छोटी सी जिंदगी है ; हंस कर जीना सीखिए, छोड़ो गिले शिकवे ,कड़वे घूंट पीना सीखिए।

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छोटी सी जिंदगी है ; हंस कर जीना सीखिए,
छोड़ो गिले शिकवे ,कड़वे घूंट पीना सीखिए।

हो सके तो बस ;इतनी सी मदद कर देना ,
कोई गिरा मिले ,उठा कर खड़ा कर देना।

कब कौन और कहां पर ;पराधीन हो जाए,
दुआ कर देना वहां, कोई और न हो जाए।

बस दो घूंट पानी ;और गले उसे लगा लेना,
वह पराधीन है ,ऐसा एहसास मत करा देना।

कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
कलोल बिलासपुर हिमाचल

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