मुख्यमंत्री सुक्खू बने बेताज बादशाह, हुए और अधिक शक्तिशाली, नेक नियति और ईमानदारी का दामन थाम कर जीत गए खतरनाक जंग, अब सुक्खू को छोड़ भाजपा अपने निलम्बित विधायकों को बचाने में जुटी

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KOTA CLASSES IN PALAMPUR
CHIEF MINISTER RELIEF FUND.. FULL PAGE ADVT. R.O. No. 1220/2022-2023 (Display)
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Rajesh Suryavanshi, Editor-in-Chief, HR MEDIA GROUP, CHAIRMAN : Mission Again st CURRUPTION, H.P., Mob : 9418130904, 898853960)
INDIA REPORTER TODAY (IRT)

“हिमाचल प्रदेश में हुए हाल ही के राजनीतिक घटनाक्रम के चलते हुए उलटफेर से सुरक्षित बाहर निकलने वाले मुख्यमंत्री सुक्खू अब और अधिक शक्तिशाली बन कर उभरे हैं। उनमें विनम्रता भी बढ़ी है।

मुसीबतों से ईमानदारी और हिम्मत से लड़ कर विजयी होने की उन्हें पुरानी आदत है। वह मुसीबत से कभी हार नहीं मानते, यह उनकी जीवनशैली का अटूट हिस्सा है। इसी के बल पर वह 6 गद्दारों के धोखे का प्रहार पीठ पर सह गए और भाजपा के बिछाए भयंकर जाल को नष्ट-भ्रष्ट करके बड़ी होशियारी से विजयी होकर बाहर भी निकल आए। और वे 6 गद्दार जिन्होंने अलनी मां से गद्दारी की, वे प्रतिपक्ष की चरण-शरण में, प्रदेश से बाहर, डरे-सहमे से बेचैन एक होटल में डेरा जमाए बैठे हैं। उनके गुनाह वहां भी उनका साथ नहीं छोड़ रहे। जनता को क्या जवाब देंगे और उनके गुस्से से कैसे बचेंगे, यही चिंता उन्हें दिन-रात खाए जा रही है। मुख्यमंत्री क्षत्रु अमानवीय ढंग से उन्हें शरण दे रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश के लोगों का मानना है कि इस सारी मुसीबत से उन्हें निकालने वाले भगवान ही थे क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्कू परमात्मा को हमेशा अंग-संग लेकर चलते हैं उनमें गहरी आस्था रखते हैं, दीन-दुखियों का दर्द समझते हैं और उनकी सहायता करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं इसीलिए भगवान भी उनकी सुनता है वरना उनके खिलाफ जो भयंकर जाल बुना गया था उसे काट कर बाहर निकलना किसी आम आदमी के बस की बात नहीं है।

प्रदेश के लोग आज उस वक्त को याद करते हुए वर्तमान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह की तुलना कोरोना के समय रहे मुख्यमंत्री से करते हुए कहते हैं कि एक समय था जब कॉविड चरम सीमा पर था, हर रोज हजारों लोग दम तोड़ रहे थे लोग अपने प्रियजनों की मृत्यु के बाद उनकी शक्ल तक नहीं देख पा रहे थे, उस कठिन समय में ठाकुर सुखविंदर सिंह ने अपनी नेक कमाई में से 11 लाख रुपए जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए थे। उनकी माता जी ने भी 51 हज़ार दिए।

ऐसा आज तक किसी राजनीतिज्ञ ने करने की हिम्मत नहीं दिखाई। उस समय तो सुक्खू के पास कोई पद भी नहीं था। वह विपक्ष में थे।

लेकिन दुख की बात है कि जब संसार इस भयंकर कोरोना काल से गुज़र रहा था, सुक्खू समेत सब लोग राहत कार्यों में जीजान से जुटे हुए थे उस समय सत्ता पक्ष के लोग तत्कालीन अधिकारियों के कंधों पर बंदूक रसख कर करोड़ों रुपए कमाने में मशगूल थे। कई स्वास्थ्य अधिकारी, डायरेक्टर हेल्थ और न जाने कितने लोग जो गिरफ्तार हुए थे, आज भी जांच में संलिप्त हैँ। वे तो फंस गए लेकिन राजनेता आज भी करोड़ों डकार कर गर्व से अपना सिर ऊपर उठाए घूम रहे हैं। उन पर सिर्फ परमात्मा की जांच चल रही है। देश के कानून की आंखों में तो धूल झोंक दी लेकिन कुदरत के कहर से ये बेईमान नहीं बचेंगे।
उस समय कोरोना से राहत के लिए लोगों ने जो सामग्री दान में दी थी, सरकारी रहनुनाओं ने संवंधित अधिकारियों की मदद से उन पर खुद महंगे रेट अंकित करवा कर, अपनी ही सरकार को ही वेच कर करोड़ों रुपए डकार लिए थे।
ऐसा घिनोना कृत्य न आज तक किसी ने किया और न ही शायद कोई करने की हिम्मत कर सकता है।
ऐसे लोगों के साथ गरीबों के मसीहा ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम न कभी जोड़ा जा सकता है और न ही इन कथित बेईमानों के साथ उनकी तुलना की जा सकती है।
क्योंकि मुख्यमंत्री बनते ही ज़रूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए जो व्यक्ति अपने जीवनभर की पूंजी 51 लाख रुपए एक झटके में दान देकर पूरे देश की राजनीति का ध्यान अपनी ओर केंद्रित कर सकता है तो क्या ईश्वर ऐसे ईमानदार शख्स का साथ नहीं देंगे। उनकी नेक नियति के कारण ही परमात्मा आज उन पर मेहरबान हैं।

