घरेलु कचरे में 50 प्रतिशत से अधिक कचरा हमारी रसोई का होता है : वैज्ञानिक डा. रक्षक कुमार, Poonam Bali रहीं आज के कार्यक्रम की मुख्यातिथि CSIR-IHBT में

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शीत क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने पर सीएसआईआर-आईएचबीटी में कार्यशाला

सीएसआईआर-आईएचबीटी, पालमपुर में “एक सप्ताह एक प्रयोगशाला” कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 22 फरवरी 2023 को शीत क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।

विदित रहे की “एक सप्ताह एक प्रयोगशाला” अभियान की शुरुआत डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस कार्यक्रम के माध्यम से सीएसआईआर के 37 प्रमुख संस्थान भारत में अपने यहाँ विकसित प्रौद्योगिकीय उपलब्‍धियों एवं नवाचारों द्वारा अर्जित सफलताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं।


पालमपुर नगर निगम की महापौर श्रीमती पूनम बाली ने मुख्‍य अतिथि के तौर पर इस समारोह की अध्‍यक्षता की। समारोह में बैजनाथ-पपरोला नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती कांता देवी एवं सचिव श्री प्रदीप दीक्षित, स्‍थानीय महिला मण्‍डलों एवं प्रतिनिधियों तथा स्‍थानीय सफाई कर्मियों ने प्रतिभागिता की।


सीएसआईआर-आईएचबीटी के वैज्ञानिक डा. रक्षक कुमार ने घरेलू कचरा प्रबन्धन पर अपने प्रस्तुतिकरण में बताया कि घरेलु कचरे में 50 प्रतिशत से अधिक कचरा हमारी रसोई का होता है। इस कचरे का सदुपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आहवान किया कि वे अपने घरेलू कचरे को अलग-अलग रखें तथा इस कचरे से जैविक खाद बनाएँ। उन्होंने बताया कि सीएसआईआर-आईएचबीटी ने इस कचरे के निवारण के लिए स्मार्ट बायोबिन तथा ‘‘कम्पोस्ट बूस्टर‘‘ विकसित किए हैं। जो जैविक कचरे का तेजी से क्षरण करते हैं। इस कार्यक्रम मे स्मार्ट बायोबिन तथा ‘‘कम्पोस्ट बूस्टर‘‘ का प्रदर्शन भी किया गया। साथ ही इस अवसर पर एक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने खेल-खेल में गीले एवं सूखे कचरे में अंतर को सीखा।

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