बिना गुनाह ये खंजर घोंपते देख रखे हैं मैंने..कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल

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हाव -भाव
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लोगों के कई हाव -भाव देख रखे हैं मैंने,
करतब इनके बड़े चाव से देख रखे हैं मैंने,
मेरे सामने मेरे ही कसीदे बुनते हैं ये लोग,
इन्हें दूसरों के घाव कुदेरते देख रखे हैं मैंने।

बिना गुनाह ये खंजर घोंपते देख रखे हैं मैंने,
बातों में मीठा जहर घोलते देख रखे हैं मैंने,
कई बार डंस रखा है मुझे सांप की तरह,
इस तरहके कई बेहया बेदर्द देख रखे हैं मैंने।

मैं गर चुप रहूं इन्हें वह भी तो नहीं पचता,
कितना भी प्यार बांट लूं इन्हें नहीं जचता,
चलो मै काट लूंगा बचे हुए जिंदगी के दिन,
इन्हे तो भगवान भी खुश नहीं कर सकता।

कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
कलोल बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

Mob..9418425568

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