बेटी की शादी करना किसी तीर्थ से कम नहीं होती
नमस्कार दोस्तो,
मां बाप के लिए बेटी की शादी करना किसी तीर्थ यात्रा से कम नहीं होती है।यह भी कहते हैं बड़े बुजुर्ग कि जिस आंगन में बेटी की शादी की बेदी गाड़ी जाती है वह आंगन तीर्थ स्थल बन जाता है।मगर इस संसार में कई मां बाप अपनी माली हालत के कारण कर्ज तले भी दब जाते हैं। हालांकि ऐसा नहीं होना चाहिए, शादी की रस्में फूल माला पहना कर भी पूरी की जा सकती हैं।
श्री धर्मवीर कहीं पर दिहाड़ी लगाता है और उसकी धर्मपत्नी लोगों के घरों में काम करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।इनकी प्यारी बिटिया कु निशा पढ़ चुकी है और इसकी शादी 28नवम्बर 22को होनी तय हुई है। मण्जुषा सहायता केन्द्र कलोल को इस शादी बारे श्रीमती राखी चन्देल से पता चला जो स्वयं भी इस परिवार की सहायता कर रही है।
मण्जुषा सहायता केन्द्र कलोल निशा की शादी के लिए उसके पिता श्री धर्मवीर के बैंक खाता नंबर 40773546553 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया चंडीमंदिर में पांच हजार रुपए की वित्तीय सहायता भेज रहा है। हालांकि यह बहुत कम राशि है मगर सामर्थ्य मुताबिक सहायता ही हमारा मोटो है।
कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
अध्यक्ष मण्जुषा सहायता केन्द्र
कलोल बिलासपुर हिमाचल प्रदेश