शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ राज्य अध्यक्ष नरेश महाजन ने

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हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ राज्य अध्यक्ष नरेश महाजन ने शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि किस आधार पर फर्स्ट टर्म की बोर्ड परीक्षाएं 6 सितंबर से प्रेक्टिकल एग्जाम और 15 सितंबर से थ्योरी एग्जाम शुरू हो सकते हैं ।अब सवाल यह है कि बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना वाकई में परीक्षाओं हेतु है या फिर खाना पूर्ति है । क्योंकि 30 अप्रैल को पिछले सत्र की दूसरी टर्म की थ्योरी व प्रेक्टिकल परीक्षाएं खत्म हुई । और बड़ी मुश्किल से 16 मई के आस पास कुछ बच्चे स्कूल आने शुरू हुए । कुछ महत्व पूर्ण विषयों  का फर्स्ट टर्म का सिलेवस अभी तक खत्म नही हो पाया क्योंकि 16 मई से 20 जून तक नियमित कक्षाएं चली इसमें भी 12 अवकाश थे । मानसून छुट्टियों से पहले मात्र 22 दिन की कक्षाएं लग पाई थी । अब जबकि 6 सितंबर से नए सत्र की पहली टर्म की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने जा रही है ।

एक अगस्त से 6 सितंबर तक कुल 37 कार्य दिवस हैं जिनमे से 15 सार्वजनिक अवकाश है ।

इस सत्र के 6 सितंबर तक  सिर्फ 44 दिन पठन पाठन दिवस मिलेंगे जबकि शिक्षा बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार फर्स्ट टर्म का सिलेवस खत्म करने  के लिए 97 दिवस मिलते है ।

साथ ही स्कूलों में खेलों का दौर चला हुआ है जबकि 7 सितंबर तक जिला स्तरीय खेलों का आयोजन चलता रहेगा । साथ ही स्कूलों में विशेष दिवस एन एन एस कैम्प , यूथ पार्लियामेन्ट और अन्य बहुत से कार्यक्रम मनाए गए  जिस कारण पढ़ाई बाधित हुई । दूसरी तरफ संघ राज्य प्रवक्ता प्रवीण शर्मा ने  राज्य अध्यक्ष नरेश महाजन का समर्थन करते हुए कहा कि वाकई में शिक्षा बोर्ड की बच्चो के साथ बेमानी है क्योंकि अधिकतर बच्चे देरी से दाखिल हुए और अभी भी 30 अगस्त तक दाखिल होने की तिथि बाकी है और अधिकतर स्कूलों के बच्चे व्लाक स्तर के बाद जिला स्तर की खेलों में भाग ले रहे हैं और 6 सितंबर तक सिर्फ गैर शैक्षणिक दिवस निकाल कर सिर्फ 24 -25 दिन ही पढ़ाई होगी ऐसे में बोर्ड 6 सितम्बर से बोर्ड परीक्षाएं शुरू कर रहा है जो कि कदाचित सम्भव नही है ।

ऐसे में शिक्षा बोर्ड पुनः विचार करे और छात्र हित में परीक्षा तिथि आगे के लिए बढ़ाई जाए ।

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