NHAI व रेवेन्यू विभाग की टीम पर भेदभाव का आरोप, रोटरी आई हॉस्पिटल के सामने अतिक्रमण पर पर्दा डाल कर नेशनल हाईवे बढ़ा दिया दूसरी ओर

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आज NHAI व Revenue विभाग की टीम ने लोअर मारंडा Transfer अतिक्रमण हटाने हेतु दबिश दी। उस दौरान कुछ स्थानों से अतिक्रमण हटाया भी।

तहसीलदार की अगुआई में रेवेन्यू विभाग की टीम की कार्यप्रणाली दोपहर बाद संदेह के घेरे में आ गई।

यहां स्थानीय पुराने रह लोगों के अनुसार जब टीम रोटरी आई हॉस्पिटल मार्केट में पहुंची तो जहां अस्पताल के सामने दूसरे छोर पर जहां सर्वाधिक अतिक्रमण था और जिन दुकानदारों की लापरवाही के चलते नालियां बंद कर देने के कारण सड़क की दुर्दशा के चलते विभाग को हर वर्ष लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है उन्हें किन्हीं अज्ञात कारणों के चलते बक्श दिया गया और नेशनल हाईवे की हदों को सामने की ओर आई हॉस्पिटल की तरफ बढ़ा दिया गया। गरीब लोगों पर तो चाबुक चला दिया गया जबकि प्रभावशाली कहे जाने वाले लोगों को स्पष्ट रूप से छोड़ दिया गया। लोगों ने कहा कि NHAI और rरेवेन्यू विभाग की टीम के कुछ सदस्यों ने किन्हीं अज्ञात कारणों के चलते भेदभाव की नीति अपनाई है क्योंकि विभिन्न दुकानों की पैमाईश जब तीन बार करवाई गई तो तीनों बार 3 से 4 फुट तक का फर्क देखा गया जोकि नाइंसाफ़ी और कोताही नहीं तो और क्या है। पैमाईश सही तरीके से करने के आरोप जनता जड़ रही है जिसे टीम कतई अनदेखा नहीं कर सकती। लीगों ने तीखे स्वरों में आवाज़ उठाई है की भेदभाव पूर्ण नीति को न अपना कर पारदर्शिता बरती जाए वरन हालात गंभीर हो सकते हैं जिसका खामियाजा NHAI और रेवेन्यू विभग्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भुगतना पड़ सकता है।

लोगों ने संबंधित विभाग को चीतते हुए कहा है कि अगर आई हॉस्पिटल के सामने की दुकानों के पीछे की ओर पुराने पक्के रास्ते से पारदर्शिता बढ़ाते हुए नेशनल हाईवे की पैमाइश करवाई जाए तो रोटरी आई हॉस्पिटल की पूरी बिल्डिंग पड़ सकती है और जिन लोगों को बख्शा गया है वह नेशनल हाईवे की जद में आ सकते हैं तथा निर्दोष बच सकते हैं। पारदर्शिता ना बरतने के परिणामस्वरूप ही टीम को तीन तीन बार गलत निशान लगाने पड़ रहे हैं जोकि धांधली का जीता जागता उदाहरण है।

दुकानदारों ने मांग की है कि रोटरी आई हॉस्पिटल के सामने की मार्किट की  पुनः पैमाईश करवाई जाए ताकि दोषियों को उनके किए की सजा मिल सके। लोगों ने आरोप लगाया है कि कथित मिलीभगत के चलते जनाक्रोश बढ़ने की संभावना है। अधिकारियों को निष्पक्ष होकर पैमाइश करवानी चाहिए ताकि लोगों का न्याय पर विश्वास बना रहे।

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