एनपीएस रिटायर कर्मियों की पेंशन बहाल करने में दिक्कत है परन्तु जनता के टैक्स के पैसे से सैर सपाटे के लिए कोई दिक्कत नही

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एनपीएस रिटायर कर्मियों की पेंशन बहाल करने में दिक्कत है परन्तु जनता के टैक्स के पैसे से सैर सपाटे के लिए कोई दिक्कत नही । जनप्रतिनिधि भारी भरकम सैलरी लेते हैं तो सैर सपाटे के लिए अलग से खजाने पर बोझ क्यों डाला जाता है । एक कर्मचारी जब सरकारी कार्य से जाता है तो उन्हें आज भी अधिकतम 180 रुपये का दैनिक भत्ता ही दिया जाता है जिसमें रहने की बात तो छोड़िए दो समय का भोजन भी नही मिलता ।और साथ ही कुछ दशक पहले कर्मचारियों को मिलने वाला एलटीसी भी बन्द कर दिया गया था जिसे अब जनप्रतिनिधि सैर सपाटे के लिए खुद लेते हैं।

पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को दर किनार कर अपनी सुविधाओं को बढ़ाने में लगे जनप्रतिनिधि इतना भी नही सोच पाते हैं कि यह देश लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत सबको समान लाभ देने की नियमावली के सहारे खड़ा है । देश के हर राज्य में एनपीएस कर्मियों के सुर मुखर हैं । परन्तु कोई सुध न लेकर अपनी सुख सुविधा में बढोतरी करना जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत को पूर्ण रूप से साबित करना है ।
प्रवीण शर्मा ने कहा कि 31 मार्च मोर्चा की तरफ से डैड लाइन है कि पेंशन को पुनः लागू कर सरकार अपना कर्तव्य पूर्ण करे नही तो मोर्चा की घोषणा के तहत 10 अप्रैल से लगातार 24 घण्टे की भूख हड़ताल पालमपुर में शुरू कर दी जाएगी । और यह भूख हड़ताल एक संदेश होगा कि कर्मचारियों के हक दबा कर राजनीतिक दल भी तरक्की नही कर सकते ।
सभी संगठनों से अवाहन है कि भूख हड़ताल में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं । प्रवीण शर्मा ने कहा कि अगर कर्मचारियों को अधिकार वापिस चाहिए तो राजनीतिक दलों का साथ छोड़े और उन्ही का साथ दें जो आपकी बात सुनते हैं ।प्रवीण शर्मा ने कहा कि पेंशन हमारा अधिकार है और इसे वापिस करे सरकार या फिर एक देश एक विधान के तहत
सरकार जनप्रतिनिधियों की पेंशन भी बन्द करे ।

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