आशा वर्कर की पांच दिवसीय ट्रेनिंग स्वास्थ्य ब्लॉक भवारना के‌ मीटिंग हॉल में शुरू‌ हुही आज तीसरे दिन की ट्रेनिग हुई आयोजित

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आशा वर्कर की पांच दिवसीय ट्रेनिंग स्वास्थ्य ब्लॉक भवारना के‌ मीटिंग हॉल में शुरू‌ 

आज तीसरे दिन की ट्रेनिग हुई आयोजित

SANSAR SHARMA
की रिपोर्ट

आशा की पांच दिवसीय OEEE ट्रेनिंग का तीसरा दिन कुछ इस अंदाज में
गायत्री मंत्र के साथ प्रार्थना ग्रुप नंबर 2,चार्ट द्वारा प्रस्तुति ग्रुप 3,रीकैप में जानकारी देते हुए ग्रुप नंबर 1 आज का टॉपिक आंखों के बारे जानकारी Dr. सुनील त्यागी जी द्वारा शुरुआत की गई ।आखों की बनाबट बारे जानकारी देते हुए बताया गया कि हम कैसे देखते हैं विस्तार से देखने की प्रक्रिया को चित्र दिखाकर समझाया गया और आशा को जिस ग्रुप की चार्ट द्वारा प्रस्तुति है बह इस चित्र द्वारा कल समझाएं।

इसके बाद इ चार्ट बारे जानकारी देते हुए बताया गया कि अपने कार्य क्षेत्र में कम दृष्टि वाले,मोतियाबिंद वाले,आंखों की सामान्य बीमारियों वाले रोगियों को पहचाने और उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में दिखाएं। मोतियाबिंद के बारे जानकारी देते हुए बताया गया कि मोतियाबिंद भारत में नेत्र हीनता का सबसे बड़ा कारण है इसे स्फेद मोतिया भी कहते हैं।आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में पाया जाता है लेकिन कई बार कम उम्र में भी इस रोग को देखा गया है। Dr. अरुण राणा जी ने आशा को बताया कि जब भी गांव में जाएं तो आंखे देखें कि पुतली सफेद या भूरे रंग की तो नहीं है क्योंकि आंख का लैंस प्रभावित होता है, अगर किसी को देखने में कठिनाई हो रही है, कम दिखाई दे रहा है तो जरूर नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में दिखाएं। सफेद मोतिया से प्रभावित रोगी को तेज रोशनी में देखना मुश्किल होता है, चश्में का नंबर बार बार बदलना पड़ता है,धुंधला दिखाई देता है।उपचार एकमात्र आपेरशन है। इसमें खराब लैंस को हटाकर कृत्रिम लैंस लगाया जाता है। इसके बाद स्वास्थ शिक्षिका श्रीमती दया देवी जी ने उपस्थित आशा को नेत्रों की देखभाल बारे बताया कि समुदाय में जानकारी दें कि घरों में नुकीली चीजों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें,होली के दौरान प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें।अगर आंख में कोई बाहरी चीज गिर जाए तो आंख को रगड़ें नहीं पानी से आंखों को धोएं।आखों में अपनी मर्जी से काजल,सुरमा,शहद,घी,इत्यादि न डालें।साल में एक बार आंखे जरूर चैक करवाने की सलाह दें।जब भी Dr. ने आखों की दवाई डालने के लिए सलाह दी हो तो समय पर डालें,आंख में दवाई डालने के बाद पांच मिनट आंख बंद रखें ,आंखों को झपकाएं नहीं,आखों को हर रोज पानी से धोएं,अपनी आंख की दवाई किसी अन्य व्यक्ति को न दें ।एक बार जब् दवाई की शीशी खोल दी हो तो एक महीने तक ही इस्तेमाल करें,।आशा के तीनों ग्रुप को अगले दिन की कार्यवाही के बारे जानकारी दी गई इसके साथ साथ नेत्र दान बारे जानकारी दी गई इसमें बताया गया कि नेत्र दान महादान है हमारे मरने के बाद भी हमारी आंखों से कोई सांसारिक दुनियां देख सकता है इसमें सिर्फ पुतली का कुछ हिस्सा लिया जाता है ऐसा नहीं है कि पूरी आंख ही निकाल दी जाती है।इसलिए आशा खुद भी आंखे दान करने का फार्म भरें और वाकी‌‌ लोगों को भी सलाह दें।

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