‘मिशन लोटस’ होगा नाकामः सुक्खू

सीएम सुक्खू ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी का ‘मिशन लोटस’ का सपना धरा का धरा रह जाएगा। भाजपा के पास बहुमत नहीं है इसलिए जयराम ठाकुर मिशन लोटस के सपने न देखें। वहीं बर्खास्त बागी विधायकों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि वे काले सांप के समान हैं। कांग्रेस के चिन्ह पर लड़े चुनाव अब पार्टी को ही धोखा देकर हरियाणा में कैद हो गए हैं। जनता उन लोगों को माफ नहीं करेगी।’

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के बाद अब उल्टा भाजपा भी टेंशन में आ गई है। हाल ही में खत्म हुए हिमाचल के बजट सत्र के दौरान व्हिप का उल्लंघन करने पर 6 कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद, अब भाजपा के 7 विधायकों को भी निष्कासन की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। 28 फरवरी को सदन के अंदर हंगामा करने के आरोप में विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

उल्लेखनीय है कि 28 फरवरी को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने 15 बीजेपी विधायकों को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया था। इस स्पीकर ने मार्शलों को निलंबित विधायक को बाहर ले जाने का निर्देश दिया था।
अगर ये सभी विधायक स्थाई रूप से निलंबित हो जाते हैं तो सुक्खू को बेवजह सत्ता के लोभ में कोसने वालों की और सुक्खू सरकार को गिराने का स्वप्न देखने वालों किक्या दुर्गति होगी इसका अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है।
अगर मुख्यमंत्री सुक्खू को और अधिक शक्तिशाली बन कर उभरना है तो उनहें पार्टी संगठन एनएसयूआई को जीवनदान देने हेतु आगे आना होगा जोकि इस समय पूरे प्रदेश में अंतिम सांसें गिन रहा है। संगठन मज़बूत होगा तो पार्टी मज़बूत होगी। इस दिशा में पार्टी के किसी नेता ने इस संदर्भ में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है जोकि हैरानी और दुख का विषय है। मुख्यमंत्री से संगठन को उम्मीद जगी है।

POSTER WAR का तीख़ा वार

उधर 6 बागियों के खिलाफ प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर लग रहे अज्ञात पोस्टरों ने भी बागी विधायकों की नींद हराम कर रखी है। यही पोस्टर वॉर (Poster War) कांग्रेस हाईकमान और दिल्ली के गलियारों तक पहुंचने की खबरें भी लगातार प्राप्त हो रही हैं । पोस्टरों में बागियों की फोटोज के ऊपर लिखा गया है कि

पूछो कितने में बिके ये गद्दार, राजा और रानी हैं इनके सरदार“।

वास्तविकता जो भी हो लेकिन फिलहाल इन पोस्टरों ने बड़े-बड़े दिग्गजों की नींद हराम कर दी है जिसका असर दिल्ली के राजनीतिक गलियारों तक जा पहुंचा है।

उल्लेखनीय है कि सरकारी तंत्र अभी तक इन पोस्टरों की हकीकत से अन्जान है, हैरान है। इन पोस्टरों का सूत्रधार कौन है ‘पक्ष या विपक्ष’। यह भी खूब चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस-प्रशासन अपना काम कर रहा है। बाकी सब भविष्य के गर्भ में है।

फिलहाल तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जो अनिश्चितता का खतरा मंडरा रहा था वह हट गया है, धुन्ध के बादल छंट गए हैं और उल्टा भाजपा को अपने निलंबित विधायकों को बचाने के लाले पड़ गए हैं।

इस सारे घटनाक्रम में विधानसभा अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह पठानिया ने अपनी शक्तियों का उचित प्रयोग कर जो रोल मॉडल पेश किया है वह प्रशंसनीय है, अवर्णनीय है, ऐतिहासिक है। इसकी सर्वत्र चर्चा है और इस निष्पक्ष जज़्बे को देश के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।

Dr. Sushma Sood, Lead Gynaecologist
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Dr. Swati Katoch Sood, & Dr. Anubhav Sood, Gems of Dental Radiance
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