जो बीत गया वो कल था, आओ बीती आपदा को भूलकर नए साल के आगाज पर अपने भविष्य का निर्माण कर अपनी जय करें

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NARENDER SINGH PATHANIA

जो बीत गया वो कल था, आओ बीती आपदा को भूलकर नए साल के आगाज पर अपने भविष्य का निर्माण कर अपनी जय करे ——💥💥 गणतंत्र दिवस पर दिली शुभकामनाएं!

आपने देखा होगा कि जिन्होंने आपदा को अवसर माना, उन्होंने खुद की जिम्मेदारी ली। बाहर से उम्मीद नही की।, आत्ममंथन किया और आगे बढ़ते गए।

सवाल सारा आत्मशक्ति का है।

कॅरोना संकट काल मे जो डरे और जरूरत से ज्यादा अहतियाद व नकारात्मक विचारों के पोषक रहे वो पीड़ित हो गए परंतु जो सकारात्मक विचारों के साथ जिम्मेदारी वहन करते रहे वो बचे रहे।

जिन्होंने आपदा काल मे नकारात्मक बाते की वो तनाव झेलते रहे, डरे रहे और जरूरत से ज्यादा डर ने उनके मन-मस्तिष्क पर प्रभाव डाला और यही प्रभाव उनके शरीर पर पड़ा लिहाज शरीर संक्रमित हो गया।

कुल मिलाकर सकारात्मक रहना जरूरी है

अपनेआप से बाते करिए और खुद को सलाह देते रहिये। जब आप खुद से बाते करने लगेंगे और खुद को सकारात्मक सलाह देने लगेंगे तो आपका मन-मस्तिष्क और शरीर उस दिशा में मुड़ने का प्रयास करेगा। अच्छी सलाह आपकी इम्युनिटी को स्ट्रांग करती है आप खुद की जय कह सकते है।आप बेजोड़ है, इस दुनिया मे आपसा कोई नही है , जो आप कर सकते है वो कोई और नही कर सकता है , आप सर्वशक्तिमान है। अगले साल आपको ही सब-कुछ संभालना है आप विशेष है और आपकी यह विशेषता आपको जन-सामान्य से अलग करती है अतः आपकी जय हो ।🌹🌹

आत्ममंथन एक आंतरिक प्रक्रिया है जो आपको भीड़ से अलग करती है। आप एकाग्र हो जाते है, आपमे आत्मविश्वास बढ़ता है जो आपकी शक्ति बढ़ाता है। बस आपको खुद को अच्छी सलाह देनी है और तय करना है कि आप खुद को पिछले साल के मुकाबले और कितना बेहतर बना सकते है।

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*WISH YU ALL THE BEST WITH POSITIVE ATTITUDE TOWARDS ALL OF YOU*.

*HAPPY GANTANTRA DIVAS TO ALL OF YOU,*

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