डबल इंजन सरकार में देश का पहला धुआं मुक्त राज्य बना हिमाचल, घर-घर निशुल्क बांटे गैस कनेक्शन

मुख्यमंत्री गृहिणी योजना हिमाचल की महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं

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  • डबल इंजन सरकार में देश का पहला धुआं मुक्त राज्य बना हिमाचल
    गृहिणियों की रसोई हुई ‘उज्ज्वल’, जब डबल इंजन सरकार ने दी ‘सुविधा
    – घर-घर निशुल्क बांटे गैस कनेक्शन
  • RAJESH SURYAVANSHI
    Editor-in-Chief
    HR MEDIA GROUP

    शिमला ।। केंद्र की मोदी और प्रदेश की जयराम यानी डबल इंजन की सरकार में हिमाचल प्रदेश देश का पहला धुआं मुक्त राज्य बन चुका है। केंद्र की उज्ज्वला और प्रदेश सरकार की गृहिणी सुविधा योजना की बदौलत दिसंबर 2019 में हिमाचल देश का पहला एलपीजी युक्त और धुआं मुक्त राज्य बना।

    धुएं से होने वाली बीमारियों से महिलाओं को निजात दिलाने के लिए केंद्र ने उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी। इसके साथ ही हिमाचल सरकार ने भी योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए गृहिणी सुविधा योजना की शुरुआत की।
    केंद्र सरकार की ओर से उज्ज्वला योजना के तहत 21.81 करोड़ रुपये की लागत से हिमाचल में 1.36 लाख निशुल्क घरेलू कनेक्शन दिए गए जबकि हिमाचल सरकार की गृहिणी सुविधा योजना के तहत करीब 120 करोड़ रुपये खर्च कर 3.23 लाख गृहिणियों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए।

    मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना की शुरुआत 26 मई, 2018 को हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की डबल इंजन वाली सरकार की सोच से आज प्रदेश की महिलाओं को खाना पकाते वक्त चूल्हे के धुएं से छुटकारा मिला है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यान्वित की जा रही इस योजना के तहत गैस कनेक्शन रहित परिवारों को एलपीजी कनेक्शन निशुल्क वितरित किए जा रहे हैं।

    मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना को शुरू करने का उद्देश्य उन परिवारों को निशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान करना था, जो केंद्र की उज्ज्वला योजना के दायरे में नहीं आए थे। उज्ज्वला योजना के तर्ज पर ही प्रदेश की जयराम सरकार ने मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना शुरू की। केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही उज्ज्वला योजना और प्रदेश की सरकार की मुख्यमंत्री गृहिणी योजना हिमाचल की महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं।
    प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना के फलस्वरूप ईंधन के लिए लकड़ी पर निर्भरता कम हुई है। साथ ही महिलाओं के स्वास्थ्य पर धुंए से पड़ने वाले विपरित प्रभाव से भी मुक्ति मिली है। इन योजनाओं की वजह से महिलाओं का जीवन स्तर भी बेहतर हुआ है।

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