CSK HPKV के वाईस चांसलर के कार्यकाल की समाप्ति की उल्टी गिनती शुरू, वाइस चांसलर पद की तेरहवीं 21 अगस्त को सायं 5 बजे

न जाने क्यों चुप्पी की चादर ओढ़े हैं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू

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हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के पद की तेरहवीं 21 अगस्त को सायं 5 बजे

शिमला, 8 अगस्त 2023

आर.एल. शर्मा, ब्यूरो प्रमुख 

हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. हरिन्दर कुमार चौधरी का कार्यकाल 21 अगस्त 2023 को शाम 5:00 बजे समाप्त हो रहा है।
अब मात्र 13 दिन शेष बचे हैं। उलटी गिनती आरम्भ हो चुकी है। एक-एक दिन वज्र के समान प्रतीत तो रहा है।

NSUI से सम्बंधित कुछ नए उम्मीदवार वाइस चांसलर पद की दौड़ में शामिल हो चुके हैं तथा अपने-अपने राजनीतिक जुगाड़ लगाने में व्यस्त हैं।

कुछ भाजपा से संबंधित हैं तो कुछ कांग्रेस से लेकिन हालात बयान कर रहे हैं कि भाजपा समर्थित उम्मीदवार अधिक सशक्त और आश्वस्त नज़र आ रहे हैं।

वर्तमान वीसी पुनः पद हथियाने के लिए एढी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। कभी वह 6 महीने तो कभी 3 साल की एक्सटेंशन मिलने की बात कर रहे हैं जैसाकि पहले कभी नहीं हुआ है।

उल्लेखनीय है कि इतिहास गवाह है कि सिर्फ डॉ तेज प्रताप सिंह दो बार वाईस चान्सलर बने थे वह भी एक अंतराल बीतने के बाद, फ्रेश रूप से, एक्सटेंशन लेकर नहीं आए थे।
अब देखना यह है कि पार्टी के वरिष्ठ सिपहसालारों के बाहरी व आंतरिक विरोध के बावजूद डॉ चौधरी एक्सटेंशन प्राप्त कर पाते हैं या नहीं अथवा कोई कांग्रेसी उम्मीदवार वाईस चांसलर बनने में कामयाब होते हैं।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार भारी बारिश, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के चलते भारी व्यस्तताओं के कारण वाइस चांसलर का पद भरने हेतु सरकार नियत समय पर नोटिफिकेशन जारी नहीं कर पाई। मुख्यमंत्री की व्यस्तताओं के कारण पोस्ट advertise होने में अभी अधिक समय लग सकता है।
इस विषय में कोई प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। आवेदन भी आमंत्रित नहीं किए गए हैं। सरकार इस प्रक्रिया को थोड़ी देरी से आरंभ करेगी और कुछ समय के लिए कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर का कार्यभार सेक्रेट्री एग्रीकल्चर के हाथों में सौंपा जाएगा, ऐसी ख़बर मिली है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, यह स्थिति हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के विकास और प्रबंधन से जुड़ी हुई है।. विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर का पद महत्वपूर्ण होता है और नए वाइस चांसलर की नियुक्ति का तरीका चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
इस दौरान, सरकार को उचित और योग्य व्यक्ति का चयन करने के लिए सावधानीपूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।

इस प्रक्रिया में लोगों के उत्तरदायित्व और पेशेवरिता को महत्वपूर्ण रूप से ध्यान में रखकर आगे बढ़ने के लिए नए वाइस चांसलर का चयन किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय एक प्रमुख कृषि विश्वविद्यालय है और इसका देश के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है।

वाइस चांसलर का पद एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद है, और नए वाइस चांसलर के चयन से विश्वविद्यालय के भविष्य को नया आकार मिलेगा, नई दिशा मिलेगी।
अगर सरकार कांग्रेस से जुड़े अपने ही वरिष्ठ वैज्ञानिकों की अनदेखी करती है तो सरकार में भीतरघात की संभावना है। सरकार के अपने ही लोग विरोध के स्वर बुलंद कर सकते हैं।

ऐसी विकट परिस्थितियों में सरकार कितना संयमित, कितना बुद्धिनातापूर्ण निर्णय ले पाती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल तो पालमपुर से सम्बंधित कांग्रेसी उम्मीदवारों को वरीयता दिए जाने की पार्टी के सिपहसालारों की आवाज़ें उठ रही हैं। मुख्यमंत्री कब अपनी लंबी चुप्पी तोड़ते हैं यह भविष्य के गर्भ में है।

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