नगर निगम पालमपुर को लगा अन्याय का ज़ोरदार झटका : महापौर का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होने के उपरान्त अनारक्षित करना न्यायसंगत नहीं : प्रवीण शर्मा, पूर्व विधायक
पालमपुर नगर निगम में पहले महापौर का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होने के उपरान्त अनारक्षित करना न्याय संगत नहीं :- प्रवीन कुमार..
यह प्रतिक्रिया सेवा निवृत गद्दी जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी कल्याण संगठन के अध्यक्ष श्री मनशा राम ने प्रोपर चैनल के माध्यम से उपायुक्त कांगड़ा को लिखे पत्र जिसकी कि प्रति ट्राइबल चेयरमैन से लेकर मुख्यमन्त्री , सम्बधित विभाग के मन्त्री , मुख्य सचिव सहित तमाम उच्चाधिकारियों के अतिरिक्त इन्साफ संस्था के अध्यक्ष एवं पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार की सेवा में भी प्रेषित करते हुए व्यक्त की हैं । पत्र में वर्णित तथ्यों से अवगत करवाते हुए श्री मनशा राम ने जो पत्र मुख्यमन्त्री जी को लिखा है उस एवज़ में मुख्यमन्त्री के कार्यालय पत्र संख्या सचिव/ सी एम – UO102/2022-डीईपी-A- 79349 दिनांक 17 अक्टूबर 2023 के तहत निदेशक शहरी विकास को मामले का अध्ययन करके फाईल को पुट अप करने के लिए कहा है। इसी के साथ मनसा राम ने उपायुक्त महोदय को स्पष्ट करना चाहा है कि यह पत्र जो आपने अतिरिक्त मुख्य सचिव राज्य ( जन शिकायत निवारण ) विभाग को प्रेषित किया है वास्तव में यह शिकायत पत्र नहीं है जव कि तर्क के साथ यह पत्र निदेशक शहरी विकास हिमाचल प्रदेश को टिप्पणी के लिए प्रेषित किया जाना चाहिए था । श्री मनशा राम ने इन्साफ संस्था के अध्यक्ष एवं पालमपुर के पूर्व विधायक के माध्यम से उपायुक्त महोदय से अपील है की है कि जब तक सेवा निवृत गद्दी जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी कल्याण संगठन को मुख्यमन्त्री कार्यालय से तसल्लीबक्श जवाब नहीं मिल जाता तव तक चुनावी प्रक्रिया को लम्बित रखा जाए।