श्री के.जी. बुटेल, चेयरमैन के रूप में रोटरी आई हॉस्पिटल को मिला एक अनमोल मोती,

"मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां वनता गया"

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GOPAL EMPORIUM

PALAMPUR

INDIA REPORTER TODAY

दी पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन मारंडा को नवनियुक्त चेयरमैन श्री केजी बुटेल के रूप में एक अनमोल मोती प्राप्त हुआ है। ऐसे मोती तो सागर की गहराई में भी ढूंढे नहीं मिलते। किसी भी व्यक्ति या संस्थान को ऐसे महान व्यक्तित्व का मिलना सौभाग्य नहीं तो और क्या है!

अगर श्री केजी बुटेल जैसे कर्मठ, हँसमुख, मिलनसार, उच्चरित्र वान, ईश्वर में जहां आस्था रखने वाले, अनुशासित और पारदर्शी व्यक्तित्व के स्वामी किसी संस्थान की शोभा बढ़ाएं तो इससे अधिक खुशकिस्मती और क्या होगी।

लगभग 37 वर्ष  पूर्व जब रोटरी आई फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय डॉ शिव कुमार ने इस अस्पताल की नींव रखी थी उस समय भी इस बहुआयामी परियोजना जोकि उस समय मात्र एक सपना भर थी, को साकार रूप देने के लिए उनके जिस मित्र ने उनका सर्वप्रथम साथ दिया था, वह श्री कृष्ण गोपाल बुटेल ही तो थे।

सर्वारम्भ में जब नवनिर्मित छोटे से भवन में विद्युत व्यवस्था न होने पर जिन्होंने खुद अपने हाथ में टॉर्च पकड़कर डॉक्टर शिव कुमार शर्मा को मोतियाबिंद सर्जरी करने में सहयोग दिया था, वह केजी बुटेल ही तो थे।

जब आई हॉस्पिटल की ज़मीन दान में लेने के लिए डॉक्टर शिव प्रयास कर रहे थे तो होशियारपुर के 52 चक्कर लगाने वाले केजी बुटेल ही तो थे।

 

सर्जरी के उपकरण कम से कम भाव में लाख जोड़-तोड़ करके लाने वाले एक केजी बुटेल ही तो थे।

जब रोटरी भवन पालमपुर के निर्माण का सपना डॉ शिव ने संजोया था तब सबसे पहले अपनी जेब से सारे पैसे निकाल कर व लकड़ी और कुछ अन्य जरूरी सामान मुहैय्या शुरुआत करवाने वाले केजी बुटेल ही तो थे।

यही कारण रहे कि डॉ शिव की आंखों के वह सदा तारे बने रहे। ऐसा होना अवश्यम्भावी था क्योंकि हर हालात में उन्होंने संघर्ष से कभी मुंह नहीं मोड़ा और चलते ही रहे उस अज्ञात और अनजानी मंज़िल की ओर जो आज रोटरी आई हॉस्पिटल, वुमन एंड चाइल्ड केअर हॉस्पिटल ठाकुरद्वारा, बचपन, वृद्धाश्रम, नारी उत्थान केंद्र, आदि कई ऐसे मानव सर्वांगीण उत्थान केंद्र हैं जो आज अपनी मंज़िल पाकर इठला रहे हैं।

लाखों लोगों को इन केंद्रों का उचित दामों पर लाभ मिल रहा है।

एक समय था, लगभग सवा साल पहले का, जब डॉ शिव हमें रोता-बिलखता छोड़ कर प्रभु चरणों में विलीन हो गए, उस समय सबके समक्ष सबसे कठिन परिस्थिति यह थी कि अब अगले चेयरमैन कौन होंगे जिनके हाथों में फाउंडेशन का भविष्य सुरक्षित रह पाएगा।

ऐसे में सर्वसम्मति से श्री केजी बुटेल जोकि सुंगल टी एस्टेट के स्वामी हैं तथा चाय बागानों के उत्थान में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं और बेहतरीन चाय पत्ती देश-विदेश में भिजवा कर कांगड़ा चाय का नाम रोशन करते हैं, को दी पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन के चेयरमैन चयनित किया गया।

वह अपनी पूरी टीम सहित बेहतरीन तरीके से, पूरी कर्मठता से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं तथा उनसे जो आशाएं थीं उन पर खरा उतरने का हर प्रबल प्रयास कर रहे हैं। सफलता उनके कदम चुम रही है। उनके कुशल नेतृत्व के परिणामस्वरूप कठिन राहें आसान हो रही हैं। 

यादों के झरोखों से ..

Mr. K.G. Butail बने द पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन ( रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा) के न चेयरमैन

श्री केजी बुटेल की कर्मठता और ईमानदारी का ही परिणाम है की उनके मात्र एक वर्ष से कम के कार्यकाल में ही अस्पताल 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी दर्ज कर चुका है। तमाम प्रतियोगियों को पीछे छोड़ कर अस्पताल निरंतर तरक्की की मंज़िलों को छू रहा है।

श्री केजी बुटेल के आते ही अस्पताल के तमाम कार्यों में पारदर्शिता आई है। कम से कम दामों पर उपकरणों व अन्य सामग्री की खरीद-फ़रोख्त हो रही है।

पिछले कुछ ही महीनों में श्री केजी बुटेल अस्पताल का लाखों रुपए बचा चुके हैं।
आखिर वह इतना सब कुछ किसके लिए कर रहे हैं, ज़ाहिर है कि सर्वजन हिताय और अस्पताल की उन्नति के लिए।

श्री बुटेल का मानना है कि मनुष्य को सदैव समाज के कल्याण के लिए सर्वदा बढ़-चढ़ कर आगे आना चाहिये।

वह कहते हैं….

मनुष्य का जन्म ही परोपकार के लिए हुआ है। अपना भला तथा अन्य तमाम कार्य जो इंसान करता है वह पशु भी करते हैं, केवल ईश्वर की आराधना और परोपकार को छोड़ कर।

इसलिए हमें ईश्वरीय आराधना और परोपकार को कभी भूलना या त्यागना नहीं चाहिए क्योंकि यही तो मनुष्य की वास्तविक पहचान हैं।

श्री बुटेल इस बात को सर्वथा प्रत्यक्ष रूप में मान कर अपने जीवन को आगे बढ़ा रहे हैं कि….

कबीरा जब हम पैदा भए

जग हंसा हम रोए

ऐसी करनी कर चलो

हम हंसें जग रोये।।

श्री केजी बुटेल ने अथाह संपत्ति होते हुए भी अपने खून-पसीने की गाढ़ी कमाई में ही बरकत समझी। अपने पूरे जीवनकाल में उन्होंने कई ऐसे नित नए व्यावसायिक प्रयोग किये जिससे काफी समय तक अनेक महिलाओं और बेरोजगारों को रोजगार मिला। उनके परिवार पले तथा उन्हें दिली दुआएं मिलीं।

आज भी जीवन सफर के 8 दशक पूरे करने पर भी वह तनाव मुक्त जीवन जीते हैं, उनके जीवन में हर्षोल्लास का संचरण हो रहा है। सबको एक माला में पिरो कर चलने में वह कामयाब साबित हुए हैं।

उनकी जिंदादिली और खुशमिजाजी का जीता जागता उदाहरण उस समय देखने को मिला जब कुछ दिन पूर्व ही उन्होनें अपनी जीवन संगिनी श्रीमती राधा बुटेल के साथ अपने अटूट बंधन के 50 वर्ष पूर्ण कर विला कामेलिया में जोरदार भव्य कार्यक्रम कर, अपने प्रियजनों को आमंत्रित कर 50वीं सालगिरह को यादगार बना डाला। सैंकड़ों लोग इन दुर्लभ अनमोल क्षणों के गवाह बने और इस भाग्यशाली जोड़ी को शुभकामनाएं दीं।

Mr.ARCHIT BUTAIL

सर्वश्री बुटेल के सुखद जीवन में उनकी पुत्रवधू एवं सुपुत्र श्री अर्चित बुटेल की भी सपरिवार विशेष भूमिका रही है। शादी की 50वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में उन्होंने अपने पिताश्री को मर्सेडीज कार प्रदान कर अपना प्रेम व श्रद्धा लुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपने परिवार के जीवन में खुशियों के पल लाने हेतु वह सदा लालायित रहते हैं। वह भी अत्यंत मिलन सार, हँसमुख व सौम्य स्वभाव के स्वामी हैं। ईश्वर उन्हें सदा प्रसन्न रखें तथा वह अपने पूज्य माता-पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए निरंतर आगे बढ़ते रहें।

हालांकि श्री केजी बुटेल इन उपहारों से अधिक मानव प्रेम को तरजीह देते हैं लेकिन अपने परिवार की भावनाओं को देखकर वह खुशी से फूले नहीं समाए तथा परमेश्वर का धन्यवाद  किया।

ईश्वर करें, उनके और उनके परिवार के जीवन में खुशियों की सदा बरसात होती रहे व प्रभु की कृपा उनपर सदैव बनी रहे। वह स्वस्थ रहें तथा उनकी दीर्घायु हो ताकि दुखग्रस्त समाज को उनकी उपस्थिति का एहसास होता रहे तथा सर्वद का भला हो। ऐसे परोपकारी और कर्मठ व्यक्तिव की समाज को सख्त जरूरत है। ईश्वर उनके सभी कार्यों को फलीभूत करें!

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