्रसार हेतु कविताओं के माध्यम से बल दिया गया। सीमा कटोच ने अपनी कविता के चंद बोल यूं प्रकट किए-” बिखरने के बाद भी खुद को संभाला है। कुछ यूं मैंने जिंदगी को हैरत में डाला है। व्यथित जी ने अपनी कविता हिन्दी भाषा का केवल गुणगान नहीं दिवस मना लेना ही हमारी शान नहीं।। लिखो पढो, और बोलो हिन्दी भाषा में हम हिन्दोस्तानी हैं कोई अहसान नहीं। से सबका मन मोह लिया । श्री मनोज कुमार द्वारा ‘स्वर्णिम हिमाचल’ वैश्विक पटल पर हिन्दी की पहचान पर शोध पत्र प्रस्तुत किया गया। इसके इलावा जिला स्तरीय राजभाषा हिन्दी पखवाड़ा में आयोजित की गई निबन्ध प्रतियोगिता में कंगना सहारिया ठाकुर कांशी राम मेमोरियल, सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, मस्तपुर चैतडू पहला स्थान, दिशा सूद दयानन्द मॉडल, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, धर्मशाला दूसरा, आरुष राजकीय उच्च विद्यालय, कण्ड तीसरा व शबनम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बगली तीसरा तथा नारा लेखन में मीनू राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, पास्सू पहला, पलक चौहान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, फरसेटग गंज, धर्मशाला दूसरा नितिका ठाकुर कांशी राम मेमोरियल, सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, मस्तपुर चैतडू तीसरा तथा हिन्दी प्रश्नोत्तरी में श्रेयसि शर्मा लॉरयेट ग्लोबल स्कूल ज्वालमुखी पहला, सृजल शर्मा दयानन्द मॉडल, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, धर्मशाला दूसरा रमन कुमार राजकीय (बाल) वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, धर्मशाला तीसरा तथा भाषण प्रतियोगिता में अक्षय चौधरी दयानन्द मॉडल, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, धर्मशाला पहला सार्थक राजकीय (बाल) वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सकोह दूसरा, प्रियांशु राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, पास्सू तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले स्कूली बच्चों को प्रशस्ति पत्र, ममैन्टों देकर पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में के.के तूर, प्रभात शर्मा, अदिति गुलेरी, आनन्द धीमान, हरिकृष्ण मुरारी, अंजना, कंगना, शिवानी, सतवाल घृतवंशी, शक्ति चन्द राणा, सत्येन्द्र शर्मा, पवनिन्द्र गुप्ता, कुणाल किशोर, संदीप कुमार अन्य विद्वान, निवोदित कवि उपस्थित रहे। मुख्यतिथि ने देश प्रेम की तरह हिन्दी के लिए भी हमारा प्रेम भी किन्ही विशेष स्थितियों में जागृत होता है:-“श्रृंगार ना होगा भाषण से सत्कार ना होगा शारून से।। यह सरस्वती है जनता की । पूजो पुत्रो सिंहासन से ।। इसे शन्ति में खिलने दो कविता से संबोधित किया। उन्होनें कहा कि कविता के भाव हृदय से प्रस्फुटित होना चाहिए। देश प्रेम की तरह हिन्दी के लिए भी प्रेम हृदय से जागृत होना चाहिए। अन्त में जिला भाषा अधिकारी सुरेश राणा ने विभागीय गतिविधियों पर प्रकाश डाला तथा राजभाषा हिन्दी की अस्मिता / सम्मान दिए जाने हेतु उपस्थित गणमान्य व विभिन्न स्कूलों से आए अध्यापकों व बच्चों से हिन्दी के उन्नयन व विकास हेतु कारगर पग उठाए जाने पर बल दिया। कार्यक्रम में श्री विनोद कुमार श्री आत्मा राम भी उपस्थित रहे।