कोविड-19 में भी नहीं थमी सुदर्शन भाटिया की लेखनी

छपी पुस्तकें, किया शांता जी ने विमोचन

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कोविड-19 में भी नहीं थमी सुदर्शन भाटिया की लेखनी

छपी पुस्तकें, किया शांता जी ने विमोचन

Rajesh Suryavanshi
editor-in-chief

ई. सुदर्शन भाटिया ने कोविड-19 में घर की चारदीवारी में बंद रहकर अपना लेखन जारी रखा। दिल्ली के प्रकाशकों ने उनकी पुस्तकें लीं, प्रकाशित कीं, और भी लिखते रहने को कहा।
उनके पास जो इसी अगस्त में पुस्तकें आईं उनमें से ‘टीचर्स डे’ अध्यापक दिवस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व सांसद श्री शांता कुमार ने जिन चार पुस्तकों का लोकार्पण किया वे इस प्रकार हैं:- 1. सत्य साईं स्वामी, 2. मर्यादा पुरुषोत्तम अब भव्य मंदिर में, 3. 14वें राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद, 4. साक्षात्कार पांचाली से (पांचाली भी एक नाम था द्रोपदी का)।


इन पुस्तकों का प्रकाशन क्रमशः प्रियंका प्रकाशन, दिल्ली, आर.के. पब्लिशर्स दिल्ली, पुष्पांजलि प्रकाशन दिल्ली – 53 तथा विनोद बुक सेंटर दिल्ली, ये सभी प्रतिष्ठित प्रकाशक है तथा इनके प्रकाशन की पुस्तकें विदेशों तक पहुंचती हैं।

सत्यसाईं स्वामी (प्रशांति से सत्या क्षेत्र) एक अनूठी पुस्तक है जिसमें लेखक ने उन 20 डिवोटिस से उनके अनुभव एकत्रित कर पुस्तक तैयार की।
अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद जो आलीशान राम मंदिर बन रहा है, भगवान उसमें विराजमान हैं, ऐसा आद्योपांत वर्णन है दूसरी पुस्तक में।
राष्ट्रपति कोविंद की जीवन यात्रा है तीसरी किताब में।
पांचाली से साक्षात्कार अपनी प्रकार की एक विशेष कृति है जिसका खूब स्वागत हुआ है। रचना मंच के कार्यक्रम में पुस्तकें विमोचन हुईं। शांता कुमार ने इन चारों पुस्तकों का विमोचन किया। सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता इंजीनियर सुदर्शन भाटिया अब तक 716 पुस्तकों की रचना कर चुके हैं। उनकी पुस्तकें दिल्ली के 45 प्रकाशक रोहतक, जालंधर, पंचकूला, आगरा, लुधियाना आदि से छपती रही हैं। कोई भी ऐसा विषय नहीं जिस पर इस लेखक ने कलम न चलाई हो।
श्री भाटिया ने 14 उपन्यास, 39 लंबी कहानियों की किताबें, उनके 33 लघुकथा संग्रह छप चुके हैं। अब तक हिंदी भाषी प्रदेशों में किसी भी लेखक के इतने लघुकथा संग्रह नहीं छपे।

कोल्हापुर विश्वविद्यालय से एक प्रोफेसर ने उनकी पुस्तकों पर शोध किया, पीएचडी की डिग्री हासिल की जबकि उनके पूर्व 5 छात्र-छात्राओं ने एम.फिल कर उनके साहित्य का गहन अध्ययन किया।
देश-भक्ति, राष्ट्र-निष्ठा, राष्ट्र-गौरव पर 30 पुस्तकें, इतिहास, धर्म एवं संस्कृति पर 32 ग्रंथ, महापुरुषों के जीवन वृत्त पर 28 पुस्तकें, विज्ञान-ज्ञान पर 50 पुस्तकें, प्रकृति उत्थान आदि पर 25 पुस्तकें, बाल साहित्य पर 41 पुस्तकें, शिशु पालन, स्त्री शिक्षा पर 28 पुस्तकें, अन्य सभी पुस्तकें नारी सौंदर्य, योग शिक्षा, राजनीति रिपोर्टिंग, बागवानी, आधुनिक साहसिक व्यक्तित्व, प्राकृतिक चिकित्सा, स्वास्थ्य तथा प्रश्नोत्तरी, दो पुस्तकें केवल प्रश्नोत्तरी पर। इंजीनियर सुदर्शन भाटिया 27 बार विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित हैं।
उनकी रचनाएं लगभग 500 पत्र-पत्रिकाओं में छप चुकी हैं। उनकी पुस्तक अन्ना हजारे दिल्ली पुस्तक मेला 2011 में 25000 बिकीं।
कल्पना चावला पर दो पुस्तकें खूब सराही गई उनका लेखन देश ही नहीं विदेशों के पुस्तकालयों में उपलब्ध है।
वह 6 संस्थाओं में अध्यक्ष तथा अन्य पदों पर कार्यरत हैं।
सादगी उन्हें बहुत पसंद है । सादे जीवन के पक्षधर हैं सुदर्शन भाटिया।

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