संकट में रोटरी आई हॉस्पिटल, रोटरी आई हॉस्पिटल को किस दिशा में ले जाएगा कमज़ोर नेतृत्व, इसी कारण आ रही ओपीडी में आश्चर्यजनक गिरावट, लोग रुख कर रहे देवभूमि आई हॉस्पिटल तारागढ़ का जहां बिना समय बर्बाद किये पलक झपकते ही हो जाता है रोगियों का काम

रोटरी आई होस्पिटल मारंडा कल, आज और कल (भाग-1)

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Sukhu Govt
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DENTAL RADIANCE HOSPITAL
In DENTAL RADIANCE HOSPITAL PALmpur
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Dr. Swati Katoch Sood, & Dr. Anubhav Sood, Gems of Dental Radiance
DENTAL RADIANCE
DENTAL RADIANCE HOSPITAL PALAMPUR TOUCHING SKY

Dr. Sushma Women Care Hospital, LOHNA, PALAMPUR

Dr. Sushma Sood, Lead Gynaecologist
Dr. Sushma women care hospital

रोटरी आई हॉस्पिटल को किस दिशा में ले जाएगा कमज़ोर और जीर्ण-शीर्ण नेतृत्व

Munish Koundal

MUNISH KOUNDAL
CHIEF EDITOR
18 अक्टूबर को अपनी 39वीं वर्षगांठ मनाने वाला रोटरी आई हॉस्पिटल जोकि कहलाता तो चैरिटेबल है लेकिन चैरिटी मात्र नाम की रह गई है, इन दिनों कठिन दौर से गुजरता हुआ अपने अस्तित्व की जंग लड़ रहा है।
एक समय था जब यह अस्पताल उत्तरी भारत में अपनी सेवाओं के लिए जाना जाता था, लेकिन दुर्भाग्य से अब यह पतन की दिशा में अग्रसर हो रहा है।
ओपीडी में आई चौंकाने वाली गिरावट के पीछे कमजोर और दिशाहीन नेतृत्व को मुख्य वजह माना जा रहा है।

संस्थापक चेयरमैन, मुख्य कर्णधार डॉ एस के शर्मा और पुराना स्वर्णिम दौर

रोटरी आई हॉस्पिटल के संस्थापक चेयरमैन डॉ. शिव कुमार और डायरेक्टर डॉ. एस. के. शर्मा के कार्यकाल में अस्पताल ने सफलता के कई नए आयाम छुए थे। उनके नेतृत्व में अस्पताल ने उत्तरी भारत में विशेष पहचान बनाई। डॉ. एस. के. शर्मा की मेहनत ने रोटरी आई हॉस्पिटल को “जीरो से हीरो” बना दिया। अस्पताल की सेवाओं और मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिससे रोटरी आई हॉस्पिटल का नाम पूरे क्षेत्र में चमकने लगा।

डॉ. एस. के. शर्मा की उपेक्षा और नया दौर

हालांकि, बाद में डॉ. शर्मा को अलग-थलग करने की साजिशें तेज हो गईं। अंततः उन्हें होस्पिटल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। लेकिन डॉ. एस. के. शर्मा ने हार मानने के बजाय, नए सिरे से शुरुआत की। उन्होंने पालमपुर के पास तारागढ़ में ‘देवभूमि आई हॉस्पिटल’ के नाम से एक नया, अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अस्पताल शुरू कर दिया। उनकी इस पहल ने न केवल उनके समर्पण को साबित किया, बल्कि कई लोगों को चौंका भी दिया।

देवभूमि आई हॉस्पिटल बना रोटरी आई हॉस्पिटल के लिए चुनौती

देवभूमि आई हॉस्पिटल की तेजी से बढ़ती ओपीडी रोटरी आई हॉस्पिटल के लिए गंभीर चुनौती बन गई है। जहां रोटरी आई हॉस्पिटल की ओपीडी में गिरावट देखी जा रही है, वहीं देवभूमि आई हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण रोटरी आई हॉस्पिटल का वर्तमान नेतृत्व है, जो न केवल कमजोर है बल्कि अपने कथित स्वार्थों में उलझा हुआ है।

प्रबंधन में फूट और स्वार्थी कार्यशैली का प्रभाव

नया प्रबंधन न तो पुराने पदाधिकारियों की सुनता है और न ही उनके अनुभवों का लाभ उठाता है। इसके बजाय, नई कार्यकारिणी ने अपनी प्राथमिकताएं बदल दी हैं और निजी स्वार्थ साधने में लगी है। “अंधा बांटे रेवड़ियां, फिर-फिर अपनों को दे” और “अंधी पीसे, कुतिया खाए” वाली कहावतें यहाँ पूरी तरह चरितार्थ हो रही है। किसी की न तो सुनवाई होती है और न ही कोई उन्हें रोकने-टोकने वाला है। पुराने कर्मठ व्यक्तियों की जगह नई प्रबंधकारिणी में ऐसे लोग बैठे हैं, जिनके इरादे केवल सत्ता और लाभ से प्रेरित हैं।

अड़ियल नेतृत्व और इसके दुष्परिणाम

वर्तमान चेयरमैन श्री केजी बुटेल और उनकी टीम का कथित अड़ियल और तानाशाही रवैया रोटरी आई हॉस्पिटल की साख पर सीधा असर डाल रहा है। बुटेल की जिद और गुस्से के चलते किसी को भी खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं है। प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी के चलते अस्पताल की प्रतिष्ठा गिरती जा रही है। इससे न केवल अस्पताल की लोकप्रियता पर असर पड़ा है, बल्कि मरीजों का विश्वास भी कम हुआ है।

कर्मचारियों का भविष्य अधर मे

अगर जल्द ही नेतृत्व परिवर्तन नहीं हुआ तो अस्पताल के लगभग 200 कर्मचारियों के भविष्य पर तलवार लटक सकती है, सवालिया निशान लग सकता है। कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है और इस स्थिति के लिए मौजूदा प्रबंधन, चेयरमैन और उनकी टीम को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। रोटरी आई हॉस्पिटल जैसी प्रतिष्ठित संस्था की गिरती साख और खराब होती स्थिति को देखते हुए, नेतृत्व में बदलाव की सख्त जरूरत है, ताकि संस्थान फिर से अपनी पुरानी गरिमा को प्राप्त कर सके। 
HIMACHAL OPTICALS, Rotary Eye Hospital, Maranda
BMH
Dr. Prem Raj Bhardwaj
BHARDWAJ MULTISPECIALITY HOSPITAL ARLA PALAMPUR
Dr. Jaidesh Rana
Dheeraj Sood, Correspondent
Dheeraj Sood Advt

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