कांगड़ा के युवाओं को लाइफ स्किल से एच आई वी / एड्स, नशे से बचने हेतु सशक्तिकरण जीवन में सफतला के लिए सेल्फ कंट्रोल व लक्ष्मण रेखा का मूलमंत्र
कांगड़ा के युवाओं को लाइफ स्किल से एच आई वी / एड्स, नशे से बचने हेतु सशक्तिकरण जीवन में सफतला के लिए सेल्फ कंट्रोल व लक्ष्मण रेखा का मूलमंत्र
कांगड़ा जिला के विभिन्न रेड रिबन क्लब के PEER एजुकेटर की कार्यशालाओं का आयोजन राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण समिति के सौजन्य से राजीव गाँधी इंजीनियरिंग महाविद्यालय नगरोटा बगवां के सभागार में की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी काँगड़ा डॉ सुशील शर्मा व् निदेशक इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रो दीपक कुमार ने की। डॉ सुशील ने यह भी बताया कि कांगड़ा जिला के विभिन्न राजकीय कॉलेजों में आगामी चरण की एचआईवी / एड्स, रक्तदान व क्षय रोग (टीबी) से संबंधित प्रतोयोगिताए की जाएंगी। 2030 तक टीबी और एचआईवी को खत्म करने के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स तय किया गए हैं जिनके लिए सभी की भागेदारी अत्यंत जरूरी है।
इस कार्यशाला में गुंजन संस्था से विजय कुमार व शिक्षा विद निखिल शर्मा ने विशेष रूप से भाग लिया, उन्होंने गहन और रोचक तरीके से प्रतिभागियों से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें किशोरावस्था में बदलाव, युवावस्था में विभिन्न चुनौतियों के बारे में चर्चा करना, युवाओं में नशे की प्रवृत्ति, छोटी उम्र में गर्भधारण, साथियों का नकारात्मक का दबाब तथा रक्तदान करने के महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा की तथा प्रतिभागियों ने भी अपने-अपने अनुभव साझा किए।
युवावस्था में (15 से 25 वर्ष) एचआईवी और एड्स को लेकर ज्यादा संवेदनशील हैं, जिन में हर तरह के जोखिम उठाने की प्रवृत्ति होती है। परस्पर चर्चा करते हुए युवाओं को अपनी सीमाएं तय करना, साथियों के नकारात्मक दबाव को कैसे मना करना, के बारे में जीवन कौशल सिखाए ।
इस अवसर पर जिला एड्स कार्यक्रम अधिकारी डॉ राजेश सूद ने युवाओं से आह्वान किया की युवा स्वास्थ्य के बारे में जागरूक बनें। साथ ही युवा एचआईवी, टीबी, कोविड के मरीजों के साथ भेदभाव न कर के मिसाल प्रस्तुत करें व रोल मॉडल के रूप में आगे आएं। जिला एड्स कार्यक्रम अधिकारी ने बताया की सर्वश्रेष्ठ क्लबों को सम्मानित किया जायेगा।
युवाओं को प्रतिभा निखारने के सुनहरे अवसर के बारे में प्रतिभागियों को अवगत किया। रेड रिबन क्लब के PEER एजुकेटर को उनके दायित्व के बारे में समझाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर क्लब गतिविधयों को दर्शाने हेतु प्रेरित किया। प्रक्षिक्षण में टीच एड्स के रोचक चलचित्र द्वारा जाकारी साँझा की गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर राजेश सूद ने बताया कि टीवी रोग एक संक्रामक रोग है जो कि बैक्टीरिया के द्वारा फैलता है। जब कोई टीबी से संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो यह बैक्टीरिया हवा के माध्यम से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में चला जाता है और बीमारी उत्पन्न कर देता है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को 2 सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार, थूक में खून आना, और वजन में कमी हो तो उसे शीघ्र ही निकटतम के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए और यदि व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो उसे दवाई शुरू कर दी जाती है। दवाई शुरू होने से व्यक्ति फिर आगे दूसरे व्यक्ति को संक्रमण नहीं फैला सकता है। उन्होंने बताया कि फेफड़ों की टीबी के अतिरिक्त अन्य शरीर के अंगों में भी टीबी हो सकती है। उन्होंने बताया कि विभाग ने टीबी मुक्त हिमाचल ऐप चलाई है जिसमें नजदीकी सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध है।
निदेशक इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रो दीपक कुमार ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि रक्तदान से कमजोरी नहीं आती है, व सभी से आह्वान किया की इस पुनीत कार्य में बढ़ चढ़ कर भाग लें।
इस कार्यशाला में डी टी सी धर्मशाला के आईसीटीसी कर्मचारी यामिनी सूद, ऋषि वालिया, डी पी सी संजीव कुमार, जिला कोर्डइनेटर विशाल शर्मा, व् राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम डॉ नेहा कोंडल, मीना, प्रीत किरण, रोज़ी, मीनाक्षी, अश्वनी, मनोज, सुशील व अंतरिक्ष भी उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों ने रेड रिबन प्रतीक लगाकर अपनी प्रतिबद्धता का परिचय दिया।
ट्रेनिंग में प्रतिभागी रेड रिबन क्लब राजकीय महाविद्यालय शाहपुर, शहीद विक्रम बत्रा महाविद्यालय पालमपुर, डी.ए.वी. महाविद्यालय कांगड़ा, जी.सी.टी.ई. धर्मशाला, फार्मेसी महाविद्यालय नगरोटा बगवां, राजीव गाँधी इंजिनीयरिंग महाविद्यालय नगरोटा बगवां, जीजीडीएसडी कॉलेज राजपुर, राजकीय महाविद्यालय मटौर, शरण कॉलेज ऑफ एजुकेशन कांगड़ा, ज्ञान ज्योति महाविद्यालय रेत, राजकीय महाविद्यालय नोरा, राजकीय आई टी आई पालमपुर, राजकीय महाविद्यालय रककड़, नेताजी सुभाष नर्सिंग महाविद्यालय पालमपुर, पंडित संत राम महाविद्यालय बैजनाथ, राजकीय आई टी आई शाहपुर, एम आई टी आई ठाकुरद्वारा, गुरु द्रोणाचार्य नर्सिंग कॉलेज पोल, राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला, द्रोणाचार्य कोलेज ऑफ एजुकेशन रेत, राजकीय महाविद्यालय तकीपुर, राजकीय महाविद्यालय हरिपुर गुलेर, राजकीय महाविद्यालय बड़ोह, के एल बी कन्या महाविद्यालय पालमपुर ने भाग लिया।