*हिमाचल प्रदेश सरकार ने मानी चिकित्सकों की मांगे*
Bksood chief editor tct
चिकित्सक संयुक्त संघर्ष समिति हिमाचल प्रदेश की वार्ता गुरुवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ,मुख्य सचिव, वित्त सचिव व स्वास्थ्य सचिव की मौजूदगी शिमला में हुई में हुई ।
शिमला में हुई है बैठक लगभग दो घंटे चली बैठक के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को चिकित्सकों की मांगों को पूरा करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आने वाले समय में चिकित्सकों की भर्ती नियमित आधार पर की जाएगी। हर वर्ष कोशिश की जाएगी कि डॉक्टरों के लिए कमीशन में पर्याप्त संख्या में सीटें निकाली जाएं। उन्होंने वित्त विभाग को निर्देश दिए कि जो चिकित्सक अनुबंध पर लगे हैं, उनके लिए एनपीए की अधिसूचना भी जल्द से जल्द जारी की जाए। बैठक में चिकित्सकों के लिए वेतन की सीलिंग अब बढ़ाकर 2,24,500 करने पर सहमति बनी। 20 फीसदी नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस को भी 1 जनवरी 2022 से लागू किया जाएगा और एनपीए को बेसिक का हिस्सा माना जाएगा। सीएम ने आश्वासन दिया कि 4-9-14 को लेकर अधिसूचना कर्मचारियों के लिए जल्द ही जारी होने वाली है। चिकित्सकों का विशेषज्ञ भत्ता बढ़ाने पर भी सहमति हुई।
डॉक्टरों मांगें माने जाने से डॉक्टर फेटर्नेटी में खुशी है वही रोगियों ने भी राहत की सांस ली है।
इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में काम कर रहे चिकित्सकों के लिए भी संकाय भत्ता देने की सहमति बनी है। इन सभी मांगों को लेकर सरकार ने कमेटी गठित कर इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। स्वास्थ्य सचिव, विशेष स्वास्थ्य सचिव व संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश सूद, महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ,डॉक्टर प्रवीण चौहान, डॉक्टर विशाल जमवाल ,डॉ. घनश्याम वर्मा , निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं , निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा इस कमेटी के सदस्य होंगे और यह कमेटी आठ हफ्तों के अंदर अपनी विस्तृत सिफारिशें सरकार को देंगी जिन्हें लागू किया जाएगा।संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश सूद और महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि दो घंटे तक मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों की मांगों को बड़े ही ध्यानपूर्वक सुना और उनका तुरंत समाधान निकाला। साथ ही तकनीकी कमेटी को तुरंत अधिसूचित किया। उन्होंने एकजुट होकर चलने के लिए सभी चिकित्सकों पशु चिकित्स, दंत चिकित्स व सभी चिकित्सा संकाय और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का धन्यवाद किया है। सरकार की ओर से मांगे मानने के बाद समिति ने अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है। जहां एक और आंदोलन से चिकित्सक लोग खुश हैं वहीं दूसरी ओर अस्पताल में आने वाले रोगियों में भी राहत की सांस ली है क्योंकि चिकित्सकों की पेन डाउन स्ट्राइक से रोगियों को काफी परेशानी हो रही थी कुछ जगहों पर तो स्ट्राइक की वजह से डॉक्टर और मरीजों के बीच में बहस भी सुनने को मिली।