सीधे पंजाब की तर्ज पर ही नया वेतन फिक्स किया जाए, कमेटी बनाने का कोई औचित्य नहीं : PRAVEEN SHARMA
छः सालों से इंतजार कर रहे हिमाचल के कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर स्केल देने में सरकार अब कमेटी गठन की बात कर रही है परन्तु जब कमर्चारी कह रहे हैं कि पंजाब की तर्ज पर ही नया वेतन फिक्स किया जाए तो इसमें कमेटी बनाने का कोई औचित्य नही रह जाता ।पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा व हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने सयुंक्त रूप में कहा कि नए वेतनमान पर कमेटी बनाकर कर्मचारियों को उलझाने की कोशिश की जा रही है । मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि पंजाब की तर्ज पर ही वेतनमान दिया जाए । साथ ही मोर्चा ने कहा कि पुरानी पेंशन के मुद्दे को भी जल्द हल करे सरकार और बीच का रास्ता निकाल कर ओपीएस और एनपीएस में आने वाले कर्मचारियों को बराबर पेंशन दी जाए ।
सेवानिवृत कर्मचारियों में पेंशन का असमान वितरण देश की लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए खतरा है । इसके लिए सरकार योजना बनाकर कार्य कर सकती है । सरकार को चाहिए कि 20 साल की नौकरी ही पेंशन हेतु गिनी जाए । चाहे कर्मी ने 40 साल ही अपनी सेवाएं क्यों न देनी हों ।साथ ही वन रैंक ,वन पेंशन के तहत सभी की पेंशन एक समान हो फिर चाहे कोई कर्मी 20 साल पहले ही सेवानिवृत क्यों न हुआ हो ।
ओपीएस में अगर कोई कर्मी चालीस साल सेवाएं देता है तो उसकी सैलरी मान लीजिए एक लाख है तो उसे 50,000 रुपये की पेंशन लगती है और अगर वही कर्मी 20 साल सेवाएं देता है और उसकी सैलरी 50,000 रुपये होती है तो उसे 25,000 की पेंशन मिलती है ।
अगर सभी कर्मियों पर 20 साल का फार्मूला लगाकर पेंशन दी जाए तो एनपीएस कर्मी भी पुराने पेंशन नियमों के तहत पेंशन प्राप्त कर सकते हैं । कहा कि किसी कर्मी का सेवाकाल समय 20 साल से ज्यादा हो सकता है परन्तु पेंशन का फायदा 20 साल तक ही मिले ताकि पैसा बचे और यह पैसा सेवानिवृत एनपीएस कर्मियों को पेंशन के रूप में दिया जाए ।साथ ही कुछ कर्मियों की पक्की नौकरी पांच साल साल से कम होती है तो उन्हें ग्रेच्युटी नही मिलती है जबकि देखा जाए तो कम पक्की नौकरी करने वालों को पैसे की ज्यादा जरूरत रहती है ।
यह जायज मांगे हैं और जल्द पूरी की जाएं अन्यथा जनप्रतिनिधि भी पुरानी पेंशन का मोह छोड़कर एनपीएस की मुख्य धारा में शामिल होकर एक देश ,एक विधान की मिसाल बनें ।