निजी आयुर्वेदिक अस्पताल भी टीबी मुक्त अभियान से जुड़ेंगे – निक्षय दिवस पर बोले सी.एम.ओ. -डॉ राजेश गुलेरी, निष्क्रिय टीबी जांच के लिए “साय टीबी जाँच” अब जिला में सभी स्वास्थ्य संसथानों में उपलब्ध

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धर्मशाला

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निजी आयुर्वेदिक अस्पताल भी टीबी मुक्त अभियान से जुड़ेंगे – निक्षय दिवस पर बोले सी.एम.ओ. -डॉ राजेश गुलेरी

निष्क्रिय टीबी जांच के लिए “साय टीबी जाँच” अब जिला में सभी स्वास्थ्य संसथानों में उपलब्ध

जिला कांगड़ा का जिला स्तरीय निक्षय दिवस कार्यक्रम एवं टीबी उनमूलन कार्यक्रम की मासिक समीक्षा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेश गुलेरी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिला कांगड़ा में 1076 टीबी के साथ जी रहे व्यक्तियों ने निक्षय मित्र योजना से जुड़ने में सहमति दिखाई है जिसमें से सितंबर माह में अभी तक 560 रोगियों को पोषक आहार निक्षय मित्रों द्वारा दिया गया है।

इसके अतिरिक्त बैंक, समाजसेवी संस्थाएं, मंदिर ट्रस्ट, व समाज सेवी भी निक्षय मित्र अभियान से जुड़ रहे हैं और टीबी के साथ जी रहे व्यक्तियों का मनोबल बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने निक्षय दिवस के नऐ प्लेकार्ड का भी इस अबसर पर विमोचन किया।

जिला कांगड़ा में वयस्क बीसीजी टीकाकरण अभियान के अंतर्गत 96992 व्यक्ति इसका लाभ उठा चुके हैं। शोध से पता चला है कि कुछ समूहों को टीबी होने का अधिक खतरा होता है जिन्हें बीसीजी का टीका दिया जाना चाहिए – वह व्यक्ति जो 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं और निम्नलिखित में से किसी एक समूह के अंतर्गत आते हैं वह बीसीजी का टीका ले सकते हैं। पिछले 5 वर्षों में जिन्हें टीबी हुआ हो, टीबी रोगियों के निकट या संपर्क में रहने वाले व्यक्ति, बुजुर्ग नागरिक 60 वर्ष और उससे अधिक, कुपोषित व्यक्ति, वर्तमान या अतीत में धूम्रपान करने वाले लोग मधुमेह रोगी।

जिला स्वास्थ्य व जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर राजेश कुमार सूद ने आवाहन किया कि छूटे हुए पात्र व्यक्ति इस टीकाकरण का लाभ उठाएं वह अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में संपर्क करें।

निष्क्रिय टीबी जांच के लिए “साय टीबी जाँच” अब उपलब्ध – त्वचा की जांच से पता चल जाता है कि टीबी निवारक उपचार टीपीटी की जरूरत है या नहीं। यह टेस्ट पहले किये जा रहे मोंटू टेस्ट से बेहतर है। त्वचा की जांच पॉजिटिव आने पर छाती की एक्स-रे जांच करके यह सुनिश्चित किया जाता है की सक्रिय टीबी नहीं है- तभी टी.पी.टी शुरू की जाती है। एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति या 5 साल से कम उम्र के बच्चों को इस जांच की जरूरत नहीं होती। सक्रिय टीबी न होने पर वह टी.पी.टी शुरू कर सकते हैं।

जिला में 2024 में अगस्त माह तक 2221 टीबी के मामले प्रकाश में आए हैं । वहीं जिला में टीबी के 47164 टेस्ट किए हैं जो की 43106 के लक्ष्य से अधिक हैं।

 

टीबी के नए मामलों की खोज में कफ सिरप सर्विलेंस भी चलाया जा रहा है। जिला कांगड़ा में 253 आयुर्वेद संस्थाओं से 178 लोगों की जांच के लिए सैंपल भेजे गए वहीं हेल्थ वेलनेस सेंटर से 990 लोगों की जांच कराई गई।

टीफा प्रोजेक्ट के अंतर्गत निजी क्षेत्र में आयुर्वेदिक डॉक्टर भी निक्षय से जुड़ेंगे और टीबी मुक्त भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान निभाएंगे। इसके लिए खंड स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित किये जायेंगे व् निक्षय पोर्टल पर सभी निजी क्षेत्र में आयुर्वेदिक डॉक्टरों का पंजीकरण किया जायेगा। यह पहल टीबी की जाँच में विलम्ब कम करने व रोगियों की जान बचाने में मददगार होगी ।

हर वेलनेस सेंटर में 2 टीबी चैंपियन बनाने का लक्ष्य रखा गया है जबकि 30 टीबी चैंपियन बनाए गए हैं और प्रयास जारी है। जिला क्षय रोग अधिकारी ,डॉ राजेश सूद ने बताया कि टीबी यानी क्षय रोग खतरनाक बीमारी है। दवा की डोज बीच मे छोड़ने से बीमारी बढ़ जाती है। टीबी को जो हरा चुके हैं वह चैंपियन हैं। टीबी चैंपियन की उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए और वह समाज को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने का इच्छुक होना चाहिएl उन्होंने कहा कि टीवी चैंपियन अब क्षय रोगियों और उनके परिवार को दवा के प्रति जागरूक करेंगे। टीबी से उन्मूलन में चैंपियन शामिल हुए तो मरीजों पर सकारात्मक असर होगा। टीबी चैंपियन अन्य सभी क्षय रोगियों को टीबी उपचार, नियमित दवा व नियमित जांच के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। बताएंगे कि टीबी रोग से घबराएं नहीं, उपचार पूरी तरह संभव है। चैंपियन यह भी बताएंगे कि कैसे नियमित दवा के सेवन, नियमित जांच से उन्होंने टीबी को मात दी है। इसलिए सही से चिकित्सक की बातों का पालन करने और नियमित दवा खाने से टीबी को मात देकर स्वस्थ हो सकते हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने टीबी के साथ जी रहे लोगों से अपील की कि वह टीबी चैंपियन बने और समाज में टीबी रोग व इससे जुड़ी भ्रांतियां के खात्मे के लिए अपनी अग्रिम भूमिका सुनिश्चित करे l

इस अवसर पर टिफा प्रोजेकट से प्रवीण चौहान, डब्लू.एच.पी. से विश्व बन्धु, सभी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, सीनियर मेडिकल ऑफिसर और नेशनल ट्यूबरक्लोसिस एलिमिनेशन प्रोग्राम के कर्मचारी उपस्थित रहे l

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