नशा क्या है ? – नौजवान समझें ……..रमेश भारद्वाज उर्फ रमेश चन्द, सार्वजनिक कार्यकर्ता, लेखक एवं विचारक।
सबसे पहले तो सभी नौजवान इस बात को समझें की नशा कुछ एक लोगों का बिजनेस हैं। (It Is Their Source Of Income) आप लोगों को वो नशे का सामान बेच कर खुद के लिए अच्छा पैसा कमा कर, ऐशो आराम की जिंदगी जी रहे हैं जैसे अच्छा घर, अच्छा रहन-सहन, अच्छे कपड़े, अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा, अच्छे मोबाइल/लैपटॉप, स्मार्ट टीवी, अच्छी सेहत, देश विदेश में हवाई जहाज से घूमना, बड़े बड़े सिनेमा घरों में फिल्में देखना इत्यादि इत्यादि शामिल है।
और जो नौजवान इनसे या किसी और से इस तरह के नशे का सामान खरदते हैं उनका जीवन कैसा बन जाता है, उस पर भी नज़र डालना ज़रूरी है।
(01) सबसे पहले तो ये नशा माफिया हमारे नौजवानों को नशे का सामान कम पैसों में बेचते हैं, फिर जैसे ही किसी लड़के या लड़की को नशे की आदत पड़ जाती है, तो फिर उनसे मुंह मांगे पैसे लेते है। जिसके लिए नौजवान अपना पॉकेट मनी भी नशा खरीदने में लगा देता हैं। वो आपको नशा करने के कुछ फायदे भी बताएंगे, जैसे स्लीम होना, ऊर्जावान होना इत्यादि इत्यादि, जिससे आप उनसे नशे का सामान खरीद सकें, लेकिन ये सब झूठ होता हैं।
(02) यहीं नौजवान अपना भविष्य बनाने के बजाए, गलत रास्तों पर चल कर अपना भविष्य बराबाद कर देते हैं और न ही तो फिर वो एक अच्छा नागरिक बन पाता हैं और न ही तो वो कोई एक विशेष अधिकारी बन पाता हैं और न ही तो वो एक अच्छा लाइफ पार्टनर बन पाता हैं।
इसलिए :
“नशे से दूरी है ज़रूरी”
नौजवान इस बात को समझें की जब कभी भी वो किसी इंटरव्यू के लिए जाते हैं तो सामना वाला सबसे पहले आपके चेहरे की मुस्कान और आपके चेहरे के निखार को देखते है, आप चाहे किसी सरकारी नौकरी के इंटरव्यू के लिए जा रहे हो, चाहे सेना में जा रहे हो, चाहे किसी प्राइवेट कम्पनी में जा रहे हो, सबसे पहले यही देखा जाता है कि आप दिखने में कितने ऊर्जावान (एनर्जेटिक) लग रहे हो। अब ये आपको तय करना है कि आपको इंटरव्यू में फेल होना या पास। एक सवाल आपसे भी है यदि आपके सामने एक चुस्त दुरुस्त उम्मीदवार बैठा होगा और दूसरा कोई ढीला ढाला व्यक्ति बैठा होगा तो आप किसको अपनी कंपनी में नौकरी पर रखोगे, ज़ाहिर सी बात है आप उसी व्यक्ति को रखोगे जो ज्यादा चुस्त दुरुस्त होगा। इसलिए अब आप खुद तय करें कि आपको कैसा व्यक्ति बनना है? क्या आपको उस व्यक्ति की तरह बनना है जिससे काफी लोग नफ़रत करते है या फिर ऐसा आदमी/अधिकारी बनना है, जिसे सभी लोग चाहते हैं और इज्ज़त देते हैं। “सर उठा कर चलना” तो सब बोलते हैं पर क्या नशे की लत लगने से क्या आप सर उठा के चल पाओगें? कदापि नहीं। इसलिए “नशे से दूरी है ज़रूरी”
नशा मुक्ति केंद्र में तो उनको भेजा जाता है, जिनको समझ न हो, आजका नौजवान तो अपना अच्छा और बुरा दोनों जानता है, तो फिर हमें नशा मुक्ति केंद्रो पर अपने नौजवानों को भेजने की क्या ज़रूरत?
हमारे नौजवानों को चाहिए कि वो एक मिनिट के लिए नशा करने वाले व्यक्ति और नशा न करने वाले व्यक्ति दोनों के जीवन के बारे में सोचें, और तय करें की उनका अपना जीवन कैसा होना चाहिए।
आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।
कृपया इसे आगे सभी को भेजें ।
Written By :
Ramesh Bhardwaj Alias Ramesh Chand
Social Activist*, Writer** And Thinker
(*सार्वजनिक कार्यकर्ता)
Mob. : 7018541370 (Pref. WhatsApp)
**Writer : Development Plan For HP
Award Winner For : Creating, Introducing And Implementing New Systems In India’s No. One Genset Manufacturing Company.
Topper : Prospective Candidate For MP – Mandi Lok Sabha Seat, In Recent Election From RLP, through Online Voting.
Public Greivence Registered, As Of Now : 600+
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