भारत को संसद में एक गंभीर विपक्ष की आवश्यकता है
धर्मशाला
अरविन्द शर्मा
संसद का मानसून सत्र नजदीक है और सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। इसका मतलब यह है कि सरकार द्वारा प्रस्तावित कोई भी विधेयक बिना ज्यादा विरोध के पारित होने की संभावना है।
हालाँकि, जनता को उम्मीद है कि उनके चुने हुए विपक्षी नेता उनकी चिंताओं को उठाएंगे और संसद में उनके हितों का प्रतिनिधित्व करेंगे। विपक्ष के लिए सरकार के विधेयकों में किसी भी कमी को उजागर करना और सुधार के लिए समाधान प्रस्तावित करना महत्वपूर्ण है।
यदि विपक्ष की रणनीति हर सत्र के दौरान बहाने बनाकर काम से बचने और कार्यवाही में शामिल न होने की है, तो सरकार पर एकतरफा बिल पारित करने और देश को मनमाने ढंग से चलाने का आरोप लगाना अनुचित है।
विपक्ष को मजबूत होने और महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। नारे लगाने और बाहर निकलने के बजाय, उन्हें अपनी बात प्रभावी ढंग से रखने के लिए हर अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
विपक्ष के लिए यह प्रदर्शित करना महत्वपूर्ण है कि वे वास्तव में लोगों के कल्याण की परवाह करते हैं और उनकी चिंताओं को दूर करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
अरविन्द शर्मा
धर्मशाला (हिमाचल)
asharmapti@gmail.com
30/6/23