MMS रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा के चेयरमैन का जताया हार्दिक आभार, शुक्र है जागे तो सही, डॉक्टर शिव के शुभचिंतकों में खुशी की लहर
डॉक्टर शिव के सम्मान को वापिस लाने की एक कोशिश हुई सफल
*जब तक सूरज चांद रहेगा,
डॉक्टर शिव का नाम रहेगा।।*
हिमाचल रिपोर्टर मीडिया ग्रुप और मिशन अगेंस्ट करप्शन सोसाइटी पिछले एक वर्ष से रोटरी आई हॉस्पिटल की गवर्निंग बॉडी के समक्ष ज़ोरशोर से यह मांग उठा रही थी कि अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त समाजसेवी डॉ. शिव कुमार शर्मा की प्रतिमाएं रोटरी संस्था के विभिन्न प्रतिष्ठानों के प्रांगण में स्थापित करवाए क्योंकि डॉ शिव की प्रथम पुण्य तिथि के अवसर पर संस्था की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों अथवा चेयरमैन केजी बुटेल ने उनकी फोटो पर एक फूलमाला चढ़ाना भी गंवारा नहीं समझा था । मात्र उनके पुत्र राघव शर्मा -जी एम व डायरेक्टर डॉ सुधीर सल्होत्रा ने अस्पताल में डॉ शिव की फोटो पर फूलमाला चढ़ा कर तथा चांद पब्लिक स्कूल में एक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित करके डॉक्टर साहिब को श्रद्धासुमन अर्पित किए थे। वहां भी औपचारिकता के लिए भी गवर्निंग बॉडी का कोई मेंबर या पदाधिकारी नहीं पहुंचा था। इसकी सर्वत्र निंदा भी हुई थी तथा गवर्निंग बॉडी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल भी उठे थे जिसका प्रबंधकारिणी ने कोई जवाब देना भी उचित नहीं समझा था। इस तानाशाही के खिलाफ डॉ शिव के परिवार में रोष भी देखने को मिला था जिसकी किसीने कोई परवाह नहीं की थी।
डॉक्टर शिव ने पालमपुर में रोटरी संस्था को स्थापित किया था। उन्होनें ही जनसहयोग से इसे जीरो से हीरो बनाया। रोटरी भवन बनवाया जो आज भी हर किसी की पहुंच में है तथा सबकी ज़रूरतों को पूरा करता है और कई मैरिज पैलेस खुलने के बाद भी आज रोटरी भवन नंबर वन पर है। क्या इसके लिए डॉक्टर शिव सम्मान के अधिकारी नहीं हैं?
दूसरा, उन्होंने जिस निःस्वार्थ भावना से रोटरी आई हॉस्पिटल, वृद्धाश्रम, विद्या भूपेंद्र रोटरी स्त्रीरोग व शिशु रोग हॉस्पिटल ठाकुरद्वारा, बाल आश्रम, रोटरी महिला आईटीआई, रोटरी फिजियोथेरपी सेन्टर, महिला उत्थान केंद्र, कई शिक्षण संस्थान चलाए वह इस बात का सजीव प्रमाण है कि डॉक्टर शिव की प्रतिमाएं लगनी ही चाहिये। इसीलिए हमने डॉक्टर शिव व उनके परिवार के मान-सम्मान को बरकरार रखने के लिए ही बार-बार उनकी प्रतिमाएं स्थापित करने की आवाज़ उठाई थी।
आज यह उदघोष करते हुए गमें अत्यधिक प्रसन्नता अनुभव हो रही है कि रोटरी आई फाउंडेशन को हमारी यह मांग मानते हुए नतमस्तक होना ही पड़ा और यह घोषणा करनी पड़ी कि डॉक्टर शिव की 6 प्रतिमाएं विभिन्न प्रतिष्ठानों के प्रांगण में स्थापित की जाएंगी जोकि निर्माणाधीन हैं। आखिर सच्चाई की जीत हुई चाहे इसमें डेढ़ साल ही क्यों नहीं लग गया। जो लोग डॉक्टर शिव के साथ चंद कदम चलकर साथ छोड़ गए और आज महानायक बनने की कोशिश कर रहे हैं उनके मुंह पर उक्त निर्णय करारी चपेड के समान है। जो लोग पुण्य आत्मा डॉ शिव को डिक्टेटर कहने का दुस्साहस करते हैं उनके लिए भी संकेत स्पष्ट है जनता का।
हमने पूरी निर्भीकता से डॉक्टर शिव का खोया सम्मान वापिस दिलवाने का जो बीड़ा उठाया था उसमें हमें पूर्ण सफलता मिली है। इसके लिए डॉक्टर शिव के समर्थकों और आम जनता में खुशी की लहर है। लोगों के दिलों में डॉक्टर शिव के प्रति आज भी वो स्नेह व श्रद्धा है कि फाउंडेशन में अगर किसी ने भी डॉक्टर शिव के नाम को कलंकित करने का झीना सा भी कुप्रयास किया तो यह उसके लिए अत्यंत घातक सिद्ध हो सकता है। जनता उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगी।
जनता का मानना है कि नई फाउंडेशन को डॉ शिव के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और बिना किसी लोभ-लालच और तानाशाही के लोगों का आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए। डॉक्टर शिव के नाम को आम जनता कभी कलंकित नहीं होने देगी चाहे उसके लिए कोई भी बलिदान क्यों न देना पड़े।
जब डॉक्टर शिव की मूर्तियां स्थापित होंगी तो उनके दर्शन करने से लोगों को समाजसेवी बनने की प्रेरणा मिलेगी तथा डॉक्टर शिव के जीवन से प्रेरित होकर एक नव समाज का सृजन करने में समर्थ होंगे।
हम सब डॉक्टर शिव की आत्मा की शांति हेतु परम पिता परमात्मा से प्रार्थना करते हैं।
ॐ शांति..शांति…शांति ॐ