करोड़ों रुपये समेटकर जीबीपी ग्रुप के बिल्डर फरार, ईडी ने किए खाते सील

आरोपितों के कनाडा में सेटल होने की चर्चा से ट्राईसिटी के लोग सकते में

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खरड़:-मोहाली। राजपूत

करोड़ों रुपये समेटकर जीबीपी ग्रुप के
बिल्डर फरार, ईडी ने किए खाते सील

आरोपितों के कनाडा में सेटल होने की चर्चा से ट्राईसिटी के लोग सकते में गुप्ता बिल्डर एंड प्रमोटर्स (जीबीपी) ग्रुप के निदेशक लोगों की खून पसीने
की कमाई के करोड़ों रुपये लेकर
रातों रात फरार हो गए। बिल्डरों ने
जिन प्रोजेक्ट के नाम पर लोगों को
घर का सपना दिखाया उन प्रोजेक्ट
पर अब ताले लग गए हैं। हजारों
इनवेस्टर व लोग ग्रुप के बिल्डरों को
ढूंढ रहे हैं, जो उन्हें घर का सपना
दिखाकर धोखाधड़ी कर गायब हो
गए। वहीं इसकी जानकारी लगते ही
प्रवर्तन निदेशालय ने ग्रुप के चंडीगढ़
सेक्टर-34 स्थित हेड आफिस, खरड़
और डेराबस्सी स्थित कार्यालय को
सील कर दिया है। साथ ही सभी
जगह से कंप्यूटर और अन्य दस्तावेज
जब्त कर लिए हैं। वहीं ईडी ने कंपनी
के सभी बैंक खातों को भी सील कर
दिया है। कंपनी के हिमाचल प्रदेश
खरडू डेराबस्सी और ट्राईसिटी में
करीब 15 प्रोजेक्ट चल रहे थे।

जीरकपुर पंजाब का उभरता हुआ
प्रापर्टी हब है। इस कारण यहां चल रहे
प्रोजेक्ट्स पर सेलिब्रेटी व राजनीतिक

डूबी कमाई

• चंडीगढ़ स्थित आफिस किया
सील, कंप्यूटर व दस्तावेज जब्त

ट्राईसिटी समेत हिमाचल प्रदेश में
चल रहे 15 के करीब प्रोजेक्ट

निवेशकों ने लगाया है जीवीपी
प्रोजेक्टों पर करोड़ों रुपया

जीरकपुर में चल रहे एथेंस नाम
के प्रोजेक्ट पर लगा ताला

लोगों के अलावा आम जनता ने
पैसा लगाया हुआ है। डेराबस्सी बेस
गुप्ता बिल्डर एंड प्रमोटर्स (जीबीपी)
जीरकपुर के नामी बिल्डरों में से एक
था उनका टॉप-10 श्रेणी में दूसरा
स्थान था। जीबीपी ग्रुप के मालिक
तीनों भाई पैसा जमा कर विदेश भाग
गए हैं। विदेश भागने की बात मार्केट
में फैलते ही उनके प्रोजेक्टों पर पैसा
लगाने वालों का तांता लग गया।

बुधवार को जीरकपुर में एथेंस नाम
के प्रोजेक्ट पर ताले लग गए। वहां
का सारा स्टॉफ भी फरार हो चुका है।

अब निवेशकों की डूबी रकम
की भरपाई कौन करेगा?

अक्सर बिल्डर्स बड़े प्रोजेक्ट शुरू
करके निवेशकों को अपने प्रोजेक्ट
में पैसा निवेश करने के लिए
भरमाते हैं। इनके लिए बड़े होटल
में ग्रैंड पार्टी रखकर सेलिब्रेटी तक
को बुलाया जाता है और फिर
इनवेस्टरों का करोड़ों लेकर विदेश
भाग जाते हैं। जिन निवेशकों ने
उनके प्रोजेक्ट पर करोड़ों लगाए
हैं, उनकी भरपाई कौन करेगा?
सवाल है कि खानापूर्ति के तौर पर
पुलिस एफआइआर दर्ज करती है,
लेकिन ना तो पुलिस और ना ही
इंडियन गवर्नमेंट के पास ऐसा कोई
प्रविधान है जो करोड़ों की धोखाधड़ी
कर विदेश भागने वाले बिल्डर्स के
खिलाफ कोई कार्रवाई कर सके या
उसे इंडिया ला सके। ऐसे में जीवन
भर की पूंजी लगाने वाले खुदकुशी
जैसे कदम उठाने को मजबूर हो
जाते हैं।

जीरकपुर में जीबीपी के चल रहे एथेंस नामक

प्रोजेक्ट से ठेकेदार द्वारा उतारी जा रही शटरिंग

प्रोजेक्ट पर काम कर रहे ठेकेदार ने
अपनी शटरिंग खोलनी शुरू कर दी
है। फ्लैक्स बोर्ड के ठेकेदार ने अपने
फ्लैक्स के फ्रेम उतार लिए हैं।

वहीं शाम को बिजली विभाग ने
यहां का कनेक्शन भी काट दिया।
बिल्डरों को यहां से भागे करीब एक
सप्ताह का समय हो चुका है, लेकिन
जैसे-जैसे लोगों को इसकी सूचना
मिल रही है, इनवेस्टर वहां इस आस
में पहुंच रहे हैं ताकि उनके हाथ कुछ
लग सके। इस प्रोजेक्ट में फर्नीचर व
अन्य सामान ज्यों का त्यों पड़ा है।

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