मुख्यमंत्री जी, क्यों तोड़ डाला अपना वायदा? केवल हमारे साथ ही क्यों किया यह घोर अन्याय? शिक्षकगणों ने याद दिलाया जयराम जी को उनका किया वायदा, बहुत हताशा और निराशा के दौर से गुज़र रहे हैं छले गए अध्यापक
हमसे क्या भूल हुई जो यह सजा हम को मिली
Rajesh Suryavanshi
Editor-in-Chief
HR MEDIA GROUP
सातवें यू. जी. सी. वेतन स्केल न मिलने से, कृषि एवं बागवानी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों में काफी निराशा व हताशा है। कड़ा संघर्ष करने के बावजूद उनके पल्ले कुछ नहीं पड़ा। उनकी सारी मेहनत पर मुख्यमंत्री जी ने न जाने क्यों पानी फेर दिया जबकि हज़ारों अध्यापकगणों को उन्होंने लाभ पहुंचाया, मात्र थोड़े से शिक्षकगणों के साथ भेदभाव क्यों किया गया? यह प्रश्न बार-बार मानस पटल पर घूम रहा है।
मेरी सोच के अनुसार मुख्यमंत्री जी को इस बारे में Election Code of Conduct लगने से पूर्व आगामी कैबिनेट मीटिंग में जो 22 सितम्बर को होनी निश्चित हुई है, उसमें गंभीरता से विचार करके शिक्षकों के साथ किया वायदा निभाना चाहिए।
सातवाँ यू.जी.सी पे स्केल देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों को यू.सी. यू.जी.सी, नई दिल्ली ने 2018 में मंजूरी दे दी थी। उसके अनुसार देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों /महाविद्यालयों में सातवाँ यू. जी. सी. स्केल लागू भी
कर दिया गया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), नई दिल्ली ने भी अपने संस्थानों में इसे लागू किया और साथ ही कृषि/बागवानी विश्वविद्यालयों को भी 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करने की मंजूरी दी थी।
हिमाचल प्रदेश में जब 2021 तक UGC pay scale नहीं लागू हुआ तो प्रदेश के सभी शिक्षक संगठनों ने साथ आकर एक संयुक्त संगठन (JAC) बनाया।
2022 से इस संगठन ने एक छत के नीचे आकर काम करना शुरू किया।
सबसे पहले सब इकट्ठे होकर आदरणीय मुख्यमंत्री जी से 24.1.2022 को उनके दफ्तर में मिले और अनुरोध किया किया कि प्रदेश में UGC pay scale शीघ्र ही लागू किया जाए।
इसके अलावा कई विभिन्न माध्यमों से भी सचिवों और मंत्रियों से मिलते रहे।
इन प्रयासों के बावजूद सरकार पर जब कोई फर्क नहीं पड़ा तो 18 मई 2022 को सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों ने प्रोटेस्ट व स्ट्राइक करना शुरू कर दिया।
28 जून 2022 को मुख्यमंत्री जी मंडी में एक समारोह के दौरान घोषणा की कि शिक्षकगण अपना प्रोटेस्ट व स्ट्राइक बन्द कर दें। में आश्वासन देता हूँ कि एक महीने के अन्दर UGC pay scale का नोटीफीकेशन जारी करवा दूंगा।
अपने आश्वासन के अनुसार, 28 जुलाई 2022 को cabinet meeting में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिये सातवाँ यू.जी.सी पे स्केल को मंजूरी दे दी गयी। नोटिफिकेशन में सभी शिक्षकों का जिक्र किया गया। यहां तक कि 1.1.2016 से 31.3.2022 तक वित्तीय भार भी बताया गया है कि 337 करोड़ रुपये आयेगा। वार्षिक वृत्तीय भार 20222 का 113 करोड़ एवं शेष वर्तमान वित्तीय वर्ष में 75 करोड़ आयेगा।
यह सारा वित्तीय भार नोटिफिकेशन के अनुसार सभी शिक्षकों के लिए था। सभी शिक्षकों ने मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद भी कर दिया। कृषि विश्वविद्यालय ने भी मुख्यमंत्री जी का 29 जुलाई को अपने रेस्ट रूम /गेस्ट हाऊस में स्वागत किया।
