लटके पड़े हैं खालिस्तानी झंडे,सरकार के पुख्ता इंतजाम पड़े हैं ठंडे”, इतनी बड़ी वारदात के लिए इस्तीफा दें मुख्यमंत्री : जोगटा, ज़िला पुलिस-प्रशासन कार्यालय भी पास ही हैं फिर भी मिनी राजधानी खतरे में कैसे?
हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री ठाकुर जय राम ठाकुर जी ने जैसे कल धर्मशाला में कहा है कि खालिस्तानी दहशतगर्दों में यदि हिम्मत है तो वो अपने झंडे दिनदीहाड़े लगा कर के देखें।
इसका मतलब ये हुआ कि सरकारी तंत्र और डबल इंजन वाली सरकारों की खुफिया इकाइयां रात को सरकारों समेत सो जाती हैं। तो क्या ऐसे में देश और प्रदेश की सुरक्षा राम भरोसे छोड़ी जाएगी। इसके चलते आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री जी का तुरंत इस्तीफा भी मांगती हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह के बचकाना वक्तव्य मीडिया में देकर उन्होंने यह जता ही दिया है कि प्रदेश सरकार और भारत सरकार की खुफिया एजेंसियां सिर्फ दिन दिन में ही काम करती है और रातों को सो जाती हैं।
मुख्यमंत्री महोदय के इस प्रकार के हल्के बयान देना उन्हे बिलकुल भी शोभा नही देता। इससे साफ जाहिर है कि डबल इंजन की भाजपा सरकार खालीस्तनियों को खुला निमंत्रण दे रही है कि वह आए और विधानसभा जैसी संवेदनशील इमारतों पर खालिस्तानी झंडे गाड़े।क्योंकि सरकार की नाकामी कर चलते वहां सीसीटीवी कैमरों का प्रावधान ही नही था। साथ ही साथ ऐसी इमारतों के चारो ओर चपे चपे पर सुरक्षा बल निगरानी करती है उसका भी वहां अभाव रहा होगा।जब की आदि महत्वपूर्ण इमारतों पर इस तरह के इंतजामात होने चाहिए थे। ताकि खालिस्तानी तो छोड़ो ऐसी जगहों पर पंछी भी पर नही मार सकता। इसके उल्ट वहां न सीसीटीवी कैमरे लगें हैं और न ही सरकार की तरफ से वहां सुरक्षा बलों के कोही पुख्ता इंतजाम थे।
ऐसी परिस्थिति में सरकार की ओर से वहां पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बहुत बड़ी चूक हुई है। जिसके चलते खालिस्तानी समर्थकों ने बेरोकटोक वहां अपने झंडे लटकाए और प्रदेश सरका की लचर कानून और व्यवस्था की खराब स्थिति की भी पोल खोली।
स्वयं मुख्यमंत्री जी भी ऐसा बोल कर के जनता में खौफ का वातावरण बनाना चाहते है।
देश की महत्वपूर्ण एवम संवेदनशील विधानसभा जैसी इमारतों तक में कमरों का प्रावधान तक नही हैं तो दूसरी सार्वजनिक इमारतो एवम स्थानों का क्या होंगा। इससे लगता है कि प्रदेश की सरकार में कुप्रशास्न का सरेआम नंगा नाच नचाया रहा है। यह देखने वाली बात है।
जब की मजे की बात तो ये है और प्रदेश सरका को भी नकल करनी चाहिए थी कि जैसे दिल्ली सरकार ने दिल्ली में तीन लाख के आसपास सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए हैं और गली मुहल्लो तक उक्त कैमरे लगाए गए है । इन केमरों के माध्यम से दिल्ली सरकार हर कोने से तमाम तरह की सूचनाएं एकत्रित करती है। जिसके चलते सरकार अपना सामान्य कामकाज जैसी व्यवस्थाओं पर पेनी नजर रखती है। आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश में भी इसी तरह की तमाम सहूलियतें वर्तमान प्रदेश सरकार से मुहया करवाने की पक्षधर है। लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार ऐसा करने पर विफल साबित हुई है। जिसका परिणाम ये हुआ कि देशद्रोहियों के हौसले बुलंद हुए और उन्होंने देश और प्रदेश की लचर सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देकर प्रदेश की विधानसभा के मुख्य द्वार पर खालीस्थानि झंडे गाड़ दिए। यदि वहां सीसीटीवी कैमरॉ का प्रावधान होता तो शायद आज देशद्रोही लोगों को आसानी से पकड़ा जाता और उनको बेनकाब भी किया जाता।
प्रदेश सरकार का इस तरह का लचर रवैया दर्शाता है की निश्चित रूप से ही प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल हुई है । यहां तक की देश और प्रदेश की सुरक्षा का जो आलम आज देखने को मिल रहा है वह सरकार की वजह से अपने आप में एक बहुत ही गंभीर विषय है जिसके चलते देश और प्रदेश की खुफिया एजेंसियों पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
शिमला से प्रैस को जारी एक बयान में हिमाचल प्रदेश आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एसएस जोगटा ने आगे की कहा है कि प्रदेश की सरकार और खालिस्तानी लोगों के बीच लगता है कोई सांठ गांठ है। जिसके चलते यह सारी कानून और व्यवस्था की लचर प्रक्रिया देखते ही बन रही है।
समय रहते यदि उचित कदम ना उठाए गए तो आने वाले दिनों में देवभूमि कहलाए जाने वाले हिमाचल प्रदेश तथा पूरे देश को इसका बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जिसकी सारी जिम्मेवारी भाजपा की डबल इंजन वाली सरकारों की होगी और जनता जनार्दन भी इस बात को लेकर के भयभीत दिख रही है।
(एसएस जोगटा),
प्रवक्ता, आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश।