सुक्खू सरकार बनने के बाद रुका विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना का पैसा

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SHIMLA : GEETA CHOPRA

वित्त वर्ष 2022-23 की तीन किस्तें पूर्व जयराम सरकार दे चुकी है। सत्ता परिवर्तन के बाद चौथी किस्त जनवरी के पहले सप्ताह में सुक्खू सरकार को जारी करनी थी लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी फाइल एक महीने से दबा रखी है।

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुक्खू सरकार बनने के बाद विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना का पैसा रोक दिया गया है।

प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य ठप पड़ गए हैं। न तो नई संपर्क सड़कों का निर्माण हो पा रहा है और न ही पुराने मार्गों की मरम्मत। सामुदायिक भवन निर्माण, रिटेनिंग वाल और आधारभूत ढांचा विकास आदि के तमाम कार्य रुक गए हैं।

जनता विधायकों से जवाब मांग रही है लेकिन वे जवाब नहीं दे पा रहे हैं। वित्त वर्ष 2022-23 की तीन किस्तें पूर्व जयराम सरकार दे चुकी है।

सत्ता परिवर्तन के बाद चौथी किश्त जनवरी के पहले सप्ताह में सुक्खू सरकार को जारी करनी थी लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी फाइल एक महीने से दबा रखी है।

फरवरी का दूसरा सप्ताह बीतने के बावजूद विधायकों को इस योजना से वित्तीय वर्ष 2022-23 की आखिरी किस्त जारी नहीं की गई है।

विधायकों के लगातार दबाव के बावजूद मुख्यमंत्री कार्यालय इस फाइल को योजना विभाग को नहीं भेज रहा है। योजना विभाग इसे संबंधित जिलों के उपायुक्तों को जारी करता है।

अभी वहां पहुंचना तो दूर की कौड़ी है। आमतौर पर यह राशि 31 मार्च तक खर्च करनी होती है। उसके बाद यह लैप्स हो जाती है। योजना के तहत हर विधायक को इस वर्ष 2-2 करोड़ रुपये दिए जाने थे। इस निधि को वित्तीय वर्ष 2022-23 के वार्षिक बजट में 1.80 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया गया था।

अभी सभी विधायकों को डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। अब चौथी व अंतिम किस्त के 50-50 लाख रुपये ही शेष बचते हैं।

योजना विभाग काफी समय पहले इसे जारी करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को अपनी फाइल भेज चुका है, पर वहां से अभी तक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मंजूरी लेकर इसे योजना विभाग को नहीं भेजा गया है।

इससे विधायकों में खासी नाराजगी है। भाजपा विधायक इस बारे में खुलकर बातेें कर रहे हैं, मगर कांग्रेस विधायक अंदरखाते इसकी मांग कर चुके हैं।

भाजपा की बैठक में उठ चुका सीपीएस की नियुक्तियों का मामला
ऊना में हुई भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भी मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्तियों में फिजूलखर्ची का मामला उठाया जा चुका है। विधायकों को क्षेत्र विकास निधि का पैसा जारी न करने के बारे में नाराजगी जताई जा चुकी है। इस पर भाजपा कोर्ट में जाने की तैयारी कर रही है। विधायक प्राथमिकता बैठक में भी कुछ विधायक इस मसले को उठा चुके है।

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