सुनहरी भविष्य के लिए जिम्मेदार व्यवहार सीखें युवा – डॉ गुरदर्शन गुप्ता 

वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए जीवन कौशल जरुरी 

0

सुनहरी भविष्य के लिए जिम्मेदार व्यवहार सीखें युवा

– डॉ गुरदर्शन गुप्ता 

वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए जीवन कौशल जरुरी 

युवा सम्मेलन में हुआ युवाओं की वर्तमान चुनौतियों पर संवाद  

INDIA REPORTER NEWS
DHARAMSHALA : RAJESH SURYAVANSHI

युवा सशक्तिकरण के उदेश्य से आयोजित युवा सम्मलेन में  युवाओं की वर्तमान चुनौतियों पर विचार विमर्श किया गया। विशेषज्ञों ने युवाओं से  जीवन कौशल शिक्षा  का अनुसरण करने का आह्वान किया।  प्रदेश एड्स कण्ट्रोल सोसाइटी द्वारा गुंजन संस्था के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएमओ कांगड़ा डॉक्टर गुरदर्शन गुप्ता  ने  की जबकि डॉ राजेश सूद , डॉ विक्रम कटोच , डॉ आदित्य सूद , डॉ सौरभ सूद, ज्योति शर्मा भारद्वाज और निखिल शर्मा ने बतौर विशेषज्ञ अपनी भूमिका निभाई। वेबिनार के जरिये प्रदेश के करीब  दो सौ युवाओं ने इस सम्मेलन में शिरकत की।
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में हमारा सामाजिक परिदृश्य बहुत तेजी से बदला है। 80 के दशक में महज रेडियो  ही कम्युनिकेशन का मुख्य साधन हुआ करता था। लेकिन इकीसवी सदी के प्रथम व दूसरे दशक ने सूचना के क्षेत्र में क्रांति ला दी। इस दौर ने युवाओं की संपूर्ण जीवन शैली को बदल कर रख दिया। इस दौर में युवाओं के सामने बहुत सारी संभावनाएं बनी हैं, लेकिन साथ ही नयी तरह की चुनौतियां भी उनके सामने उभर कर आई हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए युवाओं के लिए अपने हुनर को विकसित करना आवश्यक है।
इस अवसर पर बोलते हुए शिक्षाविद निखिल शर्मा ने युवाओं की चुनौतियों का उल्लेख  किया।  उन्होंने  कहा कि नशे के प्रबृति, शादी से पहले यौन ब्यबहार,  बढ़ता स्क्रीन टाइम, टाइम मैनेजमेंट, अवसाद, नकारात्मकता, शिक्षा का व्यापारीकरण और रोजगार के सिमटते अवसर युवाओं के सामने बड़ी चुनौतियां हैं।
 जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विक्रम  कटोच ने कहा कि युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सोशल मीडिया के प्रभाव और इससे जुडी चिंताओं को समझना ज़रूरी है।  उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने  युवाओं के सीखने समझने व्  आगे बढ़ने की प्रक्रिया को सरल कर दिया है बशर्ते कि वह  उसका उपयुक्त इस्तेमाल करें।
डॉ आदित्य सूद ने इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि युवाओं की चुनौतियों से जूझने के लिए साथियों की भूमिका पर बात की. उन्होंने कहा कि युवाओं को दोस्तों का चयन सूझबूझ के साथ करना चाहिए।
डॉ  सौरभ रत्तन ने युवाओं पर आस पास के माहौल से पड़ने वाले प्रभाव पर बात की। उन्होंने कहा कि युवाओं पर परिवार, आसपड़ोस व् शैक्षणिक संसथान  के माहौल का गहरा असर पड़ता है। इसलिए इसे सकारात्मक बनाना ज़रूरी है।
युवा मामलों की विशेषज्ञ ज्योति शर्मा भारद्धाज  ने वर्तमान दशक में युवाओं के सामने खड़े चुनौतियां पर चर्चा की।  उन्होंने इन स्थितियों से निपटने के लिए जीवन  कौशल के  विभिन्न विकल्पों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा की युवाओं को अपनी निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाना चाहिए ताकि वह  हर परिस्थिति में सही और गलत का आकलन  पाएं।
सम्मेलन में विभिन्न जिलों के युवान ने शिरकत की व बेबाकी से अपनी राय रखी। कार्यक्रम का संचालन गुंजन संस्था के कार्यक्रम निदेशक विजय कुमार ने किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.