हिमाचल की तीन  मातृ भाषाएं कांगड़ी, मंडी और महासू पहाड़ी को गूगल एड लैंग्वेज में किया गया Add

Kangri, Mandi and Mahasu pahari languages included in Google Ad Language

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हिमाचल की तीन  मातृ भाषाएं कांगड़ी, मंडी और महासू पहाड़ी को गूगल एड लैंग्वेज में किया गया Add

INDIA REPORTER TODAY
SOLAN : BHAVITA JOSHI
हिमाचल की तीन 3 मातृ भाषाओ कांगड़ी, मंडी और महासू पहाड़ी को गूगल एड लैंग्वेज में ऐड कर लिया गया है। इसे देखकर हिमाचल वासियों में ख़ुशी की लेहर दौड़ गई है। हिमाचल फ़िल्म सिनेमा के अध्यक्ष केसी परिहार ने प्रदेश वासियों को बधाई देते हुए कहा की ये जीत है उनकी जो अपनी मातृ भाषा के लिऐ जी जान से काफी सालों से काम कर रहे हैं
हिमाचल की भी अपनी भाषा गूगल कीबोर्ड पर बन सकें उसके लिए कई लोग दिन रात पूरी मेहनत से कार्य कर रहे है। हमारी अपनी हिमाचली भाषाओं का गूगल कीबोर्ड पर ऐड होना  हमारे लिऐ उम्मीद एक नई किरण लेकर आई है।
 हिमाचल फ़िल्म सिनेमा की ओर से के.सी परिहार, उपाध्यक्ष तरिश शर्मा, सचिव सुनील शर्मा,  मार्केटिंग मैनेजर अंशुल शर्मा ने प्रदेश वासियों को बधाई देते हुए कहा कि इस कार्य को सफल होता देख, आंख में आंसू आज भी निकले पर वह थे ख़ुशी के। कई सालों से हमारे संघर्ष, हमारे सपनों को नई उम्मीद देने के लिए गूगल व सुंदर पंचाई का व इस महान कार्य को सफल बनाने के लिए हिमाचल के हर व्यक्ति को इस कार्य में लगे हर शख्स का ह्रदय से धन्यवाद करना चाहिए।
उन्होंने कहा हिमाचल की कला संस्कृति, भाषा को लेकर अभी सफ़र ख़त्म नहीं हुआ है।
 हम अपनी कोशिशें जारी रखेंगे और एक दिन हिमाचल की भाषा व हिमाचल में सिनेमा बनने का जश्न भी मनाएंगे।
हिमाचल फ़िल्म सिनेमा के टीम के सदस्य , विकास शर्मा, विशाल ठाकुर, विकास गुप्ता, यज्ञ दत्त शर्मा, डिम्पल ठाकुर, यादव किशोर गौतम,  नवीन हलदूणवी , पौमीला ठाकुर, प्रतिभा शर्मा, वन्दना राणा, उमा ठाकुर, कल्पना ठाकुर, रॉबट रॉय राज सरगम, प्रत्यूष गुलरी, प्रमोद कुमार हर्ष, प्रदीप कुमार, कश्मीर सिंह , मुस्कान ठाकुर आदि सभी ने इस उपलक्ष्य पर गूगल का धन्यवाद करते हुए प्रदेश वासियों को बधाई दी है ।
 हिमाचल फ़िल्म सिनेमा पिछले कई वर्षों से हिमाचल की भाषा बन सकें हिमाचल मे अपना सिनेमा बन सके इसके लिए दिन रात लगातार कार्य कर रहा था।
हिमाचल फ़िल्म सिनेमा बिना किसी सरकारी व गैर सरकारी सहायता लिए खुद हजारों शब्दों को इकठ्ठा कर चुका है और प्रदेश और देश की अलग अलग प्रतिभाओं को विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए मंच प्रदान कर चुका है।
अपनी भाषा अपनी सिनेमा बनाने को लेकर लगातर कोशिशें यह सिनेमा लगातार कर रहा है।

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