कैबिनेट मीटिंग के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने अगस्त 2022 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, महाविद्यालओं के शिक्षकों के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया |
प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर, बागवानी विश्वविद्यालय, नोनी एवं टेक्निकल विश्वविद्यालय को छोड़ दिया गया।
जब ये शिक्षक सभी सचिवों से मिले औद बात को तो उन्होंने बताया कि आप सभी का UGC pay scale कैबिनेट से approve होगा उसके बाद आप सभी के अलग-अलग विभाग से नोटिफिकेशन जारी किया जायेगा।
सभी शिक्षक अपने-अपने विश्वविद्यालयों की अथॉरिटीज से मिले और एक प्रपोजल कृषि एवं बागवानी विभागों को विश्वविद्यालयों ने सचिवों को भेजा। हमारे कंपट्रोलर भी पर्सनली 6 अगस्त को प्रोपोजल लेकर गये। एग्रीकल्चर सेक्रेटरी ने 8 अगस्त को वित्तीय विभाग को भेजा।
फाइल वहीं पड़ी रही एक महीने तक और सितम्बर के प्रथम सप्ताह में काफी observations के साथ लोटा दी गई।
सचिवों के आदेशों के अनुसार विश्वविद्यालयों के कंपट्रोलरों को बुलाया गया। वे 4 से 12 सितम्बर तक शिमला मे रहे और सारी क्लेरिफिकेशनज़ देकर फाइल को कृषि विभाग से वित्तीय विभाग में भेज दिया गया।
अब फाइल वहां पड़ी है और वित्तीय विभाग अब यह बोल रहा है कि हम स्टडी करेंगे और comptrollers को वापिस भेज दिया ।
अगस्त से लेकर आज तक कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ मुख्यमंत्री जी से इस संबंध में पाँच बार मिल चुका है और अनुरोध कर चुका है।
इसके अलावा कई बार सचिवों से, कृषि मंत्री से, श्री शांता कुमार जी व श्री त्रिलोक कपूर से भी मिल चुका है। कैबिनेट में भी पाँच-छः मीटिंगें अभी तक हो चुकी है लेकिन हम तीन विश्वास द्यालयों के शिक्षकों के लिए आने वाले समय में कोई आशा नहीं लग रही है कि UGI pay scale उन्हें मिलेगा ।
यहाँ तक कि विश्वविद्यालय के कुलपति भी कई बार कृषि मंत्री, मुख्यमंत्री एवं सचिकों से मिल चुके हसीन और अनुरोध भी कर चुके है। अभी तक प्रदेश में ऐसा निर्णय नहीं हुआ है।
अपने आश्वासन के अनुसार, 28 जुलाई को कैबिनेट मीटिंग में सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिये सातवें यू.जी.सी पे स्केल को मंजूरी दे दी गयी। नोटिफिकेशन में सभी शिक्षकों का जिक्र किया गया। यहां तक कि 1.1.2016 से 31.3.2022 तक वित्तीय भार भी बताया गया है कि 337 करोड़ रुपये आयेगा।
वार्षिक वित्तीय भार का 113 करोड़ एवं शेष वर्तमान वित्त वर्ष में 75 करोड़ आयेगा।
कुछ विश्वविद्यालयो को UGC Pay scale दे दिया गया है जबकि कुछ को छोड़ दिया गया है और इस तरह के निर्णय से कृषि एवं बागवानी विश्वविधलयों के शिक्षकों में बहुत निराक्षा एवं हताशा है।
कृषि एवं बागवानी विश्वविद्यालयों के शिक्षक सिर्फ शिक्षण कार्य ही नहीं करते हैं बल्कि वे शोध प्रसार एवं अन्य शिक्षण कार्य भी करते हैं जो अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षक नहीं करते। शिक्षक तो अब अंतिम आशा भी छोड़ चुके हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव सिर पर हैं।
यही समय है जब मुख्यमंत्री उनके पक्ष में निर्णय लेकर उनकी जायज़ मांग को अपने वायदे के अनुसार मूर्त रूप देकर उनकी निराशा को आशा में बदल सकते हैं।