धर्मशाला में जिला कांगड़ा क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन
जिला कांगड़ा क्षय रोग उन्मूलन एवम निक्षय दिवस कार्यक्रम की मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी मीटिंग हॉल में किया गया । जिसकी अध्यक्षता मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी ने की ।इस समीक्षा बैठक जिला स्वास्थ्य क्षय रोग उन्मूलन अधिकारी डॉ राजेश सूद , जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ तरूण सूद , एम एस, एस एम ओ, जिला के खण्ड चिकित्सा अधिकारी व उनके सहयोगी स्टाफ व जिला क्षय केंद्र धर्मशाला के कर्मचारियो ने भाग लिया ।
बैठक का संचालन करते हुए डॉ राजेश सूद जिला स्वास्थ्य व क्षय रोग उन्मूलन अधिकारी जिला कांगडा ने कार्यक्रम के अंर्तगत चल रही गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी । मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2023 के लिए जिला कांगड़ा की 165 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की गई हैं । डॉ गुलेरी ने बताया कि October माह मैं जिला में टीबी के साथ जी रहे 624 रोगियों को 315 निक्षय मित्रों द्वारा पोषण सहायता दी गई है। डॉ गुलेरी ने कहा कि टीबी के साथ जी रहे 422 रोगियों को निक्षय मित्रों की आवश्यकता है जिसके लिए डॉ गुलेरी ने सबसे निक्षय मित्र बनकर आगे आने का आह्वान किया। बैठक में डॉ गुलेरी ने 100 दिवसीय निक्षय शिविर अभियान के बारे चर्चा की तथा इसके लिए तैयारियों के निर्देश दिए । डॉ गुलेरी ने जानकारी देते हुए कि जिला कांगड़ा ने 52296 टीबी जांच का लक्ष्य था जबकि इस वर्ष 54288 टीबी रोगियों की जांच की गई है । डॉ गुलेरी ने टीकाकरण के लाभार्थियों की नियमित स्वास्थ्य जांच पर बल देने साथ साथ आशा कार्यकर्ता द्वारा सन्डे एसीएफ गतिविधि को सुदृढ बनाने पर जोर दिया ।
डॉ गुलेरी ने टीबी रोगियों की बेहतर देखभाल के लिए डीटीबीसी जांच व सभी मरीजों दाखिल करने के निर्देश दिए तथा जिला में एच डब्ल्यू सी स्तर पर एक महिला व एक पुरुष टीबी चैंपियन चिन्हित करने के निर्देश दिए। डॉ गुलेरी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला के जिला अस्पताल, सीएच, सीएचसी , मेडीकल कॉलेजों में टीबी मरीजों के लिए 2 से 4 बेड चिन्हित किये गए हैं तथा टीबी के सभी मरीजों की देखभाल के लिए परिवार एक सदस्य को जोड़ा जा रहा है जिसे निक्षय साथी का नाम दिया गया है तथा कहा कि निक्षय साथी मरीज के ठीक होने में सहायक साबित होंगे। डॉ गुलेरी ने आह्वान किया कि सभी को टीबी मरीजों को मनोसामाजिक सहायता व पोषण सहायता के लिए निक्षय मित्र बनने के लिए आगे आना चाहिए ।
डॉ गुलेरी ने बताया कि बिगड़ी टीबी वाले मरीजों को आरपीटीएमसी टांडा जाने के लिए एक अटेंडेंट का भी किराया दिया जाता है वही टीबी मरीजों को मुख्यमंत्री क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निःशुल्क सीटी स्कैन व एमआरआई उपलब्ध कराई जा रही है । डॉ गुलेरी ने कहा कि जिला कांगडा में टीबी से जुड़ी सेवाओं को सुदृढ करने के लिए सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया है । डॉ गुलेरी ने बताया कि निष्क्रिय टीबी जांच के लिए “साय टीबी जाँच” सुविधा उपलब्ध है। डॉ गुलेरी ने जानकारी देते हुए बताया कि इससे त्वचा की जांच से पता चल जाता है कि टीबी निवारक उपचार टीपीटी की जरूरत है या नहीं। यह टेस्ट पहले किये जा रहे मोंटू टेस्ट से बेहतर है। त्वचा की जांच पॉजिटिव आने पर छाती की एक्स-रे जांच करके यह सुनिश्चित किया जाता है की सक्रिय टीबी नहीं है- तभी टी.पी.टी शुरू की जाती है। एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति या 5 साल से कम उम्र के बच्चों को इस जांच की जरूरत नहीं होती। सक्रिय टीबी न होने पर वह टी.पी.टी शुरू कर सकते हैं।
डॉ गुलेरी ने बताया कि जिला कांगड़ा में ग्राम पंचायत भागीदारी टीबी मुक्त अभियान को सुद्रढ़ करने के लिए पंचायत स्तर पर टीबी फोरम गठित किये गए हैं तथा उनकी बैठके भी आयोजित की जा रही हैं । डॉ गुलेरी ने जानकारी देते हुए बताया कि हर महीने 24 तारीख को निक्षय दिवस का आयोजन किया जाता है जिसका उद्देश्य टीबी रोग बारे चर्चा के साथ जनजागरूकता व किसी भी प्रकार की भ्रांतियां दूर करना है । डॉ गुलेरी ने टीबीमुक्त अभियान को जनांदोलन बनाने का भी आह्वान किया । डॉ गुलेरी ने स्वास्थ्य संस्थानों में फायर फाइटिंग उपकरणों को के बेहतर रखरखाव के निर्देश दिए । डॉ गुलेरी ने स्वास्थय संस्थानों में दवाइयां सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए ।
इस दौरान विश्व आयोडीन अल्पता विकार दिवस के अंतर्गत गतिविधी का भी आयोजन किया गया । इस के बारे जानकारी देते हुए मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी ने विश्व आयोडीन अल्पता विकार दिवस 2024 के थीम “सार्वजनिक जागरूकता और वैश्विक कार्रवाई के माध्यम से आयोडीन की कमी को समाप्त करना ।” की जानकारी देते हुए बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आमजनमानस में आयोडीन की कमी से होने वाले गम्भीर रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता बढाना है । डॉ गुलेरी ने
जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आयोडीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हमारे शरीर में थायराइड हार्मोन के लिए अति आवश्यक है lअगर खाने में इसकी कमी हो तो हमें कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि आयोडीन की कमी से घेंघा रोग, मानसिक विकार और गर्भवती माता में होने वाले बच्चों में शारीरिक और मानसिक विकास में कमी हो सकती है l डॉ गुलेरी ने बताया कि आयोडीन से होने वाली बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करना बहुत महत्वपूर्ण हैlडॉ गुलेरी ने आयोडीन की कमी से होने वाले गम्भीर रोगों के बारे आमजनमानस में जागरूकता बढाने के निर्देश खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए ।