महा-फ़्लॉप रहा पालमपुर का रावण दहन, तीनों पुतलों ने जलने से किया इनकार, आधे-अधूरे जले पुतलों ने खोली पोल
पालमपुर का इतिहास गवाह है कि आज तक यहां कभी रावण दहन उत्सव की इतनी दयनीय हालत नहीं हुई जितनी आज हुई है।
रावण दहन से पूर्व आधा घंटे तक हज़ारों दर्शकों की भीड़ को पटाखों की गड़गड़ाहट के बल पर रोके रखा गया।
जैसे ही रावण दहन कस वक्त समीप आया तो लोगों में गजब का उत्साह था लेकिन कुछ ही मिनटों में यह उत्साह उस समय निराशा में बदल गया जब रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले बमुश्किल 25 प्रतिशत ही जले नीचे से, बाक़ी सब औंधे मुंह गिर पड़े, मानो जनता के सामने ज़मीन पर सिर रख कर यह कह रहे हों कि अब तो माफ कर दो, कब से जलते आ रहे हैं। अब पाप कर्म छोड़ कर तुम भी सुधार जाओ। हम तो अब नहीं जलेंगे पापियों के हाथों।।।
इस बार कारीगरों की कारीगरी देख कर लोगों में भारी रोष था।
ट्रैफिक व्यवस्था भी सुचारू नहीं थी। हर जगह अफरा-तफरी व ट्रैफिक जाम का माहौल देखा गया।