मारंडा पोस्ट आफिस और पंजाब नेशनल बैंक मारंडा की सुरक्षा ख़तरे में, रात के अंधेरे में पोस्ट ऑफिस हुआ सेंध का शिकार

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पोस्ट आफिस और पंजाब नेशनल बैंक मारंडा की सुरक्षा ख़तरे में, रात के अंधेरे में पोस्ट ऑफिस हुआ सेंध का शिकार


जिस तरह गुपचुप तरीके से एतबार की अंधेरी सर्द रात इन सुनसान माहौल में पोस्ट ऑफिस मारंडा का बाईं ओर का छोटा शटर उठा कर सेंध लगाई गई उससे साथ लगते पंजाब नेशनल बैंक की सुरक्षा के लिए भी गम्भीर ख़तरा पैदा हो गया है।
हुआ यूं कि ऐतवार की रात जब आई हॉस्पिटल के एकदम सामने स्थित पोस्ट ऑफिस से उठती, कुछ सहमी-सहमी सी, दबी-दबी सी आवाज़ें शांत वातावरण में खलल डाल रही थीं।
जैसे ही पास ही स्थित इंडिया रिपोर्टर टुडे के कार्यालय को भनक लगी तो फौरन मौके का दौरा किया गया। जब पोस्ट ऑफिस के बाहर पहुंचे तो क्या देखा, बाईं ओर का पोस्ट आफिस का छोटा शटर लगभग दो फुट ऊपर उठा हुआ था।
थोड़ी देर इंतज़ार करने के बाद, जब काफी आवाज़ें लगाएँ की “अंदर कौन है” तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।
फिर कुछ हिम्मत जुटा कर जब शटर के भीतर बमुश्किल सिर डाल कर देखा और तीन बार पूछा गया कि अंदर कौन है और अंधेरी रात में सरकारी कार्यालय में गुपचुप तरीके से यह क्या चल रहा है तो यह देखने में आया कि मोबाइल की धीमी रोशनी में 4-5 लोग मौजूद थे, धीरे-धीरे किसी चीज़ पर चोट कर रहे हैं। पहले तो कोई जवाब नहीं दे रहा था, बाद में अंदर से अवाज़ आई कि मैं हूं राजेश जी, प्रदीप सूद।
जब पूछा गया कि आप इतने लोगों सहित एक भारत सरकार के कार्यालय में क्या कर रहे हो तो उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया और कहा कि चिन्ता की कोई बात नहीं। आप यहां से चुपचाप चले जाओ। बाद में न जाने कब ये लोग अपना काम निबटा कर नौ दो ग्यारह हो गए। रहस्य आज भी बरकरार है।
मौके के सुबूत मौजूद हैं।
खतरे की गंभीरता को भांपते हुए जब इन्वेस्टिगेशन की गई तो पता चला कि पोस्ट ऑफिस की बिल्डिंग के मालिक ने रात के समय, छुट्टी वाले दिन न जाने किस इरादे से पोस्ट आफिस में गुपचुप तरीके से 4-5 लोगों सहित एंट्री मारी और कुछ गुपचुप कार्यवाही करके 2-3 घंटे बाद शटर बंद करके ताला लगा कर वहां से भाग गए।
अब इस सेंधमारी से कई गंभीर सवाल जन्म ले रहे हैं।
भारत सरकार के संवेदनशील कार्यालय में रात के अंधेरे में मकान मालिक प्रदीप सूद कुछ संदिग्ध लोगों सहित हल्का सा शटर उठाकर आखिर अंदर चुपचाप क्या कर रहा था?
अंदर घुसने की परमिशन किसने दी?
पोस्ट आफिस में लोगों के और कई सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों के अति आवश्यक और गोपनीय दस्तावेज पोस्टिंग के लिए पड़े होते हैं, उनकी सुरक्षा नें चूक कैसे हुई?
अगर कोई डॉक्युनेंट्स चोरी हो जाते, गायब हो जाते तो कौन जिम्मेदार होता जबकि कोई दस्तावेज़ गायब होने का शक तो अभी भी जताता ही जा सकता है। संबंधित विभाग को इस बात का पता अवशय लगाना चाहिए कि इतनी बड़ी कोताही कैसे हुई?
यह पब्लिक प्रॉपर्टी और सरकारी गोपनीयता पर करारी चोट है। अगर इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो भविष्य में बेकसूर कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है जोकि अति दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
इस सनसनीखेज मामले के परिणामस्वरूप साथ लगते पंजाब नेशनल बैंक की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लग चुके है।
साथ ही पंजाब नेशनल बैंक का ATM भी है जिसकी सुरक्षा में पहले भी सेंध लग चुकी है। तोड़फोड़ का शिकार हो चुका है। ऐसे में इन संदिग्ध घटनाओं में शक की सुईयां किस ओर इशारा कर रही हैं इसका अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है।
प्रश्न उठता है कि आखिर यहां स्थित पोस्ट ऑफिन, पंजाब नेशनल बैंक, ATM की सुरक्षा का जिम्मा किसके सिर पर है जबकि बाड़ ही खेत को खा रहा है।
पहले ही पोस्ट आफिस और पंजाब नेशनल बैंक अनाधिकृत गैरकानूनी पार्किंग और स्थानाभाव के कारण कई अन्य आधारभूत सुविधाओं की कमी का शिकार बना हुआ है। बिना पार्किंग सुविधा के ये दोनों संवेदनशील अति महत्वपूर्ण कार्यालय आखिर इस बिल्डिंग में चल कैसे रहे हैं, यह एक ज्वलन्त प्रश्न है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है और गहन सोच का विषय है। दोनों ही सरकारी कार्यालयों को आत्ममंथन करना चाहिए इससे पहले की कोई बड़ी दुर्घटना हो जाए और मासूम बेकसूर कर्मचारियों को अपनी कीमती नोकरी से हाथ धोना पड़े।
वैसे भी उपभोक्ता इन दोनों कार्यालयों को यहां असुरक्षित स्थान से अन्यत्र शिफ्ट करने की ज़ोरशोर से मांग करते आ रहे हैं लेकिन हैड ऑफिस में किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
अब देखते हैं ऊंट किस करवट बैठता है!



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