जाति सूचक शब्द बोलने पर मनाली थाने में एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज।
पीड़ित का आरोप मारपीट के बाद फोन पर मिल रही है जान से मारने की धमकियां।
आजादी के 75 वर्षो बाद भी अनुसूचित जाति के लोगों से हो रहा है जातिय भेदभाव।
अनुसूचित जाति के संगठनो ने की पीड़ित को न्याय और सुरक्षा दिलाने की मांग।
कुल्लू (मनाली) : अमर चंद– आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद जातिवाद पर आधारित समाज आज भी विद्यमान है जिसमें अनुसूचित जाति और जनजाति लोगों के साथ जातीय भेदभाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस आधुनिक युग में इंसान कहां से कहां पहुंच गया लेकिन जातिवाद का बोलबाला आज भी कई जगहों पर देखने को मिल रहा है।
जातीय भेदभाव का एक मामला अब मनाली थाना के अन्तर्गत सामने आया है। सोमवार को पीड़ित टिकम राम ने पुलिस अधीक्षक कुल्लू को एक शिकायत पत्र सौंपा जिसमें उसने दो लोगों के खिलाफ मारपीट, जातिसूचक शब्द बोलने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। जिस पर थाना मनाली में एससी एसटी एक्ट की धारा 3(1) और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हो गया है।
पुलिस अधीक्षक कुल्लू को दिए गए शिकायत पत्र में पीड़ित टिकम राम निवासी शांघड सैंज ने तहरीर किया है कि वह मनाली के एक होटल में काम करता है। 7 फरवरी को जब वह होटल ट्री हाउस मनाली में अपने दोस्तों के साथ एक जन्मदिन पार्टी में बैठा था तो वहां पर नीतीश उर्फ पम्मी ने उसके साथ लड़ाई झगड़ा व मारपीट की तथा बार-बार जातिसूचक गालियां देकर जान से मारने की धमकियां दी है। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया है कि इस घटना के बाद कुछ लोग इसे बार-बार फोन पर भी जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं जिसकी इसके पास ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।
जिला कुल्लू के विभिन्न अनुसूचित जाति संगठनों कोली समाज, भीम आर्मी, भीम ज्योत फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि इस केस में शीघ्र ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि पीड़ित को बार-बार जान से मारने की धमकियां मिल रही है इसलिए पुलिस की सुरक्षा देकर न्याय प्रदान किया जाए।
इस केस की तहकीकात कौन अधिकारी कर रहा है और इसमें गिरफ्तारी कब होगी इस बारे पुलिस अधीक्षक कार्यालय कुल्लू से सम्पर्क किया जाए।