अंतर्मन को झकझोरती प्रख्यात लेखिका श्रीमती सुरेश लता अवस्थी की अनूठी रचना- “मैं भारत माता ‘आहत’ हूं”

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SURESH LATA AWASTHI

CHOWKI, PALAMPUR

Mob : 82787 39443

“मैं भारत माता

आहत हूं”

1-मैं आज यहां पर आई हूँ
मैं आप की अपनी माई हूँ
मैं सुखदुख करना चाहती हूँ
एहसास सुनाना चाहती हूँ
मैं भारत माता आहत हूँ।

2- नेताओं के झूठे वादों से
आतंकवादी इरादों से
इस राजनीति के कायदों से
शहीदों पर रोती यादों से
मैं भारत माता आहत हूँ।

3- बच्चों के कभी जो पालक थे
अब वृद्धाश्रम में रहते हैँ
कुछ अपनों की कुछ बेगानों की
अनदेखी सब सहते हैँ
उन बूढ़ी आँखों के प्रश्नों से
मैं भारत माता आहत हूँ।

4- बच्चीयों पर होते हमलों से
दरिंदगी के बढ़ते जुल्मों से
चुपचाप कवियों की कल्मों से
जो नकली हैँ उन महरमों से
मैं भारत माता आहत हूँ।

5.  कोई देश लूट कर भाग रहा

कोई लूटने को है जाग रहा,

कोई सेना पर पत्थर मार रहा,

कोई जीत के भी है हार रहा,

सत्ता के इस मोह चक्कर से,

मैं भारत माता आहत हूँ,

6. मैं ढूंढ रही उस चेहरे को,

लाल बहादुर बन जाए कोई,

अटल-कलाम सा आ आए,

जो वीर भगत सिंह बन जाए,

जो देश का रक्षक कहलाए,

बन्दे मातरम कह मिट जाए,

कहीं कोई नज़र नहीं आता है,

दिल मेरा बैठा जाता है,

मैं भारत माता आहत हूँ…

मैं भारत माता आहत हूँ …..!

7- कलम उठाओ देश बचाओ,
विश्व गुरू भारत को बनाओ,
मैं आपकी कलम की ताकत हूँ,
मैं भारत माता आहत हूँ। 

सुरेश लता अवस्थी
पालमपुर हिमाचल

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