जब तक सूरज चांद रहेगा डॉक्टर शिव का नाम रहेगा : राजेश सूर्यवंशी , Dr. Shiv Kumar को याद किया मिशन अगेंस्ट करप्शन सोसाइटी हिमाचल प्रदेश में
“कबीरा जब हम पैदा हुए जग हंसा हम रोय, ऐसी करनी कर चलो हम हंसे जग रोय।”
“जब तक सूरज चांद रहेगा,
डॉक्टर शिव का नाम रहेगा”
पालमपुर में समाज सेवा को एक नई पहचान देने वाले, विधायक बनकर लोगों की निस्वार्थ सेवा करने वाले, सदा स्पष्ट बोलने वाले, अपनी डॉक्टरी प्रैक्टिस को खतरे में डालकर लोगों के घर घर जाकर उनका इलाज करने वाले मृदुभाषी मिलनसार और खुशमिजाज डॉ शिवकुमार जी बेशक आज हमारे बीच नहीं उनको हमसे बिछड़े हुए एक वर्ष बीत गया लेकिन हमारे लिए आज भी अजर हैं, अमर हैं सदा हमारे अंग-संग हैं। वह हमारे प्रेरणा स्रोत है। मिशन अगेंस्ट करप्शन सोसाइटी डॉक्टर शिव को आदर्श मानते हुए निरंतर आगे बढ़ रही है तथा जनसेवक एक विस्तृत रूप देने हेतु प्रयासरत हैं। स्वर्गीय सुशील कुमार पर यह पंक्तियां बिल्कुल सटीक बैठती है…….
चिट्ठी ना कोई संदेश,
जाने वो कौन सा देश
जहाँ तुम चले गए ।
इस दिल पे लगा के ठेस,
जाने वो कौन सा देश,
जहाँ तुम चले गए ।
एक आह भरी होगी,
हमने ना सुनी होगी,
जाते जाते तुमने,
आवाज़ तो दी होगी ।
हर वक़्त यही है ग़म,
उस वक़्त कहाँ थे हम,
कहाँ तुम चले गए ।
सोसायटी फॉर वूमेन वेलफेयर एंड मिशन अगेंस्ट करप्शन हिमाचल प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त समाजसेवी स्वर्गीय डॉक्टर शिवकुमार की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया, माल्यार्पण किया और भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर मिशन अगेंस्ट करप्शन के सभी सदस्यों व कार्यकर्ताओं ने दो मिनट का मौन रखा तथा डॉक्टर शिव की आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की।
इस दौरान सोसाइटी के वाइस चेयरमैन श्री मनीष कुमार व महासचिव श्री गोपाल सिंह राजपूत सहित सभी पदाधिकारी तथा कई गणमान्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
इस मौके पर मिशन अगेंस्ट करप्शन के चेयरमैन श्री राजेश सूर्यवंशी ने अपने संबोधन में स्वर्गीय डॉक्टर शिवकुमार जी को याद करते हुए कहा कि कहा कि डॉ शिवकुमार जैसे महानायक तपती धूप में उस वृक्ष के समान होते हैं जो सभी को समान रूप से छाया प्रदान करता है। वह वृक्ष की भांति स्वयं कुछ नहीं लेते, सिर्फ देने में ही विश्वास रखते है।
ऐसे महान व्यक्तित्व के स्वामी थे हमारे परम पूजनीय डॉ शिवकुमार जी।
सूर्यवंशी ने कहा कि डॉक्टर शिव हमेशा दूसरों के लिए ही जिए तथा लाखों लोगों को आश्रय प्रदान कर गए।
सूर्यवंशी ने आगे कहा कि है वैसे तो हमारे समाज में अनेक समाजसेवी हैं लेकिन डॉक्टर शिव जैसे समाजसेवी बनना हर किसी के बूते की बात नहीं।
धन-बल के सहारे तो बहुत से लोग समाजसेवी होने का दम भरते हैं लेकिन निस्वार्थ जनसेवा के लिए लोगों से एक-एक पैसा मांग कर अरबों रुपए की संपत्ति का सृजन कर उसे लोगों को समर्पित कर देते हैं, ऐसे समाजसेवी ढूंढने से भी नहीं मिलते, बेशक कुछ लोग वक्त के साथ उन्हें याद नहीं करते लेकिन उनके किए हुए महान कार्य हर पल, हर समय लोगों को अपनी याद दिलाते ही रहते हैं। ऐसे महान लोगों को याद करना कोई बड़ी बात नहीं क्योंकि वह तो सदा सदा के लिए लोगों के दिल में बस चुके हैं।
वैसे तो अनेक पूंजीपति लोग भी समाजसेवी होने का दावा करते हैं लेकिन जो भावना निस्वार्थ सेवा की, बिना किसी पद के लालच की, सदा त्वरित निर्णय लेने की, डॉ शिवकुमार में थी, ऐसी प्रतिभा अनेक समाजसेवी कई जन्म लेकर भी नहीं कमा सकते।
हम ऐसे महान व्यक्तित्व की बात कर रहे हैं जिन्होंने जीवन में कभी किसी का बुरा नहीं किया । आज वही संस्कार वह अपने पुत्र श्री राघव शर्मा को धरोहर के रूप में सौंप पर गए हैं।
आशा है वह डॉ शिव के नाम को चार चांद लगाने में तथा उनके कार्यों को आगे बढ़ाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे, भले ही उन्हें कितने ही उतार-चढ़ाव और संघर्ष का सामना करना पड़े। उनके परिवार के सभी लोगों को डॉक्टर शिव की राह पर चलने की प्रेरणा मिले, यही हमारी कामना है।
ॐ शांति… शांति…. शांति ॐ