अचानक से यह क्या हो गया, अब हमीरपुर में भी अनुराग ठाकुर की डगर नहीं रही आसान, रायजादा और अनुराग में कांटे की टक्कर, सीट आ सकती है कांग्रेस की झोली में
सतपाल सिंह रायजादा
हमीरपुर लोकसभा में सतपाल रायजादा भाजपा के महत्वपूर्ण केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के मुकाबले में है ,यकीनन सतपाल रायजादा का राजनीतिक कद अनुराग के मुकाबले छोटा है , बैकअप में सतपाल रायजादा के पास सिर्फ कार्यकर्ता है जबकि अनुराग ठाकुर के पास उनके पिता का तजुर्बा लंबी राजनीतिक पारी और अपनी व्यक्तिगत केंद्र में मजबूत पकड़ है लेकिन जिस सीट को एक तरफा मानकर सब आसान मुकाबला समझ रहे थे वही सतपाल रायजादा अब कड़ी टक्कर दे रहे है । इसके कारण क़ई हो सकते है लेकिन सतपाल रायजादा की राजनीतिक मजबूती है उसके कार्यकर्ता और जनता इसके साथ कार्यकर्ताओं के प्रति सतपाल रायजादा का समर्पण कुछ घटनाएं मेरी जानकारी में है आपसे सांझा करता हूँ …
सतपाल रायजादा जब ऊना के विधायक थे तो ऊना का एक मोची और उनका परिवार फरियाद लेकर गया की एसडीएम काम नही करता , सतपाल रायजादा ने पहले फोन पर एसडीएम से बात करने की कोशिश की लेकिन जब विधायक विरोधी पार्टी का और सत्ता में दूसरी पार्टी हो अधिकारी भी फिर ज्यादा परवाह नही करते , सतपाल रायजादा के साथ भी ऐसा ही हुआ एसडीएम ने बात नही सुनी , रायजादा उसी समय उठे और सीधे एसडीएम ऑफिस पहुंच गए और तब तक वहां से नही आए जब तक उस मोची परिवार का काम नही हुआ ।
* पांच वर्ष विधायक रहे और ट्रस्ट बनाकर अपना वेतन जरूरतमंद परिवारों में बांट दिया मैं शर्त लगाकर कह सकता हूँ की उन परिवारों के साथ सतपाल रायजादा की एक भी फोटो नही मिलेगी न इसकी कभी पब्लिसिटी नही की …न ही
* एक्स सर्विस मेन फौजियों का कोई मामला था पुलिस केस , उसमें सतपाल रायजादा से मदद मांगने पहुंचे , आईओ ने बात तक नही सुनी फिर रायजादा एसएचओ ऊना सदर के पास पहुंच गए और उस विवाद में फौजियों की मदद की क्योंकि फौजी उस मामलें में सही थे ।
* एक मर्डर केस में जब पुलिस कारवाई नही कर रही थी और मामलें को दबाने का प्रयास किया जा रहा था तो पीड़ित परिवार के साथ धरने पर बैठ गए थे और उस पीड़ित परिवार के लिए इंसाफ की लड़ाई में उनका साथ दिया
* मैहतपुर से एक परिवार रायजादा के पास मदद के लिए आया क्योंकि उनके बच्चे को चोट लगी थी और ऊना हॉस्पिटल में उसका इलाज हुआ जो सामान हॉस्पिटल के अंदर उपलब्ध था उसे भी बाहर से मंगवाया और बिल कहीं अधिक बना दिया , सतपाल रायजादा सीधा सीएमओ के पास पहुंच गए और उनसे भिड़ गए , बाद में उन्हें बिल में राहत दिलाई और खुद से भी पैसे की मदद की
* एक बार ऊना के एक व्यक्ति ने फेसबुक पर तंज कसा की कहाँ है सतपाल रायजादा विधानसभा में नजर नही आते , सतपाल रायजादा ने उस पोस्ट पर आकर लिखा कि मां के इलाज में व्यस्त हूँ कुछ काम है तो बताए मैं हाजिर हूँ , इस पर उस व्यक्ति से कुछ भी लिखते न बना …
** सतपाल रायजादा कैसे व्यक्ति है कैसे राजनेता है , क्या करते है क्या नही करते गए लेकिन एक बात साफ है उनकी ताकत उनके कार्यकर्ता है जो उनके एक इशारे पर उनके लिए कुछ भी कर सकते है .. मुझे तो यही एक कारण लगा कि कार्यकर्ताओ के मध्य उनका क्रेज़ ही ऐसा है जिस कारण से लोग उन्हें पसंद कर रहे है । चुनाव का परिणाम क्या होगा क्या नही कह नही सकते लेकिन एक बात तय है कि अनुराग ठाकुर के मुकाबले में सतपाल रायजादा अब काफी मजबूत स्थिति में पहुंच चुके है , जिस चुनाव को एक तरफा कहा जा रहा था अब वो वैसा नही रहा है ।