मुख्यमंत्री के लिए गले का फांस बनी सोलन नगर निगम, भ्रष्टाचारियों को पनाह देकर म्युनिसिपल कमिशनरों को 2 साल में 4 बार बदले जाने के लग रहे आरोप, पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री को होना पड़ रहा है शर्मसार
म्युनिसिपल कमिश्नर की खाली कुर्सी के सामने धनीराम शांडिल ने कांग्रेस पार्षदों के साथ की बैठक
कहा: भाजपा सरकार ने नगर परिषद से लेकर नगर निगम में बदल दिए 13 अधिकारी
बार-बार कमिश्नर की ट्रांसफर को लेकर जताया रोष
सोलन
सोलन नगर निगम के अंतर्गत आने वाले कुछ भाजपा समर्थित पदाधिकारियों व स्थानीय लोगों द्वारा किया जा रहा कथित भ्रष्टाचार मुख्यमंत्री ठाकुर जयराम के गले की फांस बनता जा रहा है।
यहां भ्रष्टाचारियों का जाल इतना मजबूत हो चुका है जिसमें सोलन नगर निगम के 4 कमिश्नर फंस कर छटपटा रहे हैं।
बहुत शर्म और अफसोस की बात है कि भ्रष्टाचारियों को पनाह देने के चक्कर में पिछले 2 साल में 4 कमिश्नर सरकार द्वारा बदले जा चुके हैं जिसे लेकर स्थानीय लोगों में सरकार के विरुद्ध भारी आक्रोश है।
लोगों का आरोप है कि यहां के भ्रष्टाचारी इतने शक्तिशाली हो चुके हैं जिनके आगे सरकार नतमस्तक हो चुकी है तथा भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाने वाले अधिकारियों को बार-बार उठा कर पटक रही है। इससे सरकार की तवादला नीति शक के घेरे में आ गई है। साथ ही मुख्यमंत्री की खूब जगहंसाई हो रही है। लेकिन भ्रष्टाचारियों के आगे भाजपा सरकार की एक नहीं चल रही है।
आज पूरे प्रदेश में सोलन नगर निगम चर्चा का विषय बनी हुई है। बार-बार कमिशनरों को बदल कर सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि उसकी भ्रष्टाचारियों के साथ सीधी मिलीभगत है जिसका खामियाजा बेकसूर ईमानदार अधिकारियों को भुगतना पड़ रहा है।
हैरानी की वात है कि एक म्युनिसिपल कमिश्नर जिसने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक्शन लिया, उसे पुरस्कृत करने की बजाए उसे मात्र 5 महीने के बाद ही तबदील कर दिया गया।
अगर भाजपा सरकार इसी तरह भ्रष्टाचारियों को शरण देती रही और अधिकारियों का शोषण करती रही तो कोई भी आयुक्त अपनी ड्यूटी के प्रति सजग नहीं रह पाएगा। इस भ्रष्टाचार का अंजाम भाजपा को आने वाले चुनावों में पूरे हिमाचल में भुगतना पड़ सकता है, ऐसा लोगों का मानना है।
फिलहाल जो भी हुआ उसकी मार मुख्यमंत्री को भारी पड़ सकती है।
लोगों ने हैरानी जताते हुए कहा कि सरकार तबादला नीति की इतनी ज़ोरदार धज्जियां उड़ाएगी, उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था।
यहां भाजपा समर्थित भ्रष्टाचारियों की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि कोई भी कमिश्नर यहां नहीं आना चाहता।
स्पष्ट रूप से कहें तो सोलन भ्रष्टाचारियों का अड्डा बन चुका है। जो भी आयुक्त उन पर कार्यवाही करता है सरकार उसे उठा कर कहीं और पटक देती है ताकि सोलन भ्रष्टाचारियों की पनाहगाह बना रहे।
समझ नहीं आ रहा कि मुख्यमंत्री इसमें अपना हस्तक्षेप क्यों नहीं कर रहे जबकि मीडिया में भी यह मामला लगातार ज़ोर पकड़ता जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने संदेह जताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के इस मामले की तारें ऊपर तक जुड़ी हुई हैं जिस कारण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी स्वयं को लाचार महसूस कर रहे हैं।
इसी तबादला कांड के विरोध में विधायक व पूर्व मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने नगर निगम आयुक्त की खाली पड़ी कुर्सी के सामने कांग्रेस पार्षदों के साथ बैठक कर बार-बार बदले जा रहे कमिश्नर के मुद्दे की जमकर भर्त्सना की।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम में पिछले एक वर्ष में ही 3 कमिश्नर बदल गए हैं। नगर निगम को बने हुए करीब पौने 2 वर्ष ही हुए हैं। इससे पूर्व सोलन नगर परिषद था। वर्तमान सरकार में नगर परिषद में करीब 10 कार्यकारी बदलने का एक रिकार्ड बना।
शहर की समस्या व विकास कार्यों पर चर्चा करने के लिए विधायक कर्नल धनीराम शांडिल नगर निगम कार्यालय में पहुंचे हुए थे। वे कांग्रेसी पार्षदों के साथ नगर निगम में आयुक्त के कार्यालय में चले गए।
बैठक में न तो निगम का अधिकारी और न ही कोई कर्मचारी शामिल हुआ। कांग्रेस के पार्षद भी पूरे नहीं थे। किन्हीं कारणों से नगर परिषद की मेयर पूनम ग्रोवर भी इस बैठक में नहीं थी। सरकार ने नगर निगम के आयुक्त राजीव कुमार की कुछ दिन पहले ही ट्रांसफर की है और, डी.सी. सोलन को अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। वे विधानसभा के मानसून सत्र में इस मामले को उठाएंगे।
बैठक में 100 रुपए में पानी उपलब्ध करवाने को लेकर शहरी विकास विभाग की ओर से आए जवाब को लेकर भी चर्चा हुई।
नगर निगम के उपाध्यक्ष राजीव कौड़ा ने विधायक को बताया कि विभाग ने निगम को पुरानी दरों पर ही पानी के बिल जारी करने को लेकर निर्देश दिए हैं जबकि निगम ने सरकार को शहरवासियों को 100 रुपए 12,100 लीटर पानी उपलब्ध करवाने के लिए मंजूरी मांगी थी लेकिन सरकार इसकी अनुमति नहीं दे रही है।
पार्षदों का कहना था कि बार-बार बदले जा रहे कमिश्नर के कारण नगर निगम का कामकाज प्रभावित हो रहा हैं और भ्रष्टाचारियों के हौसले और बुलंद होते जा रहे हैं।
विकास की गति पर लगा विराम
सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि बार-बार अधिकारी बदलने से विकास की गति पर विराम लग जाता है। सरकार को यह समझना चाहिए।
प्रदेश में वर्तमान सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में विकास को गति नहीं मिली क्योंकि सरकार मुख्य सचिवों को बदलने में लगी रहीं। रिकॉर्ड 7 मुख्यसचिव बदले गए। यही प्रयोग सोलन नगर निगम में किया जा रहा है।
इससे सